माइकेल हद्दाद के साथ मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस माइकेल हद्दाद के साथ मुलाकात करते संत पापा फ्राँसिस 

माईकेल हद्दाद ˸ संत पापा ने जलवायु कार्यकर्ता को आशीष दी

साप्ताहिक आमदर्शन समारोह के दौरान एक संक्षिप्त मुलाकात में माइकेल हद्दाद ने संत पापा फ्राँसिस से उत्तरी ध्रूव को चलकर पार करने के अपने लक्ष्य के लिए आशीर्वाद की याचना की।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 3 जून 2021 (रेई)- माईकेल हद्दाद जब 6 साल के थे, तभी जेट स्की दुर्घटना के कारण उनके कमर से नीचे का भाग लकवाग्रस्त हो गया। फिर भी, उन्होंने उस दुखद घटना को, जीवन को पूरी तरह से जीने के अपने अभियान पर हावी होने नहीं दिया।

लेबनान में जन्मे माईकेल एक पेशेवर एथलीट बन गये हैं और 2016 में वे संयुक्त राष्ट्र के विकास कार्यक्रम की जलवायु कार्रवाई के लिए एक क्षेत्रीय सद्भावना राजदूत बने।

बुधवार को आमदर्शन समारोह के अंत में उन्होंने संत पापा फ्राँसिस से मुलाकात की।

"विकलांगता एक मानसिक स्थिति"

पोप से मुलाकात के उपरांत उन्होंने वाटिकन न्यूज से बात करते हुए बतलाया कि 6 साल की उम्र में दुर्घटना के बाद, उन्होंने किस तरह अपने आप को उठाया और एक नये जीवन की शुरूआत की।

उन्होंने कहा कि काम बहुत कठिन था, थकान अत्यधिक  थी और चुनौतियाँ कई गुनी बढ़ गईं थीं। शुरू में वे सिर्फ व्हील चेर में घूमते थे, फिर बैसाखी से और अंत में पग बढ़ाना शुरू किया।

हालांकि, माईकेल इन सबसे ऊपर उठ चुके हैं। मेडिकल जगत की प्रगति एवं वैज्ञानिक खोज के कारण वे अब स्की कर सकते हैं और मुक्त रूप से पहाड़ चढ़ सकते हैं। उन्होंने तीन विश्व रिकॉर्ड भी बनाये हैं। अपने विश्वास के कारण वे न केवल शांति से रह रहे हैं बल्कि वे एक प्रेरक वक्ता हैं और इस तरह की समस्या झेल रहे अनेक लोगों के लिए आदर्श बन चुके हैं।  

माईकेल ने वाटिकन रेडियो को बतलाया, "कुछ भी असंभव नहीं है। एक व्यक्ति जिसके लिए सहायक के बिना चलना या खड़ा होना अथवा बैठना संभव नहीं था, तब मैंने अपनी क्षमताओं को विकसित करने का फैसला लिया। मैंने पाया कि कुछ भी असंभव नहीं है। इसके लिए दो चीजों की आवश्यकता है ˸ विश्वास और दृढ़निश्चय। अपने आप पर भरोसा रखना, सृष्टिकर्ता पर भरोसा रखना है। हमारे अंदर जो यकीन है उसमें आगे जाने के लिए असीम शक्ति है और इस अवधारणा से कि कुछ भी आसान नहीं होता, हमें चुनाव करने, दृढ़ संकल्प लेने और आगे बढ़ने में मदद मिलती है।"

माईकेल हद्दाद को आशीष देते संत पापा फ्रांसिस
माईकेल हद्दाद को आशीष देते संत पापा फ्रांसिस

विश्वास से सहायता

माईकेल एक ख्रीस्तीय विश्वासी हैं। वे कहते हैं, "मैं एक ख्रीस्तीय हूँ और येसु ख्रीस्त पर विश्वास करता हूँ। हर संघर्ष में विश्वास ने मेरी मदद की है।" उनके विश्वास ने उन्हें दैनिक जीवन के संघर्ष में भी मदद दी है जिसको वे एक "महान मिशन" कहते हैं ˸ पर्यावरण मुद्दे पर विश्व का ध्यान खींचना।  

उन्होंने बतलाया, "मैंने चलने का निश्चिय किया क्योंकि पृथ्वी व्हील चेयर पर बैठ गयी है। हमें अपने आपको एवं ग्रह को बचाने के लिए एक होना है और मैं इसे एक बैनर तले कर रहा हूँ। संयुक्त राष्ट्र के साथ इस बदलाव के लिए पूरी दुनिया में हम एक साथ खड़े हैं। और हमें इसे अभी करना होगा।"

चढ़ाई, स्कीइंग, मैराथन और अब: उत्तरी ध्रुव

माईकेल पर्वत चढ़ चुके हैं और मरूस्थल भी पार किया है। उन्होंने दो मैराथन में भाग लिया है ˸ एक काहिरा में और एक बेरूत में, ताकि 2020 में विस्फोट से ध्वस्त  अस्पताल के पुनःनिर्माण के लिए फंड जमा किया जा सके।" अब उनका दूसरा मिशन है ˸ उत्तरी ध्रूव में 100 किलोमीटर की दूरी तय करना। अपने अगले मिशन को वे 2022 के फरवरी या मार्च में पूरा करेंगे।  

हद्दाद ने कहा, "निश्चय ही यह एक चुनौती है। उत्तरी ध्रूव में 100 किलोमीटर यात्रा करना न केवल एक संदेश है बल्कि विज्ञान के लिए एक योगदान है। मैं एक बड़े वैज्ञानिक दल के साथ काम करता हूँ और दुनिया के उन गिने-चुने लोगों में से एक माना गया हूँ जो मेरी हालत में ऐसा कुछ कर सकते हैं। इसलिए, इस यात्रा से पहले, उसके दौरान और बाद में हम जो कुछ भी योजना बना रहे हैं, वह अन्य लोगों को नई तकनीक के माध्यम से फिर से चलने में मदद करने के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान में योगदान देगा।"

माईकेल से पोप ˸ उत्तरी ध्रूव में मेरे लिए विन्ती कीजिएगा

माईकेल ने वाटिकन न्यूज से कहा, "जब मैंने संत पापा को अपनी कहानी बतलायी तब उन्होंने अपने हाथ मेरे सिर पर रखे। मैंने उन्हें बतलाया कि हम पृथ्वी और पर्यावरण के हित में मानवता का संदेश लाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने मुझे आशीष दी और मैंने कहा, "कृपया मेरे लिए प्रार्थना कीजिए" और उन्होंने कहा, "आप मेरे लिए उत्तरी ध्रूव में प्रार्थना कीजिएगा।" माईकेल ने कहा, "मैं उस वाक्य को कभी भूल नहीं सकता, यह मुझे शक्ति प्रदान करता है एवं मेरे विचारों को पोषित करता है। मैं अधिक समर्पित महसूस कर रहा हूँ और इस चुनौती का सामना अकेले नहीं बल्कि पोप के साथ करूँगा।"

माईकेल ने संत पापा के लिए दो उपहार भेंट किये। पहला देवदार पेड़ की एक डाली जो लेबनान के बेघर लोगों का प्रतीक है। उन्होंने पोप को दुनिया के सबसे पुराने देवदार के जंगलों में से एक में बने एक गिरजाघर की तस्वीर भी भेंट की।

माईकेल हद्दाद के साथ सेल्फी में संत पापा फ्रांसिस
माईकेल हद्दाद के साथ सेल्फी में संत पापा फ्रांसिस

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03 June 2021, 15:23