वाटिकन उद्यान में मरियम दर्शन को पहुँचा तीर्थयात्री का दल वाटिकन उद्यान में मरियम दर्शन को पहुँचा तीर्थयात्री का दल  

1943: वाटिकन सिटी एवं राज्य पर बम धमाके

द्वितीय विश्व युद्ध के बीच, 05 नवम्बर के दिन, 77 वर्ष पूर्व वाटिकन सिटी एवं राज्य पर चार बम गिराये गये थे। चार वर्षों से युद्ध जारी था तथा इटली नाज़ी अधिकरण से पीड़ित था। आज तक इस बात का पता नहीं चला है कि वाटिकन जैसे तटस्थ देश पर बम किसने और क्यों गिराये थे।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 6 नवम्बर 2020 (रेई, वाटिकन रेडियो): द्वितीय विश्व युद्ध के बीच, 05 नवम्बर के दिन, 77 वर्ष पूर्व वाटिकन सिटी एवं राज्य पर चार बम गिराये गये थे। चार वर्षों से युद्ध जारी था तथा इटली नाज़ी अधिकरण से पीड़ित था। आज तक इस बात का पता नहीं चला है कि वाटिकन जैसे तटस्थ देश पर बम किसने और क्यों गिराये थे।

05 नवम्बर 1943 को दवितीय विश्व युद्ध के दौरान एक अज्ञात विमान द्वारा, पाँच बम, वाटिकन के उद्यान में गिराये गये थे जिनमें से एक का विस्फोट नहीं हुआ था। सौभाग्य से किसी को चोट नहीं आयी, लेकिन कई इमारतों को भारी नुकसान पहुंचा, और विस्फोटों के कारण वाटिकन के गार्ड्स घबराहट के मारे ज़मीन पर धराशायी होकर घोर उलझन में पड़ गये थे।

सन्त पापा पियुस 12 वें की प्रतिक्रिया

इस दुखद घटना के विषय में प्रतिक्रिया दर्शाते हुए सन्त पापा पियुस ने, निजी तौर पर, टिप्पणी की, कि "रोम के मुकाबले, इस्लाम के धार्मिक केंद्र रूप में काहिरा में अधिक सम्मान था।" उन्होंने कहा, ठोस रूप से, हम यह स्वीकार करने पर मजबूर हैं कि अब ख्रीस्तीय अन्तःचेतना तो दूर, यहाँ तक कि लोगों में न्यूनतम मानव समझ और निष्ठा की भावना भी नहीं रह गई है जो सन्त पेत्रुस के उत्तराधिकारी को सेन्ट पीटर्स भूमि की संकीर्ण पट्टी अथवा शेष बची भूमि पर छोड़ने के लिए पर्याप्त हो सकती थी।"

कौन ज़िम्मेदार

किसी ने भी बमबारी की ज़िम्मेदारी नहीं ली। संश्रित राष्ट्रों और धुरी शक्तियों ने एक दूसरे पर आरोप लगाए। कुछ सुराग मिलने का बाद 2010 में, "1934:वाटिकन में बम धमाके" शीर्षक से  आऊगुस्तो फेर्रारी द्वारा लिखी पुस्तक प्रकाशित हुई थी। पुस्तक में यह संभावना व्यक्त की गई थी कि हमले का षड़यंत्र जर्मनों द्वारा किया गया था जिसे फासीवादी रॉबर्टो फ़ारिनाची ने समन्वित किया था। अनुमान लगाया गया कि इसका उद्देश्य वाटिकन रेडियो पर बमबारी करना था, जिसपर  एंग्लो-अमेरिकियों को मूल्यवान सैन्य जानकारी प्रसारित करने का संदेह था। यह माना जाता है कि विमान चालक का नाम पारमीजानी था तथा विमान रोम से लगभग 50 किमी दूर विटेर्बो से उड़ाया गया था।

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06 November 2020, 11:43