समझौता के अनुसार चीन में नये धर्माध्यक्ष की नियुक्ति
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
चीन, बुधवार, 25 नवम्बर 2020 (रेई)- वाटिकन प्रेस कार्यालय के निदेश मत्तेओ ब्रूनी ने 24 नवम्बर को पत्रकारों के सवालों का उत्तर देते हुए कहा कि परमधर्मपीठ एवं चीन के बीच अनंतिम समझौता फल ला रहा है। 2018 में समझौता पर हस्ताक्षर के बाद अब तीसरे नये धर्माध्यक्ष की नियुक्ति हुई है जो संत पेत्रुस के उत्तराधिकारी की एकता में नियुक्त और अभिषिक्त हुए हैं।
उन्होंने कहा, "मैं इस बात की पुष्टि देता हूँ कि माननीय थॉमस चेन तियानहौ तीसरे धर्माध्यक्ष हैं जिनकी नियुक्ति और अभिषेक, परमधर्मपीठ एवं चीन के बीच धर्माध्यक्षों की नियुक्ति पर अनंतिम समझौते के ढांचे पर हुई है।"
ब्रूनी ने यह भी कहा कि निश्चय ही भविष्य में अन्य धर्माध्यक्षीय अभिषेक की उम्मीद है क्योंकि नये धर्माध्यक्षों की नियुक्ति की कई प्रक्रियाएँ जारी हैं।
परमधर्मपीठ एवं चीन के बीच अनंतिम समझौते की पहली अवधि समाप्त होने पर सितम्बर के अंत में इसे फिर नवीकृत किया गया है। इसे पुनः दो साल के लिए बढ़ाया गया है। यह सीधे तौर पर परमधर्मपीठ एवं चीन के बीच राजनयिक संबंध का मामला नहीं है न ही चीन की काथलिक कलीसिया के नैतिक स्थिति अथवा देश के अधिकारियों के साथ याजकों के संबंध से जुड़ा है। अनंतिम समझौता खासकर, धर्माध्यक्षों की नियुक्ति की प्रक्रिया से संबंधित है जो कलीसिया के जीवन एवं चीन की काथलिक कलीसिया का रोम के धर्माध्यक्ष एवं विश्व के धर्माध्यक्षों की एकता के लिए आवश्यक है।
अनंतिम समझौता का उद्देश्य वास्तव में हमेशा प्रेरितिक रहा है, इसका मकसद है कि काथलिक विश्वासियों को धर्माध्यक्ष प्रदान किया जाए जो संत पेत्रुस के उत्ताधिकारी की एकता में हों और साथ ही, चीन के अधिकारियों द्वारा मान्यता प्राप्त हों।
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