मई महीने की प्रार्थना की प्रेरिताई में अर्थव्यवस्था की दुनिया के लिए प्रार्थना का आह्वान

मई महीने की प्रार्थना की प्रेरिताई में संत पापा ने अर्थव्यवस्था की दुनिया के लिए प्रार्थना का आह्वान किया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

सच्ची अर्थव्यवस्था वह है जो रोजगार का सृजन करता है

कितने लोग आज बेरोजगार हैं!- किन्तु वित्तीय बाजार इतना गिरा हुआ कभी नहीं था  जितना इस समय गिरा हुआ है।

सामान्य लोगों के जीवन से उच्च वित्तीय दुनिया कितनी दूर है!

यदि अर्थव्यवस्था पर नियंत्रण न किया जाए, तब यह विभिन्न मौद्रिक नीतियों द्वारा संचालित शुद्ध अटकलें बन जाती हैं।

यह स्थिति अस्थिर है और यह खतरनाक है।

गरीबों को इस प्रणाली से दर्दनाक परिणाम न हों, वित्तीय अटकलों को सावधानीपूर्वक नियंत्रित किया जाना चाहिए।

अटकलें- मैं उस शब्द को रेखांकित करना चाहता हूँ।

वित्त सेवा का एक रूप हो, और लोगों की सेवा करने के लिए एवं हमारे सामान्य घर की देखभाल करने हेतु एक साधन हो!

हमारे पास अभी भी एक अलग तरह की अर्थव्यवस्था का अभ्यास करने के लिए वैश्विक परिवर्तन की प्रक्रिया शुरू करने का समय है, जो अधिक न्यायसंगत हो, अधिक समावेशी और टिकाऊ हो एवं किसी को पीछे न छोड़े।

हम यह कर सकते हैं! और हमें प्रार्थना करनी चाहिए कि वित्त के जिम्मेदार लोग, सरकारों के साथ वित्तीय बाजारों को विनियमित करने और नागरिकों को इसके खतरों से बचाने के लिए काम करें।

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04 May 2021, 19:03