लेस्बोस में शरणार्थी , ग्रीस के अन्य जगह पर जाने के लिए बस का इंतजार करते हुए लेस्बोस में शरणार्थी , ग्रीस के अन्य जगह पर जाने के लिए बस का इंतजार करते हुए 

धर्मबहनों ने शरणार्थियों के लिए अपना घर संत पापा को सौंप दिया

इटली के कतानिया की डिवाईन प्रोविडेन्स की सेविका धर्मबहनों ने रोम स्थित अपने मकान को संत पापा के कारितास कार्यालय के लिए दान किया है ताकि इटली आनेवाले शरणार्थियों को आश्रय दिया जा सके।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

रोम, मंगलवार, 13 अक्तूबर 2020 (वीएन)- वाटिकन में संत पापा के कारितास कार्यालय ने इटली पहुँचनेवाले आप्रवासियों एवं शरणार्थियों को आश्रय देने हेतु धर्मबहनों की ओर से भवन प्राप्त किया है। 

संत पापा के परोपकारी कार्यालय के अध्यक्ष कार्डिनल कोनराड क्रजेवस्की ने सोमवार को एक वक्तव्य जारी कर कहा कि "कतानिया की डिवाईन प्रोविडेंस की सेविका धर्मबहनों ने संत पापा के आह्वान का प्रत्युत्तर दिया है जिसको उन्होंने विश्वपत्र "फ्रतेल्ली तूत्ती" में बरम्बार दुहराया है कि युद्ध, अत्याचार और प्राकृतिक आपदा से भाग रहे आप्रवासियों को पर्याप्त आतिथ्य की आवश्यकता है।"

संत पापा के कारितास कार्यालय को मुफ्त में सौंपा गया धर्मबहनों का यह मकान विया देल्ला पिसाना में स्थित है।  

कार्डिनल क्राजेवस्की ने कहा कि धर्मबहनों का मकान जिसे विल्ला सेरेना पुकारा जाता है, शरणार्थियों को शरण प्रदान करने के लिए प्रयोग किया जाएगा, खासकर, एकल महिला, नाबालिग बच्चों के साथ महिला और कमजोर परिवार जिन्हें मानवीय गलियारा कार्यक्रम (ह्यूमानिटेरियन कोर्रिडोर प्रोग्राम) के माध्यम से इटली लाया जाता है।

इस केंद्र में कुल 60 लोगों को रखा जा सकता है जिसमें इटली पहुँचनेवाले लोगों को पहले माह में रखा जाएगा, उसके बाद उन्हें स्वतंत्रत नौकरी एवं घर प्राप्त करने में मदद दी जाएगी।  

विल्ला सेरेना केंद्र को सन इजिदियो समुदाय को सौंप दिया गया है जो 2015 से सीरिया, अफ्रीका एवं ग्रीस खासकर, लेसबोस द्वीप से आने वाले शरणार्थियों के लिए मानवीय गलियारा कार्यक्रम चला रहा है।

इस कार्यक्रम ने अब तक 2,600 से अधिक लोगों का स्वागत किया है, उनका साथ दिया है एवं एकीकरण हेतु सहयोग दिया है। उन लोगों में कई नाबालिग हैं।  

शरणार्थियों एवं अप्रवासियों की दुर्दशा संत पापा के हृदय के अति करीब है। उन्होंने 16 अप्रैल 2016 को व्यक्तिगत रूप से लेसबोस द्वीप का दौरा किया था और वहाँ से लौटते हुए 12 सीरियाई शरणार्थियों को अपने साथ रोम लाया था।

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13 October 2020, 15:09