अजन्मे की आवाज, घंटी के लिए धन्यवाद देते संत पापा फ्राँसिस अजन्मे की आवाज, घंटी के लिए धन्यवाद देते संत पापा फ्राँसिस 

संत पापा ने कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों के लिए प्रार्थना की

बुधवारीय आमदर्शन समारोह के दौरान संत पापा फ्राँसिस ने क्यूबा में पाँच साल पहले अपनी प्रेरितिक यात्रा की याद की तथा वहाँ महामारी से पीड़ित लोगों के लिए प्रार्थना की। संत पापा ने पोलैंड के तीर्थयात्रियों का अभिवादन किया एवं जीवन की रक्षा करने के उनके कार्यों को प्रोत्साहन दिया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बुधवार, 23 सितम्बर 2020 (रेई)- बुधवार को संत पापा फ्राँसिस ने क्यूबा में अपनी प्रेरितिक यात्रा की याद की जिसको उन्होंने ठीक पाँच साल पहले की थी। उन्होंने क्यूबा के लोगों के प्रति अपना आध्यात्मिक सामीप्य व्यक्त किया, जहाँ कोविड-19 के कारण लोग बहुत कष्ट झेल रहे हैं।  

आमदर्शन समारोह में स्पानी भाषी तीर्थयात्रियों का अभिवादन करते हुए संत पापा ने कहा कि वे वहाँ के धर्माध्यक्षों तथा उस धरती के पुत्र-पुत्रियों के करीब हैं एवं प्रार्थना कर रहे हैं।   

संत पापा ने कहा, "मैं कोब्रे की उदारता की माता मरियम की मध्यस्थता द्वारा प्रभु से प्रार्थना करता हूँ कि वे महामारी के कारण जिस विकट समय से होकर गुजर रहे हैं वे उन्हें मुक्त और शांत करें।"  

कुछ ही दिनों पहले क्यूबा के धर्माध्यक्षों ने एक वक्तव्य जारी किया था जिसमें उन्होंने संत पापा फ्राँसिस की प्रेरितिक यात्रा की कृतज्ञतापूर्वक याद की थी तथा उन दिनों के अनुभव से उत्पन्न प्रेरितिक जिम्मेदारियों पर जोर दिया था।  

उन्होंने कहा था, "करुणा जिसको उन्होंने अपनी यात्रा के दौरान प्रदान किया, वह आज भी प्रेरित करती है जो स्थायी सुसमाचारी मनोभावों के साथ मिशन को नवीकृत करती है।"

क्यूबा में कोविड-19

क्यूबा के धर्माध्यक्षों ने अपने वक्तव्य में कोरोना वायरस से उत्पन्न कठिन परिस्थिति पर भी प्रकाश डाला है जो लंबे समय तक बंद और सीमाओं के साथ, बहुत सारे लोगों को मानवीय सहायता पर आधारित रहने के लिए मजबूर कर दिया है।  

अब तक संक्रमण के 5,000 से अधिक मामले पाये गए हैं और लगभग 120 मौतें हुई हैं। संत पापा फ्राँसिस ने 19 सितम्बर 2015 को क्यूबा की यात्रा की थी जब वे अमरीका की प्रेरितिक यात्रा पर थे। वे प्रथम संत पापा हैं जिन्होंने करेबियन द्वीप पर पाँव रखा।

"जीवन को हाँ" घंटी की आशीष

संत पापा फ्राँसिस ने पोलैंड के तीर्थयात्रियों का भी अभिवादन किया। उन्होंने "जीवन को हाँ" फाऊँडेशन द्वारा "अजन्मे की आवाज" घंटी के लिए धन्यवाद दिया एवं प्रार्थना की। इस पहल ने पोप को विधायकों के लिए अपील जारी करने का अवसर प्रदान किया।

उन्होंने कहा, "इस घंटी का बजना, मानव जीवन के मूल्य को गर्भाधान से प्राकृतिक मृत्यु तक उजागर करने के उद्देश्य की याद दिलायेगा।"

"इसकी आवाज़ से पोलैंड और दुनिया के सांसदों एवं भली इच्छा रखनेवाले सभी लोगों का विवेक जागृत होगा। जीवन के एकमात्र और सच्चे दाता प्रभु आपको और आप सभी के परिवारों को आशीष, प्रदान करे।"

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23 September 2020, 14:17