इटली के आरिच्चया में आध्यात्मिक साधना का एक दृश्य, तस्वीरः 15.03.2019 इटली के आरिच्चया में आध्यात्मिक साधना का एक दृश्य, तस्वीरः 15.03.2019 

आध्यामिक साधना के लिये सन्त पापा फ्राँसिस ने भेजी पुस्तक

सन्त पापा फ्राँसिस ने इस वर्ष के चालीसाकालीन आध्यामिक साधना के लिये परमधर्मपीठीय रोमी कार्यालय के धर्माधिकारियों को "प्रभु का ध्यान करो" शीर्षक से एक विशिष्ट प्रार्थना पुस्तक प्रेषित की है।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 19 फरवरी 2021 (रेई,वाटिकन रेडियो): सन्त पापा फ्राँसिस ने इस वर्ष के चालीसाकालीन आध्यामिक साधना के लिये परमधर्मपीठीय रोमी कार्यालय के धर्माधिकारियों को "प्रभु का ध्यान करो" शीर्षक से एक विशिष्ट प्रार्थना पुस्तक प्रेषित की है।

स्वास्थ्य सम्बन्धी कारणों के चलते, इस वर्ष की चालीसाकालीन आध्यामिक साधना, 21 से 26 फरवरी तक, परमधर्मपीठीय धर्माधिकारियों द्वारा व्यक्तिगत तौर पर सम्पन्न की जायेगी।  सामान्य रूप से प्रतिवर्ष चालीसाकाल की आध्यात्मिक साधना इटली के आरिच्या स्थित काज़ा दिविना मायेस्त्रो केन्द्र में आयोजित होती है।  

"प्रभु का ध्यान करो"

"प्रभु का ध्यान करो" पुस्तक, 17 वीं शताब्दी के मठवासी मायेस्त्रे दी सान बारतोलो की रचना है। यह पुस्तक में हाथ से कागज़ पर कलीसियाई लैटिन भाषा में लिखे गए नोटों का एक संग्रह है, जिसे अनजाने में इटली के फेर्रारा नगर से पाया गया था।

रोम के सन्त पौल प्रकशन केन्द्र द्वारा प्रकाशित उक्त पुस्तक के प्राक्कथन में फादर लिबानोरी स्पष्ट करते हैं कि सम्भवतः पुस्तक में निहित नोट्स व्यक्तिगत मनन-चिन्तन को ध्यान में रखकर सान बारतोलो द्वारा लिखे गये थे। लेखनकार्य चिन्तनों से समृद्ध है, जिसमें कई स्थलों पर बाईबिल धर्मग्रन्थ का सन्दर्भ दिया गया है तथा दुर्गुणों के प्रति चेतावनी दी गई है।    

फादर लिबानोरी इस बात की ओर ध्यान आकर्षित कराते हैं कि पुस्तक में सामान्य ज्ञान से परिपूर्ण है तथा आध्यात्मिक मार्गदर्शन के प्रति कलीसिया की संवेदनशीलता और अनुभव का दस्तावेजीकरण करती है, जो ईश्वर के प्रति अभिमुख होने के लिये अति उपयोगी सिद्ध हो सकती है।   

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19 February 2021, 11:55