मान्यवर गुइदो मारिनी मान्यवर गुइदो मारिनी  

वाटिकन धर्मविधि समारोहों के संचालक टोर्टोना धर्माध्यक्ष बनें

संत पापा फ्राँसिस ने मान्यवर गुइदो मारिनी को उत्तरी इटली में टोर्टोना का नया धर्माध्यक्ष नियुक्त किया है।

दिलीप संजय एक्का-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, रोमवार, 30 अगस्त 2021 (रेई) संत पापा फ्राँसिस ने जेनोआ के महाधर्मप्रांत के पुरोहित मान्यवर गुइदो मारिनी को इटली,टोर्टोना धर्मप्रांत का धर्माध्यक्ष नियुक्त किया है। मान्यवर मारिनी वाटिकन धर्मविधि समारोहों में मुख्य संयोजक स्वरूप अपनी सेवा दे रहे हैं।

जीविनी

मोनसिग्नोर गुइडो मारिनी का जन्म 31 जनवरी 1965 को जेनोआ में हुआ था। हाई स्कूल से स्नातक होने के बाद उन्होंने जेनोआ धर्मप्रांत के गुरूकुल में प्रवेश किया, जहाँ उन्होंने ईशशास्त्र में स्नातक की उपाधि प्राप्त की। 4 फरवरी 1989 को उनका पुरोहिताभिषेक हुआ उसके बाद उन्होंने रोम में पोंटिफिकल लातेरान यूनिवर्सिटी में अपनी पढ़ाई जारी रखी, जहां उन्होंने यूट्रोक आईयूर (कलीसियाई कानून कैनन और नागरिक कानून) में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की। 2007 में उन्होंने परमधर्मपीठीय सलेशियन विश्वविद्यालय से संचार मनोविज्ञान में स्नातक की डिग्री हासिल की।

वे कार्डिनलों जोव्वनी कैनेस्ट्री (1988-1995), दियोनिगी तेतमांज़ी (1995-2002), और तार्सिसियो बर्टोन (2002-2003); उत्तरी इटली के ईशशास्त्रीय संकाय में कलीसियाई कानून में व्याख्याता रहे। जेनोआ अनुभाग और धार्मिक विज्ञान के उच्च संस्थान (1992-2007), प्रेस्बिटेरल समिति के निर्वाचित सदस्य रहे (1996-2001), सैन लोरेंजो के कैथेड्रल में कलीसियाई कानून (2002-2007), शिक्षण के संचालक और स्कूलों के निदेशक (2003-2005), रहने ने उपरांत महाधर्मप्रांत गुरूकुल में आध्यात्मिक निदेशक (2004-2007), महाधर्मप्रांत के चांसलर रहने  के अलावे धर्मप्रांत के प्रेस्बिटेरल समिति के अधिकारिक सदस्य और धर्मप्रांत समिति के सदस्य (2005-2007) रहे। सन् 2007 से वे वाटिकन में पुरोहिताई के पद पर सम्मानीय सेवा दे रहे थे।

सन् 2007 में वाटिकन धर्मविधि समारोहों के मुख्य संयोजक बनें जिस पद की पुष्टि संत पापा फ्रांसिस ने सन् 2013 में की गई। 2019 से वे परमधर्मपीठीय संगीत सम्मेलन के प्रभारी भी रहे हैं।

शैक्षणिक वर्ष 2018- 2019 हेतु  उन्हें परमधर्मपीठीय एथेनियम संत अन्सेलमो में वाटिकन धर्मविधि पर प्रध्यापन हेतु आमंत्रित किया गया। अपने पुरोहिताई अभिषेक के उपरांत, उन्होंने आध्यात्मिक साधनाएँ, अध्यात्मिक दिशा-निर्देशन, युवाओं का सहचर्य, आध्यात्मिक सलहकार और विभिन्न धर्मसंघों के आध्यात्मिक सहायक के रूप अपनी सेवाएं प्रदान की हैं।

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30 August 2021, 16:10