संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस 

शांति की सेवा में संत पापा फ्राँसिस

जैसा कि यूक्रेन छह महीने के युद्ध को चिह्नित करता है, हम संत पापा फ्राँसिस की शांति और संघर्ष पर मानव बंधुत्व को बढ़ावा देने की अनगिनत अपीलों को याद करते हैं, यहां तक कि ऐसे समय में भी जब हथियारों का "शैतानी और विकृत तर्क" प्रबल होता प्रतीत होता है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार 24 अगस्त 2022 (वाटिकन न्यूज) : युद्ध करने वाले इंसानियत को भूल जाते हैं। यूक्रेन में इन छह महीनों के संघर्ष के दौरान, संत पापा फ्राँसिस की शांति और वैश्विक तबाही के जोखिम को टालने की अपील अनवरत रही है।

सभी के लिए एक हार

संत पापा फ्राँसिस ने दुनिया को यह याद दिलाने का अवसर नहीं गंवाया है, कि "हर युद्ध, हर एक के लिए, हार का प्रतिनिधित्व करता है।" (देवदूत प्रार्थना 27 मार्च, 2022)। उन्होंने "युद्ध को हराने" के लिए परिप्रेक्ष्य में बदलाव का भी आग्रह किया है (आम दर्शन समारोह 23 मार्च, 2022)

संत पापा ने कहा, "हमारी कल्पना एक अंतिम आपदा के प्रतिनिधित्व पर अधिकाधिक केंद्रित प्रतीत होता है जो हमें बुझा देगी। एक परमाणु युद्ध के साथ क्या होता है।" (आम दर्शन समारोह 16 मार्च, 2022)। "आत्म-विनाश के खतरे का सामना करते हुए, मानवता यह समझ सकती है कि युद्ध को समाप्त करने का समय आ गया है, इसे मानव इतिहास से मिटाना है, इससे पहले कि यह इतिहास से मनुष्यों को मिटा दे।" उन्होंने पूछा, "मलबे के ढेर पर झंडा लगाने में क्या जीत है?" (देवदूत प्रार्थना, 10 अप्रैल, 2022) "प्रभु की आत्मा हम सभी को इस आत्म-विनाशकारी आवश्यकता से मुक्त करे।"

एक अपवित्र कृत्य

युद्ध एक मूर्खतापूर्ण "मृत्यु का स्थान है जहाँ माता-पिता अपने बच्चों को दफनाते हैं, जहाँ पुरुष अपने भाइयों को बिना देखे ही मार देते हैं, जहाँ शक्तिशाली निर्णय लेते हैं और गरीब मारे जाते हैं।" "यह एक पागलपन है जिसका कोई औचित्य नहीं है।" संघर्ष की शुरुआत के बाद से विस्थापित हुए कई बच्चों के बारे में सोचते हुए संत पापा ने कहा कि यह "न केवल वर्तमान को, बल्कि समाज के भविष्य को भी तबाह कर ररहा है। इसका अर्थ है भविष्य को नष्ट करना, हमारे बीच सबसे छोटे और सबसे निर्दोषों पर नाटकीय आघात पैदा करना।" एक बर्बर, पाशविक, घृणित और अपवित्र कृत्य, जो "मानव जीवन की पवित्रता के विपरीत है, विशेष रूप से रक्षाहीन मानव जीवन के खिलाफ, जिसे सम्मान और संरक्षित किया जाना चाहिए, समाप्त नहीं किया जाना चाहिए और जो किसी भी रणनीति से पहले आता है!" (देवदूत प्रार्थना मार्च 20, 2022)

एक सपना और एक बुरा सपना

"ईश्वर केवल शांति का ईश्वर है, युद्ध का नहीं" और "शांति करने वालों के साथ खड़ा है।" (देवदूत प्रार्थना 27 फरवरी, 2022)। संत पापा फ्राँसिस ने फिर से कहा, कि "जो लोग हिंसा का समर्थन करते हैं,वे  ईश्वर के नाम को अपवित्र करते हैं।" (देवदूत प्रार्थना मार्च 13, 2022), ईश्वर के "मानवता के सपना जो पेंतेकोस्त के दिन पूरा हुआ, इसे वे इनकार करते हैं। इस दिन विभिन्न भाषाओं के लोग एक-दूसरे से मिलते हैं और एक-दूसरे को समझते हैं। इसके विपरीत युद्ध "एक दुःस्वप्न" है जिसमें "लोग हॉर्न बजाते हैं, लोग एक-दूसरे को मारते हैं, लोगों को करीब लाने के बजाय अपने घरों से खदेड़ दिया जाता है।" (देवदूत प्रार्थना - 5 जून, 2022)।

कभी भी युद्ध करने की आदत न डालें

अपने विचारों को यूरोप से दूर सीरिया, यमन या म्यांमार में भूले हुए संघर्षों को, टुकड़ों में लड़े जा रहे  "तीसरे विश्व युद्ध का नाम देते हैं और संत पापा बार-बार किसी भी सशस्त्र संघर्ष को अपरिहार्य नहीं मानने की अपील करते हैं। वास्तव में, यूक्रेन या कहीं और जो कुछ हो रहा है, उसकी "दुखद वास्तविकता" को भूलने की जोखिम को पूरी ताकत के साथ मुकाबला करने की आवश्यकता है।  जैसे कि युद्ध हमसे दूर है और यह सोचकर हम "अपने दिल को शांत करते है।" उन्होंने कहा, " आज के आक्रोश को कल की प्रतिबद्धता में परिवर्तित किया जाना चाहिए। क्योंकि अगर हम इस मामले से पहले की तरह बाहर आते हैं, तो हम सभी किसी न किसी तरह से दोषी होंगे।"

एक पिता के बच्चे

"ईश्वर सभी के पिता हैं, केवल कुछ के नहीं," वास्तव में "हम चाहते हैं कि हम भाई-बहन बनें, न कि दुश्मन।" दूसरी ओर, युद्ध "काइन की आत्मा" को याद कराता है जिसने अपने भाई हाबिल को मार डाला था। संत पापा ने कहा, "मानवता जिद्दी है, अतीत की त्रुटियों और भयावहता को दोहराते हुए, "हम शांति की भावना के बजाय युद्धों, काइन की भावना, हत्या की भावना से प्यार करते हैं।" (माल्टा से रोम के लिए वापसी की उड़ान पर प्रेस कॉन्फ्रेंस - 3 अप्रैल, 2022)। "जो लोग दूसरों की हानि कर अपना स्वार्थ साधते हैं वे अपने मानवीय बुलाहट का तिरस्कार करते हैं, क्योंकि हम सभी भाइयों और बहनों के रूप में बनाए गए हैं।" संत पापा फ्राँसिस ने संघर्ष शुरू होने से कुछ हफ्ते पहले, 26 जनवरी, 2022 को, एक दिन शांति के लिए प्रार्थना हेतु सभी को आमंत्रित किया था। (देवदूत प्रार्थना, 23 जनवरी, 2022)

अनवरत प्रार्थना

हिंसा के तेज होने से पहले ही, जब रूसी संघ के सशस्त्र बलों ने यूक्रेनी क्षेत्र पर आक्रमण किया, संत पापा फ्राँसिस ने हिंसा की "शैतानी संवेदनहीनता" के उत्तर के रूप में येसु की शिक्षा की ओर इशारा करते हुए, यू-टर्न के लिए अथक प्रयास किया। आम दर्शन समारोह 23 फरवरी, 2022)

2 मार्च राख बुधवार, को, उन्होंने यूक्रेन में शांति के लिए उपवास और प्रार्थना के संकेत के तहत चालिसा की शुरुआत की और सभी को मरिया, शांति की रानी की मध्यस्थता से सुलह के प्रभु से दूर नहीं होने के लिए आमंत्रित किया: "आइए, हम प्रार्थना करना बंद न करें, बल्कि, हम और अधिक तीव्रता से प्रार्थना करें!" ताकि "प्रभु संवाद के ऐसे रास्ते खोल दे, जो मनुष्य नहीं चाहते हैं या पा नहीं सकते हैं।" उन्होंने इस दृढ़ विश्वास में चेतावनी दी कि "दुनिया में शांति हमेशा मसीह का अनुसरण करते हुए हमारे व्यक्तिगत रूपांतरण से शुरू होती है।" (आम दर्शन समारोह 2 मार्च, 2022)

शांति की रानी को समर्पित

संत पापा फ्राँसिस ने 25 मार्च को प्रभु के शरीर धारण का संदेश पर्व के अवसर पर सभी मानवता को, विशेष रूप से रूस और यूक्रेन को माता मरियम को समर्पित किया। माता मरियम के आंचल तले  राष्ट्रों के बीच स्थायी सहमति का आग्रह किया: "हमें युद्ध से बचाएं, दुनिया को परमाणु खतरे से बचाएं। आइए, हम हर दिन शांति के लिए रोजरी माला की प्रार्थना करना जारी रखें। आइए, हम राष्ट्रों के नेताओं के लिए प्रार्थना करें, ताकि वे "लोगों की नब्ज" को न खोएं जो शांति चाहते हैं और जो अच्छी तरह से जानते हैं कि हथियार इसे हासिल नहीं कर सकते।" (स्वर्ग की रानी प्रार्थना - 8 मई, 2022)

बर्बादी का खतरा

तेजी से बढ़ते खतरनाक परिदृश्यों के सामने अपने दिल में दर्द के साथ, संत पापा ने राजनीतिक नेताओं से "ईश्वर के सामने अपने विवेक की गंभीरता से जांच करने" का आग्रह किया। "मैं प्रार्थना करता हूँ कि सभी पार्टियां ऐसी किसी भी कार्रवाई से परहेज करें जो आबादी के लिए और भी अधिक पीड़ा का कारण बनती है, राष्ट्रों के बीच सह-अस्तित्व को अस्थिर करती है और अंतरराष्ट्रीय कानून को बदनाम करती है।" संयुक्त राष्ट्र संगठन (आम दर्शन समारोह 6 अप्रैल, 2022) की शक्तिहीनता को देखते हुए और इस विश्वास में कि "युद्ध का हर एक दिन सभी के लिए स्थिति को खराब करता है," उन्होंने तब "भाईचारे की सेवा में राजनीतिक पहल और कार्यों का आह्वान किया। उन्होंने एक हार्दिक अपील के साथ पक्षपातपूर्ण हितों के सामने रखा, "कृपया, मानवता को बर्बाद न करें!"

संत पापा ने कहा, "गंभीर संवाद" वास्तव में एकमात्र समाधान और हथियार है, दूसरा कोई रास्ता नहीं है। (देवदूत प्रार्थना 12 दिसंबर, 2021): "यदि कोई निष्पक्ष रूप से देखता है कि क्या हो रहा है, तो उस नुकसान को देखते हुए जो युद्ध हर दिन उन लोगों के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए भी लाता है, केवल उचित बात यह होगी कि रुकें और बातचीत करें।" (देवदूत प्रार्थना 31 जुलाई, 2022)

हथियारों का शैतानी तर्क

संत पापा  इस प्रकार आग्रह करते हैं कि, "सच्ची बातचीत हो, युद्धविराम और स्थायी समाधान के लिए वास्तविक वार्ता हो। पीड़ित लोगों का क्रंदन सुनें, मानव जीवन का सम्मान करें और शहरों एवं गांवों के महाविनाश को रोकें।" क्योंकि युद्ध कभी मनुष्य के पक्ष में नहीं होता। यह "लोगों के वास्तविक जीवन को नहीं देखता है, बल्कि पक्षपातपूर्ण हितों और शक्ति को सबसे प्रथम स्थान में रखता है। वे हथियारों के शैतानी और विकृत तर्क पर भरोसा करते हैं, जो ईश्वर की इच्छा से सबसे दूर है और वे आम लोगों से दूरी बना लेते हैं। जो शांति चाहते हैं और जो हर संघर्ष के असली शिकार होते हैं, जो अपने शरीर से युद्ध की मूर्खता का भुगतान करते हैं।”

बातचीत और जनहित

संत पापा के अनुसार, हर संकट एक अवसर में बदल सकता है, इससे पहले कि बहुत देर हो जाए और यूक्रेनी बुद्धिमान राजनेताओं के लिए अभी भी एक चुनौती बन सकता है, जो नई पीढ़ियों के लिए बातचीत के साथ, एक बेहतर दुनिया बनाने में सक्षम हैं। ईश्वर की मदद से, यह हमेशा संभव है! लेकिन राजनीतिक, आर्थिक और सैन्य शक्ति की रणनीतियों से वैश्विक शांति के लिए एक योजना को पारित करना आवश्यक है: परस्पर विरोधी शक्तियों के बीच विभाजित दुनिया के लिए नहीं;  हाँ, एक ऐसी दुनिया के लिए, जो लोगों को एकजुट करता और सभ्यताओं का सम्मान करता है।" (देवदूत प्रार्थना 3 जुलाई, 2022)

पीड़ितों के बगल में

सुरक्षित मानवीय गलियारों को प्रोत्साहित करने और बमों से तबाह हुई आबादी के लिए सहायता के प्रयास करने के लिए लगातार कॉल आता है, जो रोम से सिर्फ तीन हजार किलोमीटर की दूरी पर "शहादत" में हैं और हिंसा के कारण भाग रहे हैं, खासकर बच्चे और बुजुर्ग, असहाय अहंकार और स्वार्थ के शिकार हो रहे हैं।

उसी विचारशीलता के साथ, संत पापा फ्राँसिस भली इच्छा वाले कई पुरुषों और महिलाओं को धन्यवाद देना कभी नहीं भूले, जिन्होंने पहले क्षण से उन शरणार्थियों के लिए अपने दरवाजे खोल दिए जिनमें मसीह मौजूद हैं: "हम उदारता के साथ स्वागत करते नहीं थकते, जैसा कि किया जा रहा है, न केवल अभी, आपातकाल में, बल्कि आने वाले हफ्तों और महीनों में भी।" "आइए, हम इन महिलाओं और बच्चों के बारे में सोचें, जो इस समय बिना काम के, अपने पतियों से अलग हो गये हैं, समाज के 'गिद्धों' का शिकार हो जाएंगे। कृपया, हम उनकी रक्षा करें।"

शांति की सेवा में

पिछले फरवरी से, संत पापा ने आशा, पीड़ा और चिंता की अपनी निरंतर भावनाओं को स्वीकार किया है। कभी भी एक पर्यवेक्षक की सहानुभूतिपूर्ण निगाह नहीं थी। संत पापा शुरु से ही उन लोगों के करीब हो गये, जो प्रतिदिन युद्ध की क्रूरता का शिकार होने का जोखिम उठाते हैं और उन लोगों के दिलों तक पहुंचने के लिए हर संभव प्रयास करते हैं जो अभी भी युद्ध के ज्वार को मोड़ सकते हैं।

उन्होंने शुरु में ही रोम में रूसी राजदूत का दौरा किया; यूक्रेन के राष्ट्रपति ज़ेलेंस्की के साथ टेलीफोन पर बात की; उन पत्रकारों को कई बार धन्यवाद दिया, जिन्होंने सूचना की गारंटी के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हुए युद्ध मैदान में गये और हाल ही में आशा के संकेत के रूप में अनाज से लदे पहले जहाजों के यूक्रेनी बंदरगाहों से प्रस्थान का स्वागत और प्रोत्साहित किया।

यह एक आग्रह है जिसे परमधर्मपीठ की सक्रिय प्रतिबद्धता में स्पष्ट किया गया है कि यह खुद को शांति की सेवा में रखने के लिए अनारक्षित रूप से काम करता है, पिछले मार्च में संत पापा के दानदाता कार्डिनल क्रेजेवस्की और समग्र मानव विकास विभाग के प्रीफेक्ट कार्डिनल चरणी और मई महीने में वाटिकन विदेश सचिव महाधर्माध्यक्ष पॉल रिचर्ड गलाघेर ने यूक्रेन का दौरा किया।

संत पापा फ्राँसिस ने कभी अपनी भावना को कभी नहीं छिपाया: अपने अंतरतम में वे "एक दरवाजा खोलने" की तीव्र इच्छा को पोषित करते हैं, संघर्ष से प्रभावित क्षेत्रों की यात्रा करने के लिए पहले मास्को और फिर कीव: "यह मेज पर है," "शांति की सेवा हेतु" "मैं जाना चाहता हूँ।"

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

24 August 2022, 15:32