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धर्मविरोधी सभी रूपों के खिलाफ परमधर्मपीठ की अपील

यूरोप में सुरक्षा और सहयोग के लिए बने संगठन को वाटिकन के स्थायी प्रतिनिधि ने होलोकॉस्ट के पीड़ितों की याद के अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर अपने संबोधन में परस्पर संवाद और स्मृति के महत्व पर प्रकाश डाला।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी,शनिवार 30 जनवरी 2021 (वाटिकन न्यूज) : यूरोप में सुरक्षा एवं सहयोग सम्बन्धी संगठन (ओशे) में परमधर्मपीठ के स्थायी पर्यवेक्षक फादर यानूस ऊरबानज़िक ने गुरुवार संगठन की स्थायी परिषद की 1300 वीं बैठक के दौरान यहूदी विरोधी सभी पुराने और नए रूपों को समाप्त करने के अपने अपील को पुनः दोहराया।

27 जनवरी को मनाए गए अंतर्राष्ट्रीय होलोकॉस्ट दिवस को 1945 में ऑशविट्ज़-बिरकेनौ यातना शिविर की मुक्ति की 76 वें वर्षगांठ स्मरणोत्सव पर चिंतन करते हुए  परमधर्मपीठ के स्थायी प्रतिनिधि ने नाज़ी शासन द्वारा यहूदियों के "क्रूर और भयानक उत्पीड़न" को याद किया।”

फादर यानूस ऊरबानज़िक ने कहा,  इस दिन, हम "नाजी समलैंगिकता और अमानवीय गुस्से के हजारों पीड़ितों: रोमा और सिंटी, राष्ट्रीय अल्पसंख्यकों के सदस्यों और विभिन्न धर्मों के विश्वासियों,"  का स्मरण करते हैं। हम "उन लोगों का भी सम्मान करते हैं, जिन्होंने अपने जीवन को जोखिम पर आसपास की भयावह क्रूरता का सामना करते हुए, सताये गये लोगों को बचाया।"

स्मृति और मौन

इन अत्याचारों के प्रकाश में, जो अतीत में हुआ था, फादर यानूस ऊरबानज़िक ने स्मृति और चिंतन के महत्व पर जोर दिया।

जनवरी 2020 में साइमन वेसेन्थल सेंटर के एक प्रतिनिधिमंडल को संत पापा फ्राँसिस के संबोधन का उल्लेख करते हुए फादर फादर यानूस ऊरबानज़िक ने कहा कि आज की व्यस्त दुनिया में, "हमें अपने अंदर मानवता की पीड़ा को मौन में सुनना कितना मुश्किल है।"

मौन "स्मृति को जीवित रखने में मदद करता है" क्योंकि "यदि हम अपनी स्मृति खो देते हैं, तो हम अपने भविष्य को नष्ट कर देते हैं।"

इसलिए, उन्होंने प्रार्थना की कि यह वर्षगांठ हमें मौन रहने और अतीत को याद करने में हमारी मदद करे। "हमें यह करने की आवश्यकता है, ऐसा न हो कि हम उदासीन हो जाएं।"

अंतरधार्मिक संवाद

अतीत की स्मृति को जीवित रखने के साथ फादर यानूस ने धर्मविरोधीवाद का मुकाबला करने के लिए एक उपकरण के रूप में पारस्परिक संवाद के महत्व पर प्रकाश डाला क्योंकि इसका उद्देश्य "शांति, आपसी सम्मान, जीवन की सुरक्षा, धार्मिक स्वतंत्रता और निर्माण की देखभाल के प्रति प्रतिबद्धता" को बढ़ावा देना है।

उन्होंने उल्लेख किया, जैसा कि संत पापा फ्राँसिस ने अपने प्रेरितिक पत्र फ्रातेल्ली तुत्ती में लिखा है, कि एक धर्म के लोग जो दूसरे धर्म के लोगों को ईश्वर के बेटे-बेटियों के रुप में सम्मान करते हैं, वे समाज में भाईचारा को बढ़ाने और न्याय की रक्षा करने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।

समग्र प्रयासों की जरूरत

साथ ही फादर यानूस ऊरबानज़िक अर्बाउस्की ने विभिन्न देशों में हुए हमलों में "बुराई और दुश्मनी के बारे में कहा, जिसमें यहूदी विरोधी घृणा प्रकट की गई है।" इसलिए उन्होंने "धर्मविरोधी सभी पुराने और नए रूपों" के परमधर्मपीठ की निंदा और "संत पापा फ्राँसिस के शब्दों को फिर से दोहराया कि एक ख्रीस्तीय के लिए, किसी भी प्रकार का धर्मविरोध अपने ख्रीस्तीय मूल की अस्वीकृति है, एक पूर्ण विरोधाभास है।”

फादर यानूस ने एंत में उम्मीद जताई कि अंतर्राष्ट्रीय होलोकॉस्ट स्मरण दिवस केवल एक स्मरणोत्सव नहीं हो सकता है, बल्कि यह चेतावनी भी है कि यदि विरोधी प्रयासों का मुकाबला नहीं किया जाता है, तो यहूदी-विरोधीवाद ओशे क्षेत्र और उससे आगे भी फैलता रहेगा।

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30 January 2021, 16:51