संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में छोटी अमाल की कठपुतली संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में छोटी अमाल की कठपुतली 

आप्रवासियों एवं शरणार्थियों की दुर्दशा को उजागर करती "छोटी अमाल"

"छोटी अमाल" 3.5 मीटर ऊंची कठपुतली एक सीरियाई बालिका है जो अपने परिवारवालों की खोज में तुर्की से इंगलैंड की 8,000 किलोमीटर की यात्रा पर है। कार्डिनल चरनी ने कहा कि अमाल हमें याद दिलाती है कि हमारे बीच दुर्बल आप्रवासी और शरणार्थियों से मुलाकात, हमसे सिर्फ नजर से कुछ अधिक मांग करती है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 10 सितम्बर 2021 (रेई)- अमाल को 10 सितम्बर को संत पेत्रुस प्रांगण लाया गया। यह विस्थापित बच्चों का प्रतीक है जिनमें से कई अपने माता-पिता से बिछुड़ गये हैं।

छोटी अमाल

छोटी अमाल को हैंड्सस्प्रिंग कठपुतली कंपनी द्वारा बनाया गया है, इसे संत पेत्रुस प्रांगण में स्थापित अनजान देवदूत स्मारक के निकट लाया गया। इसका स्वागत शरणार्थी एवं आप्रवासी विभाग के उपसचिव कार्डिनल माइकेल चरनी और परोपकार एवं आप्रवासियों के प्रतिनिधि सहायक धर्माध्यक्ष बेनोनी अमबारूस ने किया।

यह पहल यात्रा उत्सव द वॉक का हिस्सा है, जो तुर्की-सीरियाई सीमा के पास गाजियांटेप से शुरू होकर यूनाइटेड किंगडम में मैनचेस्टर पहुंचेगा। इस अवसर पर रोम धर्मप्रांत ने एक दावत का आयोजन किया है जिसमें रोम के विभिन्न पल्लियों से बच्चे भाग लेंगे। तथा शरणार्थियों द्वारा साक्ष्य भी दिये जायेंगे।  

9 साल की सीरियाई बालिका अमाल की विशाल कठपुतली जो विस्थापित बच्चों का प्रतीक है जिनमें से कई अपने माता-पिता से बिछुड़ चुके हैं। यह उनके आग्रह की याद दिलाती है, "हमें मत भूल जाएगा"- यह सभी से आंखें न मूंदने का तत्काल आह्वान है।

कार्डिनल चरनी ने कहा, "अमाल बड़ी और सुन्दर है और उससे मुलाकात करना खुशी की बात है किन्तु हमें तुरन्त याद दिलाती है कि हमारे बीच कमजोर आप्रवासियों, असुरक्षित श्रमिकों और शरण चाहनेवालों से मिलने के लिए केवल एक नज़र से अधिक की आवश्यकता है।"उनमें से प्रत्येक, दुःख और सपनों, जरूरतों और प्रतिभाओं के अपने सामान के साथ, हमारे कान, हमारे दिमाग और हमारे दिल की आंखें खोलने एवं हमारे हाथों को फैलाने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।"

आतिथ्य जीवन उत्पन्न करता है

छोटी अमाल का स्वागत करते हुए कार्डिनल चरनी ने गौर किया कि रोम धर्मप्रांत ने तम्बु के प्रभावशाली प्रतीक को चुना है जो अब्राहम के द्वारा तीन अजनबियों को उदारता पूर्वक निमंत्रण की याद दिलाता है। वे अजनबी ईश्वर के संदेशवाहक थे। उन अजनबियों ने अब्राहम को अनापेक्षित शुभ समाचार दिया था कि अब्राहम को बुढ़ापे में एक पुत्र होनेवाला है।

कार्डिनल ने कहा, "यह हमें सिखाता है कि अप्रत्याशित और अज्ञात मेहमानों को आतिथ्य प्रदान करने से ईश्वर के साथ एक मुलाकात की संभावना खुल जाती है," बाइबिल का यह मार्ग हमें सिखाता है कि "आतिथ्य जीवन को उत्पन्न करता है।"

कार्डिनल ने कहा कि स्वागत करने की क्रिया लोगों को बदल सकता है, इस बात पर  गौर करते हुए कि कई परिवारों और समुदायों ने अजनबियों का स्वागत किया है। उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि उनका स्वागत करनेवाले समुदायों में "पारस्परिक मान्यता, अधिकारों और कर्तव्यों के साथ, उनका एकीकरण एक दोतरफा प्रक्रिया है।" इसलिए, लक्ष्य होना चाहिए "नवागंतुकों का समग्र मानव विकास, विशेष रूप से उनमें से सबसे कमजोर, साथ ही साथ स्वागत करनेवालों का भी।"

एक व्यापक "हम" की ओर

कार्डिनल ने कहा कि 107वां विश्व आप्रवासी और शरणार्थी दिवस, 26 सितंबर को मनाया जाता है, जिसकी विषयवस्तु "हमेशा एक व्यापक 'हम' के तहत दुनिया में हमारी आम यात्रा के लिए एक स्पष्ट क्षितिज की पहचान करता है।

संत पापा फ्राँसिस के शब्दों की याद दिलाते हुए कार्डिनल चरनी ने कहा कि "हम सभी एक ही नाव पर हैं और एक साथ काम करने के लिए बुलाये गये हैं ताकि कोई दीवार न रहे जो अलग करता, 'दूसरे' नहीं बल्कि केवल 'हम' पूरी मानवता को समेटे।"

कार्डिनल ने कहा, "कौन जानता है कि अनगिनत आप्रवासियों और शरणार्थियों, नाबालिगों तथा युवाओं, वयस्कों एवं बुजुर्गों के चेहरे के पीछे कितने स्वर्गदूत छिपे हुए हैं?"

"यह हम पर निर्भर करता है कि हम उनका स्वागत करें और उनके अभिन्न मानव विकास को बढ़ावा देने की दिशा में पहले आवश्यक कदम के रूप में उनकी रक्षा करें, जैसा कि हम सभी चाहते हैं।"

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"छोटी अमाल" 3.5 मीटर ऊंची कठपुतली एक सीरियाई बालिका है जो अपने परिवारवालों की खोज में तुर्की से इंगलैंड की 8,000 किलोमीटर की यात्रा पर है।
10 September 2021, 16:30