संत पापा रेवेना-ग्रीवा महाधर्मप्रांत से एक प्रतिनिधिमंडल को संदेश देते हुए संत पापा रेवेना-ग्रीवा महाधर्मप्रांत से एक प्रतिनिधिमंडल को संदेश देते हुए 

ईश्वर का सम्मोहन शक्तिशाली आकर्षण को महसूस कराता है,संत पापा

संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार को दांते अलेघिएरी की मृत्यु की 700 वीं वर्षगांठ के अवसर पर उत्तर इटली में रेवेना-ग्रीवा महाधर्मप्रांत से एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार 10 अक्टूबर 2020 (वाटिकन न्यूज) : शनिवार को वाटिकन में उत्तर इटली के रेवेना-ग्रीवा महाधर्मप्रांत से एक प्रतिनिधिमंडल का स्वागत करते हुए संत पापा फ्राँसिस ने उन्हें कहा कि दांते अलेघिएरी की कविता आज भी उतनी ही प्रासंगिक है जितनी 700 साल पहले थी।

दांते की प्रतिध्वनि

संत पापा ने कहा कि यह "यूरोपीय सभ्यता के एक स्वर्ण युग का असाधारण प्रतिपादक" लोगों के साथ प्रतिध्वनित करने की क्षमता है। " उदाहरण के लिए, किशोर... यदि उनके पास एक तरह से दांते की कविता से संपर्क करने का अवसर है जो उनके लिए सुलभ है, तो निश्चित रूप से, लेखक और उसकी दुनिया के बीच की सभी दूरी के बावजूद वे एक आश्चर्यजनक प्रतिध्वनि महसूस करते हैं।"

संत पापा फ्राँसिस ने समझाया कि "यह होता है विशेष रूप से जहां सच्चाई, सुंदर और अच्छाई का आकर्षण है, अंततः ईश्वर का सम्मोहन अपने शक्तिशाली आकर्षण को महसूस कराता है।"

निर्वासन और प्रेरणा

संत पापा ने उल्लेख किया कि "दांते के लिए, रेवेना,"अंतिम आश्रय" का शहर था। कवि ने अपने शेष वर्ष वहाँ बिताए और अपना काम ‘दिव्य कॉमेडी’ पूरा किया, जिसके अंतिम अंतिम भाग में स्वर्ग भी शामिल था।

संत पापा फ्राँसिस ने दांते के निर्वासन की अवधि को याद करते हुए कहा कि एक युद्ध में हार ने उसके अस्तित्व को चिह्नित किया और उसके लेखन को भी प्रेरित किया।

संत पापा ने कहा कि कवि मारियो लूइज़ी ने "निर्वासन और बेहतर खोज के मूल्य पर प्रकाश डाला है कि निर्वासन का अनुभव दांते के लिए आरक्षित है। यह हमें तुरंत बाइबिल में इस्राएली लोगों के बाबुल का निर्वासन के बारे में सोचने के लिए प्रेरित करता है।" इसी तरह दांते के लिए, "निर्वासन इतना महत्वपूर्ण था कि यह न केवल उनके जीवन की व्याख्या करने के लिए बल्कि हर पुरुष और महिला के इतिहास और उससे आगे की 'यात्रा' भी महत्वपूर्ण हो गया। "

आशा का निमंत्रण

रेवेना में दांते की मृत्यु पवित्र क्रूस विजय के त्योहार 14 सितम्बर को हुई। संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि 1965 में, दांते के जन्म की सातवां शताब्दी के अवसर पर, संत पॉल छठे ने रेवेना को अपनी कब्र के लिए एक सुनहरा क्रूस दान किया था। "इस शताब्दी के अवसर पर वही क्रूस, कवि के नश्वर अवशेषों को संरक्षित करने वाले स्थान पर फिर से चमक जाएगा। यह आशा का निमंत्रण हो सकता है, उस आशा का जिसके नबी दांते हैं।”

संत पापा फ्राँसिस ने उम्मीद जताई कि "परम कवि" की मृत्यु की सातवीं शताब्दी समारोह का जश्न, हमें उनके काम [द डिवाइन कॉमेडी] को फिर से पढ़ने के लिए प्रेरित करेगा, ताकि हम अपने निर्वासन के दौरान अपनी स्थिति से अवगत हो जाए और मनपरिवर्तन के मार्ग की ओर प्रेरित हों।"

उन्होंने कहा, "दांते वास्तव में, हमें एक बार फिर से हमारी मानव यात्रा की खोई या अंधेरे में छिपी भावना को फिर से देखने के लिए आमंत्रित करते हैं।"

अंत में, संत पापा ने संत पॉल छठे के निमंत्रण से प्रेरणा प्राप्त कर कहा,“हमारी भूमि के कई अंधेरे जंगल पार करने के लिए दांते के अनुभव के साथ खुद को समृद्ध करने, इतिहास के माध्यम से हमारी तीर्थ यात्रा में खुशी लाने तथा हर व्यक्ति द्वारा इच्छा किये गये लक्ष्य तक पहुचाने वाला ‘प्रेम’ है जो ‘सूरज तथा अन्य सितारों को चलाता है।”

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10 October 2020, 15:08