क्लारेशियन ऑर्डर के सदस्यों को सम्बोधित करते संत पापा फ्राँसिस क्लारेशियन ऑर्डर के सदस्यों को सम्बोधित करते संत पापा फ्राँसिस 

क्लारेशियन धर्मसमाजियों से पोप ˸ लोगों के करीब रहने के लिए आगे बढ़ें

संत पापा फ्राँसिस ने क्लारेशियन ऑर्डर के सदस्यों को सम्बोधित किया तथा उनसे आग्रह किया कि वे लोगों क पास जाएँ और अपने मिशन में उनके नजदीक रहें तथा ख्रीस्त में अपनी सच्ची सुरक्षा को कभी न भूलें।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 9 सितम्बर 21 (रेई)- संत पापा फ्राँसिस ने 9 सितम्बर को वाटिकन के क्लेमेंटीन सभागार में मरियम के निष्कलंक हृदय की मिशनरी पुत्रियों की महासभा के प्रतिभागियों से मुलाकात की तथा उन्हें सम्बोधित करते हुए कहा, "आप मिशनरी हैं, यदि आप अपने मिशन को सचमुच फलप्रद बनाना चाहते है तो आप मिशन को चिंतन एवं प्रभु के साथ संयुक्ति के जीवन से अलग नहीं कर सकते। यदि आप साक्षी बनना चाहते हैं तह आप केवल उपासक बनकर नहीं रह सकते। साक्ष्य और उपासना दो शब्द हैं जो सुसमाचार के केंद्र में मिलते हैं ˸ उन्होंने (येसु) बुलाया ...कि उन्हें भेज सकें और उन्हें सुसमाचार प्रचार के लिए भेज सकें। दो आयाम जो एक-दूसरे को पोषित करते हैं, एक-दूसरे के बिना नहीं हो सकते। 

धर्मसंघ की महासभा की विषयवस्तु है, "सम्माहित और साहसी" येसु में रोपे गये। इसका अर्थ है प्रार्थना एवं चिंतन का जीवन जो आपको योब के समान कहने के लिए प्रेरित करेगा ˸ "मैंने दूसरों से तेरी चर्चा सुनी थी अब मैंने तुझे अपनी आँखों से देखा है।"(योब 42,5)  

प्रार्थना और चिंतन पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, "प्रार्थना और चिंतन का जीवन आपको प्रभु के साथ बात करने, मित्र की तरह आपस में वार्ता करने में मदद देगा।

उन्होंने मिशन की याद दिलाते हुए कहा कि मरियम के निष्कलंक हृदय का एक बालक वह व्यक्ति होता है जो उदारता से जलता है एवं जहाँ कहीं जाता प्रज्वलित होता है। संस्थापक संत अंतोनी मेरी क्लारेट का हवाला देते हुए संत पापा ने कहा, "अपने आपको प्रभु से, उनके प्रेम से प्रज्वलित होने दें, ताकि दिव्य प्रेम की अग्नि से प्रज्वलित होकर आप जहाँ भी जाएँ, आग लगाने वाले बन सकें। यह दिशानिर्देश उन्हें मिशन में साहसी बनायेगा। फादर क्लारेट एवं उनके साथ जुड़नेवाले पहले मिशनरी की तरह साहसी बनें। समर्पित जीवन साहस की मांग करता है, ऐसे वृद्ध लोगों की जो जीवन की बढ़ती उम्र का सामना कर सकें और ऐसे युवा जो आत्मा की उम्र बढ़ने का सामना कर सकें।"

नजदीक से, दूर से नहीं

संत पापा ने कहा कि यही दृढ़ता आपको आगे बढ़ने में, बाहर निकलने और वहाँ जाने में मदद देगी जहाँ कोई जाना नहीं चाहता, जहाँ सुसमाचार के प्रकाश की जरूरत है। उन्होंने कहा कि उनका मिशन सामीप्य एवं सरलता का मिशन होना चाहिए, दूर से उत्सुकता काफी नहीं है। "फादर क्लारेट के उदाहरणों पर चलते हुए आप वास्तविकता के दर्शन बनकर नहीं रह सकते बल्कि आप इसमें शामिल हों।" इस तरह क्लारेशियन्स  "पाप जिसका वे रास्ते पर सामना करते हैं उसकी वास्तविकताओं को बदलने" में सक्षम होंगे।

"वचन और समय के संकेत हमें इतनी पीड़ा और इतने डर से बाहर निकाले ताकि, अगर हम सावधान नहीं हैं, तो हमें उन समय और परिस्थितियों में जीने से रोकें जो एक साहसी और समर्पित जीवन की मांग करते हैं, एक धर्मसमाजी जीवन की जो मुक्त है, हमारी अनिश्चितता से मुक्त।"

अनिवार्य पर ध्यान केंद्रित

संत पापा ने अपने संबोधन के अंत में उम्मीद जतायी कि यह महासभा उन्हें अनिवार्य चीजों पर ध्यान केंद्रित करने में मदद देगा ˸ अपनी सुरक्षा को येसु को अर्पित करने में ताकि क्लारेशियन्स आवश्यक बातों पर ध्यान दे सकें जो आज के समर्पित जीवन को परिभाषित करते हैं। समर्पित जीवन जिसमें ईश्वर के साथ संबंध, समुदाय में भ्रातृत्वपूर्ण संबंध निहित है जो भाइयों के साथ सच्चे संबंध को प्राथमिकता देने एवं बाहर जाने और आत्मकेंद्रित न रहकर दूसरों की मदद करने के मिशन के लिए प्रेरित करता है, खासकर, गरीबों को येसु की ओर ले जाने के लिए। 

 

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09 September 2021, 17:15