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रोम के 300 से अधिक गरीबों को वैक्सीन प्रदान करेगा वाटिकन

शनिवार को, वाटिकन बेघर और कमजोर लोगों को कोविड-19 टीके प्रदान करेगा। संत पापा के उदार संगठन का कार्यालय इस पहल का समन्वय कर रहा है, जो संत पापा पॉल छठे सभागार में होगा। इस बीच, "वैक्सीनो सोस्पेस्सो" (निलंबित वैक्सीन) अभियान जारी है, जिसने पहले से ही महामारी के कारण गंभीर कठिनाई में देशों की मदद करना संभव बना दिया है, जिसमें योगदान अपेक्षा से अधिक है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार 8 मई 2021 (वाटिकन न्यूज) : सड़कों पर रहने वाले गरीब लोग जो कोविड -19 के संपर्क में आने की जोखिम में जीते हैं उनकी ओर से आये अनुरोध को ध्यान में रखते हुए यह पहल लिया गया है। संत पापा की इच्छा है कि सबसे कमजोर और रोम की सड़कों पर रहने वाले गरीबों की मदद की जाए।

टीकाकरण

संत पापा के उदार संगठन के कार्यालय के प्रमुख कार्डिनल कोनराड क्रेजवस्की ने वाटिकन रेडियो को बताया कि कैसे, दो सप्ताह के लिए संत पेत्रुस के कोलोनेड में स्थित "मदर ऑफ मर्सी" क्लिनिक में उन लोगों के आवेदन स्वीकार किए गए हैं जो टीकाकरण करना चाहते थे। शनिवार, 8 मई को संत पापा पॉल छठे सभागार में 300 से अधिक लोगों के आने की उम्मीद है। ये ऐसे लोग हैं जो विभिन्न कारणों से, क्षेत्र की सेवा करने वाले धर्मार्थ संगठनों द्वारा आमतौर पर सहायता नहीं की जाती है। हाल के सप्ताहों में, लगभग 1400 गरीब लोगों को ऐसी ही परिस्थितियों में वाटिकन में टीका प्राप्त हुआ।

भारत और सीरिया को सहायता

इस बीच, संत पापा के उदार संगठन के कार्यालय ने रिपोर्ट किया कि "वैक्सीनो सोस्पेस्सो" अभियान उम्मीद से भी अधिक लोकप्रिय साबित हुआ है।

 यह अभियान एक इतालवी रिवाज से लिया गया है: एक व्यक्ति दो या अधिक कप कॉफी के लिए भुगतान करता है, एक कॉफी खुद पीता है और बाकी दूसरे के लिए छोड़ देता है। कॉफी बार इन "कॉफ़े सोस्पेस्सो" पर नज़र रखता है, जिससे गरीब लोग भुगतान के लिए बिना - "कॉफ़े सोस्पेस्सो" – याने एक "निलंबित कॉफी" का ऑडर दे सकते हैं।

दूसरों की सहायता करने के लिए दान करना मुश्किल समय में सबसे स्पष्ट विकल्प नहीं हो सकता है, उदार संगठन कार्यालय का कहना है कि यह एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है। यहां तक ​​कि छोटे योगदान भी महत्वपूर्ण हैं, जिससे कलीसिया जरूरतमंद लोगों को मदद प्रदान कर सके।

यह अभियान भारत में कोरोनोवायरस से लड़ने में मदद करने के लिए 200 हजार डॉलर से अधिक का योगदान करने में सक्षम रहा है, एक देश जो महामारी की दूसरी लहर की चपेट में है। हाल ही में मुम्बई के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ओसवाल्ड ग्रेसिया को संबोधित एक पत्र में संत पापा फ्राँसिस ने भारत के लोगों के लिए अपनी निकटता और एकजुटता व्यक्त की है।

न केवल महामारी से बल्कि दस से अधिक वर्षों के गृहयुद्ध से पीड़ित सीरिया को भी इसी छोर के लिए 350 हजार यूरो मिले हैं। संत पापा के उदार संगठन के कार्यालय ने समझाया कि योगदानों को प्रेरितिक दूतावास को सौंपा जाता है, जो बाद में जरूरत के अनुसार उन्हें वितरित करते हैं।

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08 May 2021, 12:54