कैंसर से पीड़ित गुरूकुल छात्र को पोप ने दी समय से पहले अभिषेक की अनुमति
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
नाईजीरिया, बृहस्पतिवार, 15 अप्रैल 2021 (वीएनएस)- नाईजीरियाई युवा धर्मसमाजी फादर लिविनियुस नामानी जो ल्यूकेमिया से पीड़ित हैं उन्हें संत पापा फ्राँसिस की अनुमति पर काथलिक कलीसिया में पुरोहित अभिषेक प्रदान किया गया।
31 वर्षीय कुरूकुल छात्र ने संत पापा से पत्र लिखकर आग्रह किया था कि उन्हें पुरोहित अभिषेक प्रदान किया जाए और 1 अप्रैल को अभिषेक किये जाने की इच्छा जाहिर की थी। रोम के सहायक धर्माध्यक्ष दानियेले लिबानोरी ने रोम के कासिलिनो अस्पताल में लिविनियुस का पावन पुरोहित अभिषेक सम्पन्न किया।
फादर लिविनियुस के बुलाहट की कहानी
नव अभिषिक्त फादर लिविनियुस ने अपनी बुलाहट की यात्रा दक्षिण पूर्वी नाईजीरिया के ओवेर्री में शुरू की, जहाँ उन्होंने 20 साल की उम्र में ईश माता ऑर्डर में प्रवेश किया था।
अपने पहले मन्नत के बाद वे ल्यूकेमिया जैसी गंभीर बीमारी के शिकार हो गये। उपचार की चुनौतीपूर्ण अवधि को पार करने के बाद, दो साल पहले उन्हें बेहतर उपचार एवं आगे की पढ़ाई के लिए इटली भेजा गया।
बीमारी और उपचारों के बावजूद, लिविनियुस ने अंजेलिकुम विश्वविद्यालय में अपनी पढ़ाई जारी रखी और पिछले सितंबर में अपना अंतिम मन्नत दुहराया किन्तु बीमारी बढ़ जाने के कारण वे अधिक समय अस्पताल में रहने लगे और पुरोहिताई के लिए अपने प्रशिक्षण को पूरी करने की चाह अनिश्चित दिखाई देने के कारण उन्होंने संत पापा फ्राँसिस को पत्र लिखने का निश्चय किया तथा पुरोहिताभिषेक के लिए अनुमति मांगी। जवाब तुरन्त 31 मार्च को मिला। संत पापा ने उन्हें अनुमति दे दी और उसके दूसरे दिन लिविनियुस को पुरोहित अभिषेक प्रदान किया गया।
पुरोहिताई की कृपा
धर्माध्यक्ष लिबानोरी ने उपदेश में कहा, "इस वरदान के साथ पिता ईश्वर आपको विभूषित करना चाहते हैं ताकि आप उस इम्तहान को पूर्ण रूप से जी सकें जिसके लिए उन्होंने आपको बुलाया है।"
"एक पुरोहित के रूप में आप अपने शरीर को ईश्वर को एक सुग्राह्य बलि के रूप में अर्पित करने में येसु से संयुक्त होंगे। हमारी पुरोहिताई निश्चय ही अपनी पराकाष्ठा तक पहुँचती है जब रोटी और दाखरस के साथ, हम अपने जीवन एवं उन्होंने हमें जो कुछ दिये हैं, सब कुछ को अर्पित करना जानते हैं।"
वर्तमान में फादर लिविनियुस ने अपनी प्रेरिताई कासिलिनो अस्पताल में शुरू की है जहाँ वे प्रतिदिन डॉक्टरों, नर्सों एवं रोगियों को आशीष प्रदान करते हैं।
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