यूक्रेन की एक महिला युद्ध में ध्वस्त घर के सामने विलाप करती हुई यूक्रेन की एक महिला युद्ध में ध्वस्त घर के सामने विलाप करती हुई 

यूक्रेन ˸ अंतरराष्ट्रीय अभिनेता युद्ध में इंधन नहीं डालें बल्कि समझौता शुरू करें

संत पापा फ्राँसिस ने यूक्रेन में जारी मूर्थतापूर्ण युद्ध के लिए दुःख प्रकट किया तथा अंतरराष्ट्रीय नेताओं से अपील की कि वे शांति के लिए सचमुच कार्य करें।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संत पापा ने यूक्रेन के पीड़ितों की पुनः याद की और कहा, "मैं हमेशा यूक्रेन के पीड़ित लोगों के निकट हूँ। जिनपर हर दिन मिसाइलों की बारिश हो रही है। आप क्यों नहीं समझते कि युद्ध केवल विनाश और मौत लाता है, लोगों को अलग करता, सच्चाई एवं वार्ता को मार डालता है? मैं प्रार्थना और आशा करता हूँ कि सभी अंतरराष्ट्रीय अभिनेता युद्ध को बढ़ावा देने के लिए नहीं बल्कि पुनः वार्ता शुरू करने के लिए कठिन परिश्रम करेंगे।"

धन्य जॉन फिलिप जेनिनजेन

संत पापा ने जर्मनी के नये धन्य की याद करते हुए कहा, "जॉन फिलिप जेनिनजेन, येसु समाजी पुरोहित जिन्होंने 17वीं शताब्दी में जर्मनी में जीवनयापन किया, उनकी धन्य घोषणा कल (शनिवार को) जर्मनी के एलवनजेल में हुई। उन्होंने अपनी प्रेरिताई ग्रामीण क्षेत्र में उर्तेमबर्ग के डच लोगों के बीच किया। उन्होंने अथक रूप से सुसमाचार का प्रचार किया, वे समाज के हर वर्ग के लोगों तक पहुँचे, वे महान प्रेरितिक भावना से प्रेरित और माता मरियम के प्रति विशेष भक्ति रखनेवाले व्यक्ति थे।" संत पापा ने कहा कि इस पुरोहित की मध्यस्थता एवं आदर्श हमें अपने भाइयों के बीच सुसमाचार के आनन्द को बांटने में मदद दे।" तब संत पापा ने ताली बजाकर नये धन्य को सम्मानित किया।

श्रीलंका के लोगों के प्रति अपना सामीप्य

उसके बाद संत पापा ने श्रीलंका के लोगों के प्रति अपना सामीप्य व्यक्त करते हुए कहा, "मैं श्रीलंका के लोगों के प्रति पुनः अपना सामीप्य व्यक्त करता हूँ। प्यारे भाइयो एवं बहनो, प्रार्थना के द्वारा मैं आप लोगों के साथ हूँ तथा सभी दलों से आग्रह करता हूँ कि वे इस वर्तमान संकट का शांतिपूर्ण समाधान खोजें, खासकर, सबसे गरीब लोगों के लिए, सभी लोगों के अधिकारों का समान करते हुए।" संत पापा ने सभी धर्मगुरूओं के साथ मिलकर हर प्रकार की हिंसा को दूर करने तथा सार्वजनिक भलाई के लिए वार्ता की प्रक्रिया शुरू करने की मांग की।

कनाडा की प्रेरितिक यात्रा की सफलता हेतु प्रार्थना की मांग

तत्पश्चात् संत पापा ने कनाडा में अपनी आगामी यात्रा की जानकारी देते हुए यात्रा की सफलता हेतु प्रार्थना का आग्रह किया। संत पापा ने कहा, "अगले रविवार, यदि ईश्वर की इच्छा हो तो मैं कनाडा जाऊँगा। इसलिए में अभी उस देश के सभी लोगों को सम्बोधित करना चाहता हूँ। कनाडा के प्यारे भाइयो एवं बहनो, 'जैसे की आप सभी जानते हैं मैं आप लोगों के बीच आऊंगा, सबसे बढ़कर येसु के नाम पर कि मैं आदिवासी लोगों से मुलाकात कर सकूँ और उनका आलिंगन कर सकूँ। दुर्भाग्य से, कनाडा के कई ख्रीस्तीय जिनमें धर्मसमाजी समुदाय भी शामिल हैं सांस्कृतिक अस्मिता नीतियों को लागू करने में योगदान दिया है। जिसने अतीत में स्थानीय लोगों को कई तरह से क्षति पहुँचायी है। यही कारण है कि मैंने कुछ दिनों पहले वाटिकन में कुछ दलों का स्वागत किया जिनमें अदिवासी लोगों के प्रतिनिधि शामिल थे जिन्होंने बुराई का दुःख झेला है उनके प्रति मैंने अपनी पीड़ा एवं एकात्मता व्यक्त की। और अब मैं प्रायश्चित के रूप में तीर्थयात्रा करनेवाला हूँ जिसके द्वारा मैं आशा करता हूँ कि ईश्वर की कृपा से चंगाई एवं मनपरिवर्तन के रास्ते पर आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।" संत पापा ने यात्रा की तैयारी में किये जा रहे सभी कार्यों के लिए अपना आभार प्रकट किया तथा यात्रा की सफलता के लिए प्रार्थना की मांग की।  

अंत में, संत पापा ने सभी तीर्थयात्रियों एवं पर्यटकों का अभिवादन किया तथा अपने लिए प्रार्थना का आग्रह करते हुए सभी को शुभ रविवार की मंगलकामनाएँ अर्पित की।     

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17 July 2022, 14:26