वाटिकन के न्याय विभाग में कार्यरत सदस्यों को सम्बोधित करते संत पापा फ्राँसिस वाटिकन के न्याय विभाग में कार्यरत सदस्यों को सम्बोधित करते संत पापा फ्राँसिस 

सच्चे न्याय के लिए स्वर्ग की ओर देखें, पोप फ्राँसिस

संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार को वाटिकन के न्यायिक वर्ष के औपचारिक उद्घाटन समारोह का अनुष्ठान किया तथा वाटिकन के न्याय विभाग में कार्यरत सदस्यों का आह्वान किया कि वे कलीसिया के मिशन की विशेषता बतानेवाले मूल्यों के साक्षी बनें।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 27 मार्च 2021 (रेई)- पोप फ्राँसिस ने शनिवार 27 मार्च को वाटिकन न्यायालय के 92वेँ न्यायिक वर्ष के उद्घाटन समारोह के अवसर पर उपस्थित विभाग के सदस्यों एवं अतिथियों को सम्बोधित किया।  

कलीसिया के मिशन का अर्थ एवं कर्तव्य

संत पापा ने कहा कि कलीसिया ख्रीस्त के द्वारा स्थापित एवं सच्चाई का समर्थन करने के मिशन के लिए भेजी गयी है, और जैसा कि वाटिकन द्वितीय महासभा सिखलाती है वह ईश्वर की शैली ˸ सामीप्य, करुणा और कोमलता द्वारा विनम्रता और आत्मत्याग' का प्रचार करने भेजी गई है। संत पापा ने कहा, "इसी आदेश के साथ कलीसिया इतिहास में प्रवेश करती एवं लोगों के बीच मुलाकात करने एवं मेल-मिलाप कराने का स्थान बनती है ताकि वचन एवं संस्कारों के माध्यम से, ख्रीस्त की कृपा, उनके जीवन, विश्वास, स्वतंत्रता और शांति की ओर प्रेरित कर सके।"

यह दूसरा साल है जब संत पापा फ्राँसिस ने न्यायिक वर्ष के ओपनिंग (उद्घाटन) समारोह में भाग लिया। संत पापा ने कहा, "मैं कृतज्ञता के भाव से भरा हूँ क्योंकि मैं जानता हूँ कि आपके कार्य में कितनी तत्परता जरूरी है और कभी-कभी अत्यन्त कठिन भी है, जिसको व्यक्तिगत एवं सामाजिक संबंध को व्यवस्थित रखने के लिए आप हर दिन पूरा करते हैं, जो न्याय के कार्य में संतुलन प्रदान करता है।"

कलीसियाई जीवन के सिद्धांत से प्रेरित

संत पापा ने उनसे अपील करते हुए कहा, "मैं प्रत्येक से आग्रह करता हूँ कि जो कदम हाल में उठाये गये हैं और वाटिकन सिटी में संस्थागत कार्यों की पूरी पारदर्शिता के लिए जो भी कदम उठाये जायेंगे, खासकर, आर्थिक और वित्तीय मामलों में, वे हमेशा कलीसियाई जीवन की स्थापना के सिद्धांत से प्रेरित हों तथा साथ ही साथ, अंतरराष्ट्रीय स्तर के मापदंडों एवं अच्छे अभ्यासों पर ध्यान दें, और एक आदर्श प्रस्तुत करें जैसी काथलिक कलीसिया मांग करती है। इस संबंध में संत पापा ने कहा कि उन्हें उपयुक्त विधायी परिवर्तन की आवश्यकता पर ध्यान देना है।"

साक्ष्य देने का कर्तव्य

संत पापा ने कहा कि छोटा समुदाय होने पर भी वाटिकन की, "साक्ष्य देने की एक खास जिम्मेदारी है"। हम सभी कलीसिया के मिशन की विशेषता की महान विरासत, समाज में उनके लिए नमक एवं प्रकाश बनने की अपनी भूमिका एवं कार्य में ठोस और विश्वासनीय साक्ष्य देने के लिए बुलाये गये हैं, खासकर, संकट की घड़ी में जैसा आज है।   

संत पापा ने उपस्थित लोगों को अपने कार्यों पर चिंतन करने हेतु प्रेरित किया कि वे  अपने दैनिक कार्यों द्वारा बहुमूल्य योगदान दें जिससे कि इस छोटे वाटिकन सिटी राज्य में कलीसिया, अपनी सामाजिक शिक्षा में जो सिखलाती है उसका एक उत्तम आदर्श प्रस्तुत कर सके।  

उन्होंने निमंत्रण दिया कि महान सदगुण न्याय के लिए कार्य करने हेतु बुलाये गये सदस्य प्रार्थना के लिए समय दें। उन्होंने कहा, "प्रार्थना में और सिर्फ इसी में हम, ईश्वर से, उनके वचन से, आंतरिक शांति प्राप्त कर सकते हैं जो हमें अपनी जिम्मेदारियों को उदारता, निष्पक्षता, दूरदर्शिता के साथ पूरा करने की शक्ति प्रदान करते हैं।"  

न्याय की आँखें आकाश की ओर देखती हैं

संत पापा ने अपने संदेश में कलात्मक परंपरा पर गौर किया जिसमें चित्र और मूर्तिकला न्याय को तौलने के रूप में प्रस्तुत करता है जो लाभ का विरोध करते हुए दूसरी ओर सही का बचाव करता है। संत पापा ने कहा कि न्याय की आंखों पर पट्टी नहीं है बल्कि ऊपर देखती है और स्वर्ग की ओर नजर लगाती क्योंकि सिर्फ स्वर्ग में सच्चा न्याय है।

संत पापा की उम्मीद है कि नये न्यायिक वर्ष में वाटिकन न्याय विभाग के सदस्य न्याय की सेवा हेतु अपने दैनिक कार्यों में, इस चेतना से प्रेरणा एवं साथ पायेंगे।  

संत पापा ने उन्हें शुभकामनाएँ देते हुए अपनी प्रार्थना एवं आशीर्वाद का आश्वासन दिया।

 

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27 March 2021, 14:39