मौत नहीं जीवन अंतिम शब्द, संत पापा
उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, सोमवार, 13 अप्रैल 2020 (रेई)- संत पापा ने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात। आज दूत के पास्का सोमवार को ख्रीस्त के पुनरूत्थान की आनन्दमय घोषणा गूँज रही है।
प्रभु जी उठे हैं
सुसमाचार पाठ (मती. 28,8-15) बतलाता है कि महिलाएँ डर से, येसु की कब्र जिसको उन्होंने खाली पाया था वहाँ से वापस लौंटी किन्तु रास्ते पर येसु स्वयं उन्हें दिखाई दिये और कहा, “डरो मत, जाओ मेरे भाइयों को यह संदेश दो कि वे गलीलिया जाएँ, वहाँ वे मेरा दर्शन करेंगे।” (पद.10) संत पापा ने कहा कि इन शब्दों के साथ पुनर्जीवित ख्रीस्त उन्हें शिष्यों के लिए एक मिशन सौंपते हैं।
निष्ठावान महिलाएँ येसु द्वारा सम्मानित
वास्तव में, उन्होंने ख्रीस्त के सार्वजनिक जीवन खासकर, दुःखभोग के दौरान अपनी निष्ठा, समर्पण और प्यार का सराहनीय आदर्श प्रस्तुत किया था, अब वे उनके द्वारा एक विशेष ध्यान और झुकाव के भाव से सम्मानित हो रहे हैं। संत पापा ने कहा, “सबसे पहले महिलाएँ, उसके बाद शिष्य और खासकर, पेत्रुस ने पुनरूत्थान की सच्चाई को गौर किया। येसु ने बारम्बार इसकी घोषणा की थी कि दुःखभोग एवं मृत्यु के बाद वे फिर जी उठेंगे किन्तु शिष्य नहीं समझ सके थे क्योंकि वे तैयार नहीं थे। उनके विश्वास को मजबूत होना था, जिसको सिर्फ पुनर्जीवित ख्रीस्त के वरदान, पवित्र आत्मा ही प्रदान कर सकते हैं।
विश्वास करने में धीमे
प्रेरित चरित की किताब के शुरू में, हम पेत्रुस के भाषण को सुनते हैं जो उँचे स्वर से कहता है, “ईश्वर ने उन्हीं ईसा नामक मनुष्य को पुनर्जीवित किया है – हम इस बात के साक्षी हैं।" (प्रे.च. 2.32) उसी समय से ख्रीस्त के पुनर्जीवित होने की घोषणा सभी ओर फैल रही है एवं पृथ्वी के अंतिम छोर तक पहुँच गई है और सभी के लिए आशा का संदेश बन गयी है। येसु का पुनरूत्थान हमें बतलाता है कि मृत्यु नहीं बल्कि जीवन अंतिम शब्द है। अपने एकलौटे पुत्र को पुनर्जीवित कर, पिता ईश्वर ने मानव जाति के लिए हर युग में अपने प्रेम और करुणा को पूर्ण रूप से प्रकट किया है।
पास्का संदेश
यदि ख्रीस्त जी उठे हैं, तो यह संभव है कि हम अपने अस्तित्व की हर घटना को साहस के साथ देखें, चाहे वह कठिनाई, चिंता एवं अनिश्चितता से भरा क्यों न हो। यही पास्का संदेश है जिसकी हम घोषणा करने के लिए बुलाये गये हैं, शब्दों और सबसे बढ़कर जीवन के साक्ष्य द्वारा। हमारे घरों एवं हृदयों में यही सुसमाचार गुँजे, “ख्रीस्त मेरी आशा जी उठे हैं।” यह निश्चितता, हर बपतिस्मा प्राप्त व्यक्ति को बल प्रदान करता है और उससे भी बढ़कर, पीड़ा और कठिनाई झेल रहे लोगों को, उनका सामने करने के लिए साहस देता है।
माता मरियम से सहायता की याचना
संत पापा ने माता मरियम से सहायता की याचना करते हुए कहा कि माता मरियम जो अपने पुत्र येसु की मृत्यु और पुनरूत्थान की मौन साक्षी हैं, मुक्ति के इस रहस्य पर दृढ़ता से विश्वास करने में हमारी सहायता करे कि यदि इसे विश्वास के साथ स्वीकार किया जाए तो जीवन बदल जाता है। यही पास्का की शुभकामना है जिसको मैं आप सभी को पुनः दोहराता हूँ। इतना कहने के बाद संत पापा ने स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपना प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।
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