बुल्गारिया के प्राधिधर्माध्यक्ष को सन्त पापा फ्राँसिस का सन्देश
जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी
बुल्गारिया, शुक्रवार, 18 सितम्बर 2020 (रेई,वाटिकन रेडियो): सन्त पापा फ्राँसिस ने बुल्गारिया की संरक्षिका सन्त सोफिया के पर्व पर प्राधिधर्माध्यक्ष नेओफित को एक सन्देश भेजकर बुल्गारिया के शहीद सन्त क्लेमेन्त एवं शहीद सन्त पोतितो के प्रति श्रद्धा अर्पित की और कहा कि कलीसिया के ये शहीद हम सब का आदर्श हैं।
बुल्गारिया में 17 सितम्बर को मनाये जानेवाले सन्त सोफिया के पर्व दिवस पर गुरुवार को शहीद सन्त क्लेमेन्त एवं शहीद सन्त पोतितो के पवित्र अवशेषों को, बुल्गारिया की राजधानी सोफिया शहर स्थित, सन्त सोफिया महागिरजाघर में हस्तान्तरित कर दिया गया है। इन सन्तों के पवित्र अवशेष सन्त पापा फ्राँसिस द्वारा बुल्गारिया की ऑरथोडोक्स कलीसिया को अर्पित किये गये थे।
सन्त पापा का सन्देश
अपने सन्देश में सन्त पापा फ्राँसिस ने लिखा, "भले ही सदियाँ बीत गई हैं तथापि, सन्त क्लेमेन्त एवं सन्त पोतितो, हम सब के लिये, एक शानदार उदाहरण हैं।" बुल्गारिया के धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष क्रिस्तो प्रोईकोव द्वारा पढ़े गये सन्त पापा के सन्देश में आगे कहा गया, "वे हमें याद दिलाते हैं कि शहीद सभी कलीसियाओं के हैं और शहादत में उन्होंने जिस पवित्र दुख को झेला है, वह ख्रीस्त के अनुयायियों के बीच प्रवाहित रक्त का साक्ष्य है, जो विभाजनों को दूर करता तथा सभी ख्रीस्तानुयायियों को, मसीह के शिष्यों में दृश्यमान, एकता को बढ़ावा देने के लिए आमंत्रित करता है।"
प्राधिधर्माध्यक्ष नेओफित
सन्त पापा के भ्रातृभाव के लिये धन्यवाद ज्ञापित करते हुए प्राधिधर्माध्यक्ष नेओफित ने कहा कि उनके लिये यह महान गौरव एवं हर्ष का विषय है। महान शहीद सन्त के अवशेषों को लौटेने के लिये भी प्राधिधर्माध्यक्ष नेओफित ने हार्दिक आभार व्यक्त किया। उन्होंने लिखा, "इतिहास, इन महापुरुषों के अद्वितीय जीवन और कार्य की गवाही देता है, प्रथम ख्रीस्तीय और मसीह के विश्वास के गवाह बने इन सन्तों ने इसी प्राचीन शहर में अपनी सांसारिक यात्रा शुरू की थी।" इन सन्तों के अवशेषों को ग्रहण करना हमारे लिये महन गौरव का विषय है जिसके लिये हम आपके प्रति, सन्त पापा फ्राँसिस, आभार व्यक्त करते हैं।"
उन्होंने कहा, "बुल्गारिया की कलीसिया की आधार शिला रखनेवाले तथा उसके प्रथम धर्माध्यक्ष रहे सम्मानित सन्त पापा क्लेमेन्त बुल्गारिया एव रोम की कलीसियाओं के बीच एक सेतु हैं।"
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