बुडापेस्ट का हीरोज स्क्वायर बुडापेस्ट का हीरोज स्क्वायर 

बुडापेस्ट को संत पापा फ्राँसिस का इंतजार है

हंगरी के लिए वाटिकन में राजदूत श्री एडवर्ड हैब्सबर्ग-लोथ्रिंगन, अंतर्राष्ट्रीय यूखरीस्तीय सम्मेलन के समापन मिस्सा समारोह के लिए संत पापा फ्राँसिस के बुडापेस्ट आगमन की प्रतीक्षा कर रहे हैं। वे अपने देश और यूरोप के बीच गहरे संबंधों को याद करते हैं।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार 10 सितम्बर 2021 (वाटिकन न्यूज) : हंगरी के लोग और बुडापेस्ट में हो रही 52वीं अंतर्राष्ट्रीय यूखरीस्तीय सम्मेलन के प्रतिभागी रविवार के समापन मिस्सा समारोह के लिए संत पापा फ्राँसिस के स्वागत करने की तैयारी कर रहे हैं। यूखरीस्तीय सम्मेलन पूरे जोरों पर है, जिसमें पवित्र मिस्सा समारोह, सामूहिक संगीत, प्रदर्शनी, विश्वास-साक्ष्य और  फिल्म समारोहों का एक समृद्ध कार्यक्रम है।

सम्मेलन के आयोजकों का कहना है कि यह सभा दुनिया के एक अरब से अधिक काथलिकों के लिए ख्रीस्तीय जीवन में यूखरीस्त की केंद्रीयता पर ध्यान केंद्रित करने का एक अनूठा अवसर है।

बुडापेस्ट का समारोह हंगरी के परंपरा के प्रति आस्था और सम्मान के 1,100 साल के इतिहास और देश की कलीसिया एवं राज्य के बीच लंबे समय से चले आ रहे संबंधों की खोज का एक अवसर भी है।

वाटिकन में हंगरी के राजदूत, श्री एडवर्ड हैब्सबर्ग-लोथ्रिंगन ने वाटिकन रेडियो के डेल्फ़िन अल्लायर को बताया कि हंगरी के लोग बुडापेस्ट में संत पापा की उपस्थिति को "एक वास्तविक उपहार" के रूप में देखते हैं। वे रोमांचित, खुश और उत्साहित हैं कि संत पापा फ्राँसिस यूखारिस्तीय सम्मेलन के समान के लिए बुडापेस्ट आ रहे हैं।"

एक दुर्लभ उपस्थिति

राजदूत, श्री एडवर्ड ने कहा, "वास्तव में, यूखारिस्तीय सम्मेलन के 140 वर्षों में यह पहली बार हुआ है कि हम यूखारिस्तीय सम्मेलन के समापन मिस्सा समारोह का अनुष्ठान करने के लिए संत पापा की उपस्थिति को हम एक महान उपहार और एक सम्मान के रूप में देखते हैं।"

देश में काथलिक कलीसिया की भूमिका के बारे में, राजदूत एडवर्ड बताते हैं कि, हंगेरी राज्य के अन्य धार्मिक समुदायों के साथ-साथ काथलिक कलीसिया भी "बहुत दृश्यमान" है।

उन्होंने कहा, "यह आंशिक रूप से इसलिए है क्योंकि हमारे संविधान में कहा गया है कि कलीसिया और राज्य, निश्चित रूप से, एक दूसरे से बहुत स्पष्ट रूप से अलग हैं।  कलीसिया और राज्य समाज की भलाई के लिए मिलकर काम करते हैं।" इसका मतलब है कि विभिन्न कलीसियाएँ और धार्मिक समुदाय सार्वजनिक स्थान पर मौजूद हैं और कई स्कूल कलीसियाओं द्वारा चलाए जाते हैं।

उन्होंने जोर देते हुए कहा, "आप हंगरी में सार्वजनिक पदों पर धार्मिक नेताओं की उपस्थिति को बहुत सामान्य के रूप में देखेंगे। कुछ ऐसा जो आप अक्सर यूरोप के अधिक पश्चिमी हिस्सों में अन्य देशों में नहीं देखते हैं। ”

गर्वित यूरोपीय

राजदूत हैब्सबर्ग-लोथ्रिंगन ने यूरोप और हंगेरी के बीच गहरे संबंध पर भी प्रकाश डाला।  यह देश यूरोप के मध्य में स्थित है - ऐतिहासिक रूप से यह मित्तेलुरोपा का हिस्सा है और लोग वास्तव में महसूस करते हैं कि वे महाद्वीप के केंद्र में हैं।

वे कहते हैं,"मजे की बात है, लोग कभी-कभी कहते हैं कि हंगरी यूरोपीय संघ छोड़ने जा रहा है और मैं हमेशा उसे बताता हूं कि यूरोप में बहुत कम देश हैं जिनमें यूरोपीय विचार और यूरोपीय संघ के लिए उत्साह हंगरी में उतना ही ऊंचा है, जितना कि पोलैंड में। ”

उन्होंने जोर देकर कहा, "हंगेरी यूरोपीय परियोजना के महत्व के बारे में बहुत ही सचेत और जागरूक हैं। वे यूरोप के 'धड़कते दिल' की तरह हैं। इस परिदृश्य से गहराई से जुड़ा यह तथ्य है कि हंगेरी की कलीसिया यूरोप के अन्य देशों की कलीसियाओं से जुड़ी हुई है।

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10 September 2021, 16:56