सन्त पापा फ्राँसिस हँगरी तथा स्लोवाकिया के लिये रवाना
जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, रविवार,12 सितम्बर 2021 (विविध,वाटिकन रेडियो): काथलिक कलीसिया के परमधर्मगुरु सन्त पापा फ्राँसिस रविवार को स्थानीय समयानुसार प्रातः छः बजे रोम के फ्यूमीचीनो अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से हंगरी एवं स्लोवाकिया में अपनी चार दिवसीय प्रेरितिक यात्रा के लिये रवाना हुए। पौने दो घण्टों की हवाई यात्रा के उपरान्त आल इतालिया का ए-320 विमान बुडापेस्ट के अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पहुँचा, जहाँ हँगरी के काथलिक धर्माध्यक्षों, कलीसियाओं की एकतावर्द्धक समिति तथा यहूदी समुदायों के प्रतिनिधियों ने उनका हार्दिक स्वागत किया।
प्रमुख उद्देश्य
केन्द्रीय यूरोपीय देश हँगरी तथा स्लोवाकिया में सन्त पापा फ्राँसिस की यह पहली तथा इटली से बाहर उनकी 34 वीं प्रेरितिक यात्रा है। हँगरी में सन्त पापा के लगभग सात घण्टों के पड़ाव का प्रमुख उद्देश्य, राजधानी बुडापेस्ट में 52 वें अन्तरराष्ट्रीय यूखारिस्तीय सम्मेलन के समापन याग का नेतृत्व करना था। वाटिकन राज्य सचिव कार्डिनल पियेत्रो पारोलीन ने कहा है कि हंगरी और स्लोवाकिया में सन्त पापा फ्राँसिस की तीर्थयात्रा का लक्ष्य उन सब लोगों को माँ मरियम की मध्यस्थता के सिपुर्द करना है जो दुर्बल हैं, कमज़ोर हैं तथा कोविद-महामारी के चलते और अधिक दुर्बल हो गये हैं। बुडापेस्ट स्थित ललित कला संग्रहालय में रविवार, 12 सितम्बर को सन्त पापा ने हंगरी के काथलिक धर्माध्यक्षों से मुलाकात कर उन्हें सम्बोधित किया।
प्रेरितिक यात्रा के चार आयाम
सन्त पापा की हंगरी एवं स्लोवाकियाई यात्रा को पत्रकारों के समक्ष प्रस्तुत करते हुए परमधर्मपीठीय प्रेस कार्यालय के निर्देशक मातेओ ब्रूनी ने कहा है कि इस यात्रा को चार विभिन्न आयामों सहित एक तीर्थयात्रा के रूप में देखा जा सकता है। सर्वप्रथम, यूखारिस्त के इर्द-गिर्द केन्द्रित आध्यात्मिक आयाम, विभिन्न कलीसियाओं एवं ख्रीस्तीय सम्प्रदायों के प्रतिनिधियों को साथ मुलाकात वाला ख्रीस्तीय एकतावर्द्धक आयाम, जो सन्त सिरिल एवं सन्त मेथोदियुस द्वारा हस्तान्तरित सामान्य ख्रीस्तीय विरासत की याद दिलाता है। तृतीय, यहूदी समुदाय के प्रतिनिधियों से मुलाकात अन्तर-धार्मिक आयाम को प्रकाशित करता है और अन्ततः, मिशनरी आयाम जिसमें सन्त पापा फ्राँसिस हंगरी एवं स्लोवाकिया के ख्रीस्तीयों द्वारा 20 वीं सदी के तानाशाही शासनकाल के दौरान दिये गये विश्वास एवं शहादत के साक्ष्यों का स्मरण करेंगे। अन्तरधार्मिक आयाम की प्रकाशना करते हुए सन्त पापा ने बुडापेस्ट के ललित कला संग्रहालय में ही अन्य कलीसियाओं एवं ख्रीस्तीय सम्प्रदायों तथा यहूदी धर्म के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर उन्हें अपना सन्देश दिया।
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