लेबनान के ख्रीस्तयी नेताओं के साथ सन्त पापा फ्राँसिस , 01.07.2021 लेबनान के ख्रीस्तयी नेताओं के साथ सन्त पापा फ्राँसिस , 01.07.2021 

लेबनान हेतु प्रार्थना के समापन पर सन्त पापा फ्राँसिस का सन्देश

लेबनान में जारी आर्थिक एवं राजनैतिक संकट की पृष्ठभूमि में पहली जुलाई को वाटिकन में सम्पन्न लेबनान में शांति हेतु प्रार्थना के समापन पर सन्त पापा फ्राँसिस ने एक विशिष्ट सन्देश जारी कर आशा व्यक्त की है कि शीघ्र ही लेबनान अन्धकार से निकलकर प्रभु प्रकाश की ओर अभिमुख होगा।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 2 जुलाई 2021 (रेई, वाटिकन रेडियो): लेबनान में जारी आर्थिक एवं राजनैतिक संकट की पृष्ठभूमि में पहली जुलाई को वाटिकन में सम्पन्न लेबनान में शांति हेतु प्रार्थना के समापन पर सन्त पापा फ्राँसिस ने एक विशिष्ट सन्देश जारी कर आशा व्यक्त की है कि शीघ्र ही लेबनान अन्धकार से निकलकर प्रभु प्रकाश की ओर अभिमुख होगा।   

सन्त पापा ने कहा कि अपनी प्रार्थनाओं द्वारा हमने लेबनान के लोगों के प्रति एकात्मता को प्रदर्शित करना चाहा तथा विश्व को यह याद दिलाना चाहा है कि लेबनान को इस समय, आशा, आकाँक्षा, निश्चित्तताओं एवं शांति की नितान्त आवश्यकता है।  

लेबनान शांति और बन्धुत्व का गढ़

सन्त पापा ने कहा, "मध्य पूर्व और लेबनान के लिए आग्रहपूर्वक हम प्रभु से प्रार्थना करें। उस क्षेत्र में शांति की स्थापना करने में सक्षम समस्त ज़िम्मेदार लोगों से अनुरोध करने तथा उनके अन्तःकरणों को जगाने से हम न थकें।"

लेबनान की प्राचीन सभ्यता, संस्कृति एवं नेक परम्पराओं का स्मरण कर सन्त पापा ने कहा, "यह प्रिय देश, सभ्यता और आध्यात्मिकता का खजाना है, जिसने सदियों से ज्ञान और संस्कृति का विस्तार किया है, जो शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के अद्वितीय अनुभव का साक्षी है, उसे अपने भाग्य अथवा स्वार्थी लोगों की दया पर नहीं छोड़ा जा सकता, क्योंकि लेबनान एक छोटा तथापि वह विशाल देश है जो मध्य पूर्व से सम्पूर्ण विश्व को शांति एवं बन्धुत्व का सार्वभौमिक सन्देश प्रदान करता है।"

पूर्वजों से प्रेरणा लें

सन्त पापा ने कहा, "लेबनान के प्रिय लोगों, सदियों से आप लोग अपनी कुशलता एवं परिश्रम के लिये विख्यात हैं, सबसे कठिन क्षणों में आपने दर्शाया है कि आप ख़ुद को प्रतिष्ठित करने में समर्थ हैं, आपके ऊँचे-ऊंचे देवदार के वृक्ष आपके देश के वे प्रतीक हैं जो आपके अद्वितीय इतिहास  की समृद्धि को उदघाटित करते हैं, वे यह भी याद दिलाते हैं कि बड़ी शाखाएँ केवल गहरी जड़ों से आती है। आपने अपने उन बुज़ुर्गों से उदाहरण ग्रहण किया है जो अपनी नींव को साझा करने में सदैव सक्षम रहे, उन्हीं के पदचिन्हों से प्रेरित होकर आप बाधाओं के देखने के बजाय संभावनाओं को देखें तथा वर्तमानकालीन संकट को पार करें, ठीक उसी प्रकार जैसा कि आपके पूर्वज करते रहे थे।"  

दया पर आधारित समाज

सन्त पापा ने कहा कि ख्रीस्त के अनुयायी होने के नाते हम एकसाथ मिलकर एक ऐसे भविष्य का निर्माण करें जिसमें सभी लोग गरिमा और प्रतिष्ठा के साथ शांतिपूर्ण जीवन यापन कर सकें। उन्होंने कहा, मनुष्यों के बीच संबंध स्वार्थ, विशेषाधिकारों और पक्षपातपूर्ण लाभ की खोज पर आधारित नहीं हो सकते, इसलिये कि समाज का ख्रीस्तीय दर्शन प्रभु येसु ख्रीस्त के आशीर्वचनों में निहित जो समझदारी, परस्पर प्रेम एवं दया से प्रस्फुटित होता है।   

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02 July 2021, 11:30