संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस 

संत पापा द्वारा कलीसिया को युखरीस्तीय रहस्य को जीने का आह्वान

चिली में मनाए जाने वाले पहले पवित्र मिस्सा बलिदान की 500 वीं वर्षगांठ पर संत पापा फ्राँसिस ने चिली के पुंटा एरेनास के धर्माध्य़क्ष को एक पत्र भेजा।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 9 नवम्बर 2020 (रेई) : पांच सौ साल पहले, 11 नवंबर 1520 को, पुर्तगाली खोजकर्ता अभियान के पुरोहित फादर पेड्रो डी वाल्डेरामा ने हर्नान्डो डी मैगलैलेन की धरती पर पहली बार पवित्र यूखारिस्तीय बलिदान का अनुष्ठान किया जो आज चिली के नाम से जाना जाता है।

इस अवसर को चिह्नित करने के लिए, संत पापा फ्राँसिस ने धर्माध्यक्ष बर्नार्डो बैस्ट्रेस फ्लोरेंस को एक पत्र भेजा, जिनके धर्मप्रांत पुंटा एरेनास में पवित्र मिस्सा बलिदान का अनुष्ठान किया गया था।

"ईश्वर ने दक्षिण से प्रवेश किया"

संत पापा ने लिखा, "प्रथम पवित्र मिस्सा की वर्षगांठ एक ऐतिहासिक तिथि है और यह न केवल पुंटा एरेनास के धर्मप्रांत के लिए है, बल्कि चिली की पूरी काथलिक कलीसिया के लिए है।"

द्वितीय वाटिकन महासभा का हवाला देते हुए, संत पापा ने कहा कि पवित्र यूखारिस्त ईश्वरीय कृपा को श्रोत है, इसी के माध्यण से ईश्वर का अनुग्रह हमारे बीच आता है। मसीह में हम पवित्र किये जाते हैं और परमेश्वर की महिमा गान गाते हैं। पवित्र यूखारिस्त में ईश्वरीय कृपा सबसे प्रभावी तरीके से प्राप्त किया जा सकता है।  इस कारण से हम कह सकते हैं, जैसा कि पंटा एरेनास के धर्मप्रांत के आदर्श वाक्य में कहा गया है, 'ईश्वर ने दक्षिण से प्रवेश किया,' क्योंकि उस अज्ञात क्षेत्र में पहला पवित्र मिस्सा बलिदान पूरी आस्था के साथ मनाया गया और इसी के साथ कलीसिया की शुरुआत को चिह्नित किया। उस प्यारे देश में तीर्थयात्रा जारी है।

 युखरिस्तीय रहस्य को जीना

हालाँकि चल रहे कोविद -19 महामारी ने बड़े पैमाने पर उत्सव को असंभव बना दिया है, संत पापा फ्राँसिस ने फिर भी चिली के लोगों से कहा, “कोई भी बाधा आप सभी के पुत्रों और पुत्रियों के दिलों में बहने वाली कृतज्ञता को प्रकट करने से रोक नहीं सकती, जो विश्वास और प्रेम के साथ ईश्वर के प्रति अपने समर्पण को नवीनीकृत करते हैं। ईश्वर आपकी जीवन यात्रा में सदा आपके साथ रहेंगे।

संत पापा ने उन्हें “यूखरिस्तीय रहस्य के उत्सव को जीने हेतु प्रोत्साहित किया, जो हमें येसु के साथ एकजुट करता है। प्रभु की आराधना और धन्यवाद, हमारे लिए नए जीवन और एकता का सिद्धांत है, जो हमें हमारे समाज के सबसे गरीब और सबसे कमजोर लोगों की सेवा करने के लिए प्रेरित करता है।”संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि वे आध्यात्मिक रूप से चिली के लोगों के साथ मिलकर ईश्वर को धन्यवाद देते हैं। "ईश्वर जो यूखरिस्त में खुद को 'रोटी' बनाते हैं" और अपने प्यार में सभी को लगातार बुलाते हैं, जिससे कि उनके प्रेम में हम भाईचारे को जी सकें जो किसी का भी अत्याचार नहीं करता और न ही उपेक्षा करता है।”

संत पापा फ्राँसिस के पत्र को रविवार को चिली में प्रथम मिस्सा बलिदान के उपलक्ष्य में धर्माध्यक्ष बैस्ट्रेस की अध्यक्षता में पवित्र मिस्सा समारोह के दौरान पढ़ा गया।

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09 November 2020, 15:11