21 अक्टूबर2020 को संत पापा फ्राँसिस और प्राधिधर्माधअयक्ष बारथोलोम प्रथम संत मरिया अराचेली की सीढ़ियों पर उतरते हुए 21 अक्टूबर2020 को संत पापा फ्राँसिस और प्राधिधर्माधअयक्ष बारथोलोम प्रथम संत मरिया अराचेली की सीढ़ियों पर उतरते हुए 

संत पापा: संत अंद्रेयस की दया, मुश्किल समय में प्रोत्साहन

संत पापा फ्रांसिस ने कुस्तुनतुनिया की ग्रीक ऑर्थोडोक्स कलीसिया के संरक्षक प्रेरित संत अंद्रेयस के पर्व दिवस पर, प्राधिधर्माध्यक्ष बर्थोलोम प्रथम को एक संदेश प्रेषित कर, पर्व की शुभकामनाएँ अर्पित की।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 30 नवम्बर 2020 (वाटिकन न्यूज) : प्रत्येक वर्ष, कुस्तुनतुनिया के प्राधिधर्माध्यक्ष 29 जून को संत पेत्रुस और संत पौलुस के पर्व मनाने हेतु रोम अपना प्रतिनिधिमंडल भेजते हैं। वाटिकन के परमाध्यक्ष 30 नवम्बर को संत अंद्रेयस का पर्व मनाने के लिए अपना प्रतिनिधिमंडल इस्तांबुल भेजते हैं।

वाटिकन प्रेस कार्यालय द्वारा प्रकाशित एक बयान में कहा गया कि 30 नवंबर को इस्तांबुल में संत अंद्रेयस के उत्सव समारोह में ख्रीस्तीय एकता को बढ़ावा देने के लिए गठित परमधर्मपीठीय सम्मेलन के प्रीफेक्ट कार्डिनल कूर्ट कोच ने  वाटिकन प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व किया। विभाग के सचिव मोन्सिन्योर ब्रेन फार्रेल, उप सचिव मोन्सिन्योर अंद्रेया पालमियेरी और इस्ताम्बुल में तुर्की के प्रेरितिक राजदूत धर्माध्यक्ष पॉल एफ. रसेल ने समारोह में भाग लेने इस्ताम्बुल पहुँचे।

वाटिकन के प्रतिनिधिमंडल ने संत जोर्ज अल फैनार महागिरजाघऱ में प्राधिधर्माध्यक्ष बार्थोलोम प्रथम  की अध्यक्षता में प्रार्थना धर्मविधि में भाग लिया।

कार्डिनल कोच ने प्राधिधर्माध्यक्ष बार्थोलोम प्रथम को संत पापा फ्राँसिस का संदेश दिया, जिसे उन्होंने धर्मविधि के समापन पर सबके सामने पढ़ा।

संत पापा का संदेश

प्रधिधर्माध्यक्ष बार्थोलोम प्रथम को भेजे संदेश में, संत पापा फ्राँसिस ने संत अंद्रेयस के "दया, धर्मनिष्ठ उत्साह और दृढ़ता" को ध्यान में रखते हुए कहा, कि "इन कठिन और महत्वपूर्ण समय में वे हमारे लिए प्रोत्साहन का स्रोत हैं।"

संत पापा ने जोर देते हुए कहा, "ईश्वर को महिमा देने से हमारे विश्वास और आशा को भी बल मिलता है। ईश्वर ने अनंत राज्य में शहीद संत अंद्रेयस का स्वागत किया, जिन्होंने परीक्षा के समय अपने विश्वास को बनाये रखा।"

संत पापा फ्राँसिस इस साल 20 अक्टूबर को रोम में आयोजित शांति के लिए अंतरराष्ट्रीय बैठक में प्राधिधर्माध्यक्ष की उपस्थिति को सहर्ष याद करते हैं।

हमारी दुनिया में चुनौतियां

संत पापा ने वर्तमान महामारी से उत्पन्न चुनौतियों को रेखांकित करते हुए कहा," युद्ध दुनिया के कई हिस्सों में जारी है, जबकि नए सशस्त्र संघर्ष अनगिनत पुरुषों और महिलाओं के जीवन को समाप्त कर रहे हैं।"

उन्होंने ध्यान दिया कि "शांति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा की गई सभी पहल उपयोगी और आवश्यक हैं।" फिर भी "संघर्ष और हिंसा तब तक नहीं होगी जब तक कि सभी लोग एक गहरी जागरूकता तक नहीं पहुंचते हैं कि भाइयों और बहनों के रूप में सबकी एक पारस्परिक जिम्मेदारी है।"

ख्रीस्तीय कलीसियाओं का उदाहरण

इसके प्रकाश में, संत पापा कहते हैं कि ख्रीस्तीय कलीसियाओं का धार्मिक परंपराओं के साथ, "एक प्राथमिक कर्तव्य है कि वे संवाद, परस्पर सम्मान और व्यावहारिक सहयोग का उदाहरण पेश करें।"

ईश्वर के प्रति अपनी कृतज्ञता व्यक्त करते हुए, संत पापा कहते हैं कि उन्होंने स्वयं "प्रथम स्तर पर इस भाईचारे" का अनुभव किया है।

पूर्ण समन्वय का मार्ग

अपने संदेश में, संत पापा फ्राँसिस स्वीकार करते हैं कि ईसाइयों के बीच अधिक घनिष्ठता और समझ की इच्छा "काथलिक कलीसिया और अन्य कलीसियाओं द्वारा खुद को बातचीत में शामिल करने से पहले कुस्तुनतुनिया की ग्रीक ऑर्थोडोक्स कलीसिया ने प्रकट किया था।"

संत पापा कहते हैं कि एक सौ साल पहले दुनिया भर की कलीसियाओं को संबोधित किया गया धर्माध्यक्षीय धर्मसभा के विश्व पत्र आज भी प्रासंगिक है। हम ईश्वर का धन्यवाद देते हैं कि काथलिक कलीसिया और अखिल कलीसियाओं के बीच संबंध पिछले एक सदी में बहुत बढ़ गए हैं। हम एक ही वेदी पर पवित्र युखरीस्तीय समारोह में पूर्ण भागीदारी के लिए तरस रहे हैं।

यह स्वीकार करते हुए कि एकता की राह में बाधाएं अभी भी हैं, संत पापा कहते हैं कि उन्हें विश्वास है कि "आपसी प्रेम में एक साथ चलना और ईशशास्त्र वार्ता, हमें उस लक्ष्य तक पहुंचेंगे।"

येसु में सामान्य विश्वास

अपने संदेश के अंत में संत पापा ने कहा, "यह आशा, येसु मसीह में हमारे सामान्य विश्वास पर आधारित है, जो पिता ईश्वर के द्वारा सभी लोगों को एक शरीर में इकट्ठा करने के लिए भेजे गये थे। एक आधारशिला और पवित्र कलीसिया  ईश्वर का पवित्र मंदिर है  हम सभी इसके जीवित पत्थर हैं और पवित्र आत्मा द्वारा हम प्रत्येक को विशेष करिश्मा या प्रेरितिक कार्य सौंपा गया है।"

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30 November 2020, 14:58