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धर्माध्यक्षीय धर्मसभा: ऑनलाइन प्रेरिताई

‘युवाओं, विश्वास और बुलाहटीय आत्म-परख’ विषय पर चल रहे धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के दौरान शुक्रवार 19 अक्टूबर का प्रेस ब्रीफिंग प्रवासी युवाओं एवं उनके परिवारों की दुःखद वास्तविकता और कलीसिया द्वारा डिजिटल दुनिया का उपयोग पर केंद्रित था।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार 20 अक्टूबर 2018 (वाटिकन न्यूज): संयुक्त राज्य अमेरिका की सुश्री यादिरा वियेरा सिनॉड में युवा श्रोता के रुप में भाग ले रही हैं वे मनोवैज्ञानिक हैं और प्रवासियों के साथ काम करती हैं। उन्होंने कहा कि कई प्रवासी परिवार चिंता, संकट और अवसाद से ग्रस्त हैं। अक्सर उनका जीवन हिंसा से जुड़ा हुआ है। सिनॉड में उसने संयुक्त राज्य अमेरिका और दुनिया के अन्य हिस्सों में प्रवासियों के मानसिक स्वास्थ्य को गंभीरता से लेने हेतु कलीसिया को प्रेरित करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि कलीसिया अपने परिवारों की सेवा किए बिना युवाओं की सेवा नहीं कर सकती है।

सुश्री वियेरा ने महिलाओं की भूमिका के मुद्दे को भी संबोधित करते हुए कहा कि कि दुर्भाग्यपूर्ण धर्मबहनें सिनॉड में मतदान करने में सक्षम नहीं हैं। महिलाएं धर्मसभा में हस्तक्षेप कर सकती हैं लेकिन वोट नहीं दे सकती हैं। उन्होंने कहा कि कलीसिया के सदस्यों के आध्यात्मिक विकास में महिलाओं की एक बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका है।

समलैंगिक समुदाय (एलजीबीटीआई) के रूप में पहचानने वाले युवाओं के मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए, सुश्री वियेरा ने कहा कि काथलिक समलैंगिक समुदाय अकसर महसूस करते हैं कि कलीसिया द्वारा उन्हें पर्याप्त प्रेरितिक देखभाल नहीं मिलती है। उनकी उपेक्षा की जाती है। उन्हें लगता है कि कलीसिया उन्हें नहीं चाहती है। अतः कलीसिया के नेताओं के लिए इन समुदाय के लोगों को आध्यत्मिक विकास के लिए कार्य करना चुनौती है।

वियेरा ने कहा, “उसने सोचा था कि युवाओं को शादी से पहले मार्गदर्शन देना अच्छा है पर नवविवाहित के रूप में उसे लगता है कि कलीसिया द्वारा विवाह के बाद युवा लोग पर गंभीरता से नजर डालने की जरूरत है।”

शहादत

मारोनाइट धर्माध्यक्ष जोसेफ नफ्फा ने कहा कि मध्य पूर्व कलीसिया की वास्तविकता पर चर्चा की गई है। उन्होंने कहा कि युवा लोग शहीद के रूप में भी अपने विश्वास की गवाही देने से डरते नहीं हैं। कलीसिया में जितनी कठिनाइयाँ आती हैं विश्वासीगण इन्हें विश्वास के प्रति गवाही देने का अवसर मानते हैं।

डिजिटल क्षेत्र में प्रेरिताई

धर्माध्यक्ष नफ्फा ने डिजिटल क्षेत्र में प्रेरिताई के बारे में बताया कि कैसे उन्होंने युवा लोगों के संपर्क में रहने के लिए अरबी में एक परियोजना शुरू की। उन्होंने कहा कि परियोजना धर्मशिक्षा पर केंद्रित है।  एक तरह का ऑनलाइन धर्मविज्ञान संस्थान । इसमें जेल में युवा लोगों सहित दुनिया के विभिन्न हिस्सों में 550 छात्र शामिल हैं। उन्होंने एक लकवाग्रस्त युवा के बारे बताया जो केवल अपने अंगूठे को हिला सकता है। इस पहल से पहले, इस नौजवान के लिए, दुनिया अपने बिस्तर तक सीमित थी लेकिन अब वह पूरी दुनिया के संपर्क में है। धर्माध्यक्ष ने कहा कि इस परियोजना के माध्यम से कुछ लोगों में मनपरिवर्तन भी हुए हैं।

घाना के धर्माध्यक्ष एम्मानुएल कोफी फियानु ने भी डिजीटल दुनिया की उपयोगित पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि उनकी विशेष रुचि युवाओं के लिए ईश्वर का वचन प्राप्त करने में थी। उन्होंने कहा कि कलीसिया के लिए ईश्वर के वचन पर अधिक डिजिटल प्लेटफॉर्म प्रदान करना महत्वपूर्ण था क्योंकि इससे न केवल युवा लोगों को शिक्षित किया जाएगा बल्कि उन्हें सुसमाचार प्रचारक बनने में मदद मिलेगी।

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20 October 2018, 16:21