रोम के स्कोलास ऑकोरेन्तेस मुख्यालय में सन्त पापा फ्राँसिस, 20.05.2021 रोम के स्कोलास ऑकोरेन्तेस मुख्यालय में सन्त पापा फ्राँसिस, 20.05.2021 

सन्त पापा फ्राँसिस: युद्धरत देश नैतिक रूप से स्वस्थ नहीं

रोम स्थित स्कोलास ऑकोरेन्तेस परमधर्मपीठीय न्यास के मुख्यालय की भेंट कर गुरुवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि जो देश युद्ध में संलग्न रहता है वह नैतिक रूप से स्वस्थ देश नहीं हो सकता।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर, वाटिकन सिटी

रोम, शुक्रवार, 21 मई 2021 (रेई,वाटिकन रेडियो): रोम स्थित स्कोलास ऑकोरेन्तेस परमधर्मपीठीय न्यास के मुख्यालय की भेंट कर गुरुवार को सन्त पापा फ्राँसिस ने कहा कि जो देश युद्ध में संलग्न रहता है वह नैतिक रूप से स्वस्थ देश नहीं हो सकता।  

सन्त पापा ने गुरुवार को रोम में उक्त परमधर्मपीठीय न्यास के युवा वयस्कों से मुलाकात कर संयुक्त राज्य अमरीका के वॉशिंगटन, स्पेन के वालेन्सिया, आर्जेन्टीना के खाको तथा ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में न्यास की नई शाखाओं की स्थापना की घोषणा की।  

रोम के स्कोलास ऑकोरेन्तेस शैक्षिक परियोजना मुख्यालय में गुरुवार को गीत एवं करतल ध्वनि से सन्त पापा का स्वागत किया गया। युवाओं ने सन्त पापा को एक टी-शर्ट सहित कई उपहार भेंट स्वरूप अर्पित किये। दो इताली युवाओं ने जीवन का एक वृक्ष एवं लकड़ी की एक वीणा सन्त पापा के समक्ष प्रस्तुत की तथा उनमें से किसी एक के चयन का आग्रह किया, सन्त पापा ने लकड़ी की वीणा को चुना।

स्कोलास ऑकोरेन्तेस

स्कोलास ऑकोरेन्तेस सन्त पापा फ्राँसिस द्वारा स्थापित एक अन्तरराष्ट्रीय संगठन एवं परमधर्मपीठीय न्यास है जिसका लक्ष्य, "साक्षात्कार की संस्कृति को प्रोत्साहित करना तथा युवाओं को ऐसी शिक्षा के तहत एकजुट करना है जो जीवन के लिये अर्थगर्भित हो।" अपने नेटवर्क के माध्यम से रोम स्थित स्कोलास ऑकोरेन्तेस विश्व के 190 राष्ट्रों में उपस्थित है, जिसमें दस लाख से अधिक बच्चों एवं युवाओं को शिक्षा प्रदान की जाती है।

सन्त पापा ने गुरुवार को युवाओं का अभिवादन किया जिन्होंने, न्यास के अध्यक्ष के अनुसार, "महामारी के दौरान कठिन परिश्रम किया था।"

एक युवा ने सन्त पापा से कहा कि हम शारीरिक रूप से तो बाहर जा नहीं सकते थे किन्तु हम अपने मन से लोगों तक पहुँचे। इसपर सन्त पापा ने युवाओं से कहा, "यही कुंजी है, बाहर जाना... क्योंकि यदि आप अपने आप में रहते हैं तो आप भ्रष्ट हो जाते हैं। यह पानी के सदृश है, जब पानी बहता रहता है तो वह स्वच्छ रहता है किन्तु यदि ठहर जाता है तो गन्दा हो जाता है।"

इसी अवसर पर स्कोलास ऑकोरेन्तेस न्यास के कार्यों में शामिल आर्जेन्टीना की प्रथम महिला फाबियोला यारिज़ तथा इटली के स्वास्थ्य मंत्री रोबेर्तो स्पेरान्सा एवं शिक्षा मंत्री पात्रित्सियो बियान्की ने सन्त पापा से मुलाकात की।

युद्ध में राजनीति की हार

युवा लोग राजनीति को कैसे बदल सकते हैं? इस सवाल के जवाब में सन्त पापा ने कहा कि किसी राष्ट्र की सम्माननीयता को सत्यापित करने के लिये यह देखना अनिवार्य है कि देश युद्ध का चयन करता है अथवा शान्ति को महत्व देता है।

उन्होंने कहा कि जहाँ कहीं भी युद्ध की स्थिति बनी हुई है या युद्ध जारी है, वहाँ राजनीति की पराजय है। उन्होंने कहा कि ऐसी राजनीति जो युद्ध को टालने के लिये वार्ताएँ करने में सक्षम नहीं है, वैसी राजनीति समाप्त हो चुकी है, वह बेकार है उसका कोई अर्थ नहीं।  

राष्ट्र की सम्माननीयता

सन्त पापा ने किसी राष्ट्र की सम्माननीयता इसी से परखी जाती है कि कहीं वह शस्त्रों का निर्माण तो नहीं कर रहा? या फिर युद्धों को प्रश्रय तो नहीं दे रहा?  इसी से यह पहचाना जा सकता है कि देश नैतिक रूप से स्वस्थ है अथवा नहीं।  

सन्त पापा ने कहा, "प्रेम राजनैतिक है, इसका अर्थ हुआ कि वह प्रत्येक लिये एक सामाजिक तथ्य है किन्तु जब प्रेम की यह सार्वभौमिकता अनुपस्थित रहती है, तब राजनीति की हार निश्चित्त है, वह बीमार हो जाती या सड़ जाती है।" उन्होंने कहा कि हर परिस्थिति में वार्ताओं द्वारा समाधान पाया जाना आवश्यक है तथा हर समय एकता एवं मैत्री के लक्ष्य तक पहुँचने का प्रयास किया जाना अपरिहार्य है।  

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

21 May 2021, 12:03