अबू धाबी ने मानवीय बंधुत्व की भावना से अमाजोन के लिए मदद भेजी

परमधर्मपीठ के साथ एक संयुक्त पहल के तहत, संयुक्त अरब अमीरात ने कोरोना वायरस महामारी से लड़ने हेतु पेरू के अमाजोन क्षेत्र के लिए 50 टन आपातकालीन चिकित्सा सहायता प्रदान की।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 27 जून 20 (वीएन)- बृहस्पतिवार को पेरू के अमाजोन प्रांत के लिए 50 टन मानवीय सहायता के समानों से भरी एक विमान संयुक्त अरब अमीरात से अबू धाबी के लिए रवाना हुई।

लीमा से सामानों को इक्विटोस ले जाया जाएगा। इक्विटोस 4,00,000 निवासियों के साथ वर्षावन के बीच अमाजोन नदी के तट पर स्थित है। ये राहत सामग्रियाँ अमाजोन पहुँचायी गई हैं क्योंकि कोविद -19 संक्रमण पूरे लैटिन अमेरिका में बढ़ रहा है जिससे लाखों असुरक्षित लोग खतरे में हैं।

वाटिकन एवं संयुक्त अरब अमीरात का सहयोग

इन राहत सामग्रियों को संयुक्त अरब अमीरात एवं ग्राभीस्सिमुस एदूकासियोनिस परमधर्मपीठीय फाऊँडेशन के सहयोग से भेजा गया है। राहत सामग्री में मेडिकल ऑक्सिजन और खाद्य सामग्री है जिसको स्थानीय कलीसिया के माध्यम से, स्वास्थ्य एवं शैक्षणिक विभागों और जरूरतमंद लोगों के परिवारों तक पहुँचाया जाएगा।  

ग्राभीस्सिमुस एदूकासियोनिस परमधर्मपीठीय फाऊँडेशन के महासचिव मोनसिन्योर गेरिल थिविएरजे ने वाटिकन न्यूज को बतलाया कि यह पहल 2019 में अबू धाबी की पोप की ऐतिहासिक यात्रा के मद्देनजर, परमधर्मपीठ एवं संयुक्त अरब अमीरात के सहयोग का परिणाम है।  

मोनसिन्योर गेरिल थिविएरजे

मोनसिन्योर गेरिल थिविएरजे ने बतलाया कि एकात्मता एवं सहयोग के पहल का बीज संत पापा फ्राँसिस की संयुक्त अरब अमीरात की यात्रा एवं उस अवसर पर हस्ताक्षर किये गये "मानवीय भ्रातृत्व पर अनोखे दस्तावेज" में निहित है।

दस्तावेज पर हस्ताक्षर 4 फरवरी 2019 को संत पापा फ्राँसिस एवं अल अजहर के ग्रैंड ईमाम अहमद एल तायेब द्वारा की गई थी। जो संत पापा फ्राँसिस के शब्दों में विभिन्न धर्मों एवं भली इच्छा रखनेवाले लोगों के बीच वार्ता का एक नया पृष्ठ है। यह इस बात पर प्रकाश डालता है कि किस तरह विभिन्न धर्मों के लोग वसुन्धैव कुटुम्बकम की भावना के साथ एक ही विश्व में शांति पूर्वक रह सकते हैं।

थिविएरजे ने कहा कि अबू धाबी में संत पापा की यात्रा के बाद ग्राभीस्सिमुस एदूकासियोनिस फाऊँडेशन ने संयुक्त अरब अमीरात, खासकर, शिक्षामंत्री के साथ सहयोग एवं आदान-प्रदान किया।  

उन्होंने बतलाया कि केरोना वायरस ने एक संगोष्ठी को विफल कर दिया है जो सबको जोड़ने वाला था अतः उसे पटरी पर लाने के लिए "कोविड-19 की पृष्टभूमि पर राहत एवं मदद की एक विशेष परियोजना" को पूरा करने का निर्णय लिया गया है।

एक साथ काम करने सीखना

मोनसिन्योर गेरिल ने कहा कि "यह परियोजना अमाजोन के लिए एक ठोस मदद है किन्तु ख्रीस्तियों एवं मुसलमानों का एक साथ काम करने, सेवा करने और एक साथ एक नये विश्व का निर्माण करने सीखना भी है।"

दोनों दलों का उद्देश्य है कि वे इस कार्य को "खास बौद्धिक दृष्टिकोण (जो कि अत्यन्त महत्वपूर्ण है) से नहीं बल्कि एक बहुत ठोस दृष्टिकोण से करना चाहते हैं जिसमें कि वे बांट सकें, सहमत हो सकें एवं बिलकुल ठोस रूप में सहयोग कर सकें।"

मोनसिन्योर ने कहा कि यही परियोजना का मूल है जिसके केंद्र में यह तथ्य है कि पेरू में आपातकालीन सहायता लाई जा रही है, मन में इस बात को रखते हुए कि विकास हेतु दूसरे आयाम भी हैं। उदाहरण के लिए, प्रोफेसरों का प्रशिक्षण एवं स्थानीय स्कूलों और विश्वविद्यालयों में बुनियादी समस्याओं से निपटने की आवश्यकता।

उन्होंने बतलाया कि "हम एक पारस्परिक दृष्टिकोण से काम करने के एक नए तरीके को प्रोत्साहित करने की कोशिश कर रहे हैं, यह नहीं भूलते हुए कि हम शिक्षा से संलग्न हैं : जिसका उद्देश्य परस्पर संवाद नहीं है, बल्कि अधिक ठोस बात यह है कि हम ख्रीस्तीय और मुस्लिम एवं अन्य धार्मिक समुदायों होते हुए भी, कैसे एक साथ काम कर सकते हैं और निर्माण कर सकते हैं।"

 

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27 June 2020, 15:15