फ्राँस के काथलिक एक्शन समूह के प्रतिनिधियों से मुलाकात, तस्वीरः 13.01.2022  फ्राँस के काथलिक एक्शन समूह के प्रतिनिधियों से मुलाकात, तस्वीरः 13.01.2022  

फ्राँस के काथलिक एक्शन समूह के प्रतिनिधियों से

फ्राँस के काथलिक एक्शन समूह नामक लोकधर्मी अभियान के प्रतिनिधियों को गुरुवार को सम्बोधित कर सन्त पापा फ्राँसिस ने "जीवन की समीक्षा" का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि काथलिक एक्शन समूह के सदस्य अपने संस्थापक फादर आब्बे कार्दिन जैसी महान प्रतिभाओं के पद चिन्हों पर चल देखें, परखें तथा उसके अनुसार कार्य कर अपने "जीवन की समीक्षा" करें।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 14 जनवरी 2022 (रेई,वाटिकन रेडियो): फ्राँस के काथलिक एक्शन समूह नामक लोकधर्मी अभियान के प्रतिनिधियों को गुरुवार को सम्बोधित कर सन्त पापा फ्राँसिस ने "जीवन की समीक्षा" का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि काथलिक एक्शन समूह के सदस्य अपने संस्थापक फादर आब्बे कार्दिन जैसी महान प्रतिभाओं के पद चिन्हों पर चल देखें, परखें तथा उसके अनुसार कार्य कर अपने "जीवन की समीक्षा" करें।  

देखें, परखें तथा कार्य करें

फ्राँस से अपनी वार्षिक तीर्थयात्रा पर रोम आये काथलिक एक्शन समूह के प्रतिनिधियों से सन्त पापा ने कहा कि देखना पहला आधारभूत कदम है, जो दैनिक जीवन की घटनाओं को पास से देखने का आग्रह करता है। उन्होंने कहा कि देखने का अर्थ है कि हम अपने इतिहास, अपनी पारिवारिक, सांस्कृतिक एवं ख्रीस्तीय जड़ों के प्रति सचेत रहकर कार्य करें। उन्होंने कहा कि यह याद रखते हुए कि ईश्वर हमारे जीवन के हर चरण में उपस्थित रहते हैं, हमें अपने समस्त कार्यों को अन्जाम देना चाहिये।  

अपने विश्व पत्र फ्रातेल्ली तूती के प्रति ध्यान आकर्षित कराते हुए सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि यह विश्व पत्र वर्तमान विश्व की गम्भीर एवं चिन्ताजनक परिस्थितियों पर एक दृष्टि से शुरु होता है। उन्होंने कहा कि हालांकि, यह निराशाजनक प्रतीत हो सकता है तथापि, आगे बढ़ने के लिये यह अनिवार्य है, क्योंकि "स्मृति के बिना मनुष्य  कभी आगे नहीं बढ़ सकते, एक अक्षुण, अखण्ड और दीप्तिमान स्मृति के बिना मानव समुदाय कभी विकसित नहीं हो सकता"।

बाईबिल पाठ विवेक और प्रज्ञा का स्रोत

सन्त पापा ने कहा कि देखने के बाद दूसरा आवश्यक कदम है परखना अथवा न्याय करना, किसी चीज़ की गहन समझदारी को हासिल करना। उन्होंने कहा कि यह ऐसा क्षण है जब मनुष्य अपने आप से प्रश्न करता है, वह ख़ुद अपने विचारों पर वाद-विवाद करता है और इस चरण में सफलता पाने की कुँजी है बाईबिल धर्मग्रन्थ का पाठ। उन्होंने कहा कि ईश वचन ही मनुष्य को परिस्थितियों की पहचान करने तथा उनके अनुसार कार्य करने का विवेक एवं प्रेरणा देता है, जैसा कि इब्रानियों को प्रेषित पत्र में सन्त पौल लिखते हैं, "ईश्वर का वचन जीवन्त, सशक्त और किसी भी दुधारी तलवार से तेज़ है। वह हमारी अन्तरआत्मा तक पहुँचता और हमारे मन के भावों तथा विचारों को प्रकट करता है।"  

सन्त पापा ने स्मरण दिलाया कि फ्रातेल्ली तूती में उन्होंने विश्व और, विशेष रूप से, निर्धन लोगों के साथ सम्बन्धों पर प्रश्न करने हेतु भले समारी के दृष्टान्त को प्रस्तुत किया है, क्योंकि इस दृष्टान्त की थाह तक पहुँच कर हम अपने जीवन आचरण के लिये उन बातों को समझ सकेंगे जिनकी हमसे ईश्वर अपेक्षा करते हैं।

वास्तविकताओं को ध्यान में रखें

जीवन के कार्यों से सम्बन्धित तीसरे महत्वपूर्ण कदम का ज़िक्र कर सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि देखने और परखने के बाद तीसरा कदम है, तुरन्त कार्रवाई करना, तथापि इस कार्रवाई को ईश नियमों के साथ और ईश वचन के साथ मेल खाना चाहिये। उन्होंने ध्यान आकर्षित कराया कि पुनरुत्थान के बाद सन्त मारकुस रचित सुसमाचार हमें बताते हैं कि प्रभु येसु "उनकी सहायता करते रहे और साथ-साथ घटित होने वाले चमत्कारों द्वारा उनकी शिक्षा को प्रमाणित करते रहे।" अस्तु, सन्त पापा ने कहा कि काथलिक एक्शन के सदस्यों की भूमिका वर्तमान विश्व की वास्तविकताओं को ध्यान में रखते हुए ईश्वर के कार्यों को समर्थन देना है, जो है ज़रूरतमन्दों की मदद करना तथा भटकते हुए युवाओं को रास्ता दिखाना ताकि वे कलीसिया तथा कलीसिया के कार्यों में जीवन का अर्थ खोज सकें।   

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14 January 2022, 11:24