सन्त पापा फ्राँसिस, वाटिकन से सन्त पापा फ्राँसिस, वाटिकन से 

मानव बंधुत्व अंतरराष्ट्रीय दिवस विविधता में एकता का दिवस

मानव बंधुत्व सम्बन्धी दूसरे अंतरराष्ट्रीय दिवस पर सन्त पापा फ्राँसिस ने, शुक्रवार को, एक विडियो सन्देश जारी कर उन सब लोगों के प्रति हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया जिन्होंने इस पथ पर आगे बढ़ने के लिये उनके साथ सहयोग किया है।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 4 फरवरी 2022 (रेई,वाटिकन रेडियो): मानव बंधुत्व सम्बन्धी दूसरे अंतरराष्ट्रीय दिवस पर सन्त पापा फ्राँसिस ने, शुक्रवार को, एक विडियो सन्देश जारी कर उन सब लोगों के प्रति हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया जिन्होंने इस पथ पर आगे बढ़ने के लिये उनके साथ सहयोग किया है। 04 फरवरी 2019 को आबू धाबी में सन्त पापा फ्रांसिस एवं अल अज़हर के ग्रैन्ड इमाम, अहमद अल-तायेब ने विश्व शांति तथा एक साथ मिलकर जीवन यापन हेतु एक दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर कर विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में मनुष्यों के बीच भ्रातृत्व के प्रोत्साहन हेतु नवीन पहलों का शुभारम्भ किया था।

04 फरवरी मानव बंधुत्व दिवस

सन्त पापा फ्रांसिस एवं अल अज़हर के ग्रैन्ड इमाम द्वारा मानव बंधुत्व सम्बन्धी दस्तावेज़ को प्रकाशित किये जाने के उपरान्त 21 दिसम्बर 2020 को संयुक्त राष्ट्र संघीय महासभा ने एक प्रस्ताव पारित कर 04 फरवरी को  मानव बंधुत्व सम्बन्धी अंतरराष्ट्रीय दिवस घोषित किया था। मानव बंधुत्व को समर्पित अंतरराष्ट्रीय दिवस को सम्भव बनाने के लिये सन्त पापा ने आबू धाबी के महामान्य प्रिंस शेख मुहम्मद बिन ज़ायद तथा संयुक्त राष्ट्र संघीय महासभा के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहाः "इन वर्षों में, हम इस जागरूकता के साथ भाइयों के रूप में एक साथ चले हैं कि, अपनी व्यक्तिगत संस्कृतियों और परंपराओं का सम्मान करते हुए, हमारा आह्वान किया जाता है कि हम घृणा, हिंसा और अन्याय के ख़िलाफ, एक बाँध रूप, भाईचारे का निर्माण करें।"

भ्रातृत्व का मर्म

भ्रातृत्व के मर्म को समझाते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा, "भ्रातृत्व मौलिक और सार्वभौमिक मूल्यों में से एक है, जिसका अर्थ है लोगों के बीच दूरियों को कम करना तथा पीड़ितों एवं अभावग्रस्त लोगों को भी एक मानव परिवार के हिस्से के रूप में स्वीकार करना एवं समर्थन देना, ताकि वे स्वतः को वंचित एवं भुला दिये गये महसूस न करें।"

सन्त पापा ने कहा, "भाईचारे की आपसी और साझा भावना में, हम सभी को शांति की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए काम करना चाहिए जो सतत विकास, सहिष्णुता, समावेश, आपसी समझ और एकजुटता को प्रोत्साहित करे।" उन्होंने कहा, "हम जहाँ भी और जैसे भी रहें, हमारी त्वचा का रंग, धर्म, सामाजिक समूह, लिंग, आयु, आर्थिक स्थिति या हमारे स्वास्थ्य की स्थिति के आधार पर भले ही अलग-अलग हो हम सब एक ही स्वर्ग के नीचे जीवन यापन करते हैं। हम सभी अलग-अलग हैं फिर भी समान हैं, और महामारी के इस समय ने यह स्पष्ट रूप से दिखा दिया है।"

विविधता में एकता का आह्वान

सन्त पापा ने कहा कि हम सब एक ही ईश्वर द्वारा रचे गये हैं, एक ही स्वर्ग के नीचे जीवन यापन करते हैं तथा ईश्वर के नाम पर उनकी सृष्टि होने के नाते हमें यह स्वीकार करना चाहिये हम सब भाई बहन हैं। उन्होंने कहा कि विभिन्न धर्मों एवं धार्मिक परम्पराओं के अनुयायी होने के नाते हममें से प्रत्येक की एक भूमिका है और वह है अपने भाइयों एवं बहनों को ईश्वर की ओर दृष्टि लगाने तथा प्रार्थना करने के लिये प्रोत्साहित करना, ताकि हममें एक दूसरे के प्रति एकात्मता, प्रेम एवं भ्रातृत्व की भावना जागे और हम ज़रूरतमन्दों की मदद को सदैव तैयार रहें।

सन्त पापा ने कहा कि मानव बंधुत्व को समर्पित अंतरराष्ट्रीय दिवस विविधता में एकता का समारोह मनाने का सुअवसर है। उन्होंने कहा कि एकता का अर्थ एकरूपता नहीं है बल्कि विविधता में एकता है और मानव बंधुत्व को समर्पित दिवस यह याद करने का एक अच्छा मौका है। सन्त पापा ने कहा कि भाईचारे की राह लंबी और चुनौतीपूर्ण है, यह एक कठिन रास्ता है, फिर भी यह मानवता के लिए मोक्ष का लंगर है। उन्होंने कहा कि एक साथ मिलकर बंधुत्व के सशक्त अस्त्र से समय के कई खतरनाक संकेतों, अंधकारपूर्ण काल और संघर्ष की मानसिकता का हम मुकाबला करें, क्योंकि ऐसा कर ही हम दूसरों को स्वीकार करने और उनकी पहचान का सम्मान करने के लिए तैयार हो सकेंगे।

मानव बंधुत्व के दूसरे अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर सन्त पापा का संदेश

 

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04 February 2022, 11:57