सन्त योसफ के पर्व पर ख्रीस्तयाग, 01.05.2020 सन्त योसफ के पर्व पर ख्रीस्तयाग, 01.05.2020 

श्रम की गरिमा एवं उचित मज़दूरी का सन्त पापा ने किया आह्वान

वाटिकन स्थित सन्त मर्था प्रेरितिक आवास के प्रार्थनालय में, श्रमिकों के संरक्षक, सन्त योसफ के महापर्व पर सन्त पापा फ्राँसिस ने सबके लिये श्रम की गरिमा एवं उचित मज़दूरी का आह्वान किया।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 1 मई 2020 (रेई, वाटिकन रेडियो):  वाटिकन स्थित सन्त मर्था प्रेरितिक आवास के प्रार्थनालय में, श्रमिकों के संरक्षक, सन्त योसफ के महापर्व पर सन्त पापा फ्राँसिस ने सबके लिये श्रम की गरिमा एवं उचित मज़दूरी का आह्वान किया।

सबके लिये उचित भुगतान

सन्त पापा ने सभी श्रमिकों के लिये उचित भुगतान, योग्य नौकरी तथा आराम का आग्रह करते हुए कहा, "हम सब मिलकर प्रार्थना करें ताकि कोई भी व्यक्ति बेरोज़गार नहीं रहे, सभी को प्रतिष्ठापूर्ण नौकरी और उचित भुगतान मिले तथा सभी श्रमिक आराम करने के सौन्दर्य का भी आनन्द ले सकें।"

ख्रीस्तयाग प्रवचन में सन्त पापा फ्राँसिस ने बाईबिल धर्मग्रन्थ के उत्पत्ति ग्रन्थ के पहले एवं दूसरे अध्यायों में निहित पाठों पर चिन्तन किया, जिनमें ईश प्रतिरूप में सृजित मानव का विवरण निहित है।

रोज़गारी है ईश्वर का वरदान    

सन्त पापा ने कहा, "सृष्टि के सृजन के सातवें दिन प्रभु ईश्वर ने अपनी गतिविधि और अपना कार्य मानव के सिपुर्द कर दिया, जिससे मनुष्य उनकी सृष्टि में योगदान देता रहे। ईश्वर ने सृष्टि को इसलिये मनुष्य के सिपुर्द किया ताकि मनुष्य, अपने कार्यों द्वारा, सृष्टि को प्रतिपल नया करता रहे। कार्य या श्रम ही मनुष्य को उसकी गरिमा प्रदान करता है, वह गरिमा जो प्रायः, इतिहास के अन्तराल में, पैरौं तले रौंदी जाती रही है।

उन्होंने कहा, "आज भी कई श्रमिक गुलाम हैं, जीवित रहने के लिए गुलामी करने को मजबूर हैं, बलात श्रम के लिये बाध्य हैं, कम पैसों एवं गरिमा रहित काम करने के लिये मजबूर हैं।"     

दिन-प्रतिदिन के वेतन पर काम करनेवाले श्रमिकों के प्रति अपने विचार अभिमुख कर सन्त पापा ने कहा, "आज के कथित विकसित समाज में भी लाखों श्रमिकों को घण्टों काम के बाद न्यूनतम वेतन दिया जाता है, घरेलु नौकर भी प्रायः सही भुगतान, सामाजिक सुरक्षा, स्वास्थ्य तथा पेंशन आदि से वंचित ही रहते हैं।"  

अन्याय, मानव प्रतिष्ठा पर प्रहार

श्रमिकों के विरुद्ध अन्याय को मानव प्रतिष्ठा पर प्रहार निरूपित कर सन्त पापा ने कहा, "आज, इस श्रमिक दिवस पर, हम तमाम विश्वासियों और ग़ैरविश्वासियों के साथ एकप्राण होवें तथा उन सब लोगों के लिये प्रार्थना करें जो कार्यस्थलों पर न्याय के लिए संघर्षरत रहा करते हैं। उन अच्छे उद्यमियों के लिये भी हम प्रार्थना करें जो संकट आने पर अपने श्रमिकों को काम पर से नहीं निकालते, बल्कि, कठिनाइयों में अपनी सन्तानों की तरह ही उनकी भी देखभाल करते हैं।"

श्रमिकों के संरक्षक सन्त योसफ से सन्त पापा ने प्रार्थना की कि वे हमें श्रम की प्रतिष्ठा हेतु  संघर्षरत रहने में सहायता प्रदान करें ताकि सबके लिये नौकरी और साथ ही, योग्य नौकरी की व्यवस्था हो सके।   

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01 May 2020, 10:39