सन्त मर्था में ख्रीस्तयाग अर्पण के अवसर पर, वाटिकन सन्त मर्था में ख्रीस्तयाग अर्पण के अवसर पर, वाटिकन 

कोरोना वायरस ग्रस्त लोगों के लिये प्रार्थना का आह्वान

वाटिकन स्थित सन्त मर्था प्रेरितिक प्रासाद के आराधनालय में सन्त पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार को अपने परमाध्यक्षीय काल की सातवीं वर्षगाँठ पर ख्रीस्तयाग अर्पित किया तथा सभी से कोरोना वायरस ग्रस्त लोगों के लिये प्रार्थना की अपील की।

जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 13 मार्च 2020 (रेई, वाटिकन रेडियो): वाटिकन स्थित सन्त मर्था प्रेरितिक प्रासाद के आराधनालय में सन्त पापा फ्राँसिस ने शुक्रवार को अपने परमाध्यक्षीय काल की सातवीं वर्षगाँठ पर ख्रीस्तयाग अर्पित किया तथा सभी से कोरोना वायरस ग्रस्त लोगों के लिये प्रार्थना की अपील की। इसी अवसर पर उन्होंने पुरोहितों के लिये प्रार्थना का आह्वान किया जो इस कठिन अवधि में आध्यात्मिक रूप में लोगों के साथ हैं।

प्रार्थना का आह्वान

सन्त पापा ने कहा कि इन दिनों हमारी प्रार्थनाएँ उन परिवारों एवं लोगों पर केन्द्रित रहीं हैं जो इस महामारी से पीड़ित हैं। साथ ही, मैं आप सबको आमंत्रित करता हूँ कि आप पुरोहितों के लिये भी प्रार्थना करें जो इस कठिन समय में ईश प्रजा के साथ हैं। हम प्रार्थना करें कि प्रभु ईश्वर पुरोहितों को अपने लोगों के साथ, आध्यात्मिक रूप से, जुड़े रहने की कृपा प्रदान करें।

सन्त पापा ने कहा कि यह स्पष्ट है कि सरकार द्वारा बीमारी को रोकने के लिये किये जा रहे उपाय एवं लागू नियम उपयुक्त एवं सही हैं जिनका पालन हम सब की ज़िम्मेदारी है।

बाईबिल धर्मग्रन्थ के पाठों पर चिन्तन करते हुए सन्त पापा ने कहा कि आज के लिये निर्धारित सुसमाचार पाठ प्रभु येसु के दुखभोग की भविष्यवाणी करते हैं, जबकि आज का पत्र हमारा ध्यान जोसफ के दास रूप में बेचे जाने की कहानी सुनाता है। सन्त पापा ने कहा कि दोनों ही पाठ दुखभोग की भविष्यवाणी करते हैं।

ईश प्रतिज्ञा पर विश्वास

सन्त पापा ने कहा कि ईश्वर ने अब्राहम को ईश प्रजा का नेता चुना था और सम्पूर्ण ईश प्रजा की अगुवाई करते हुए आगे बढते जाने के लिये कहा था। यह प्रभु की प्रतिज्ञा थी कि वे सदैव अपनी प्रजा के साथ रहेंगे। सन्त पापा ने कहा कि इसी प्रकार की प्रतिज्ञा प्रभु ने सिनई पर्वत से मूसा द्वारा लोगों से की थी। उन्होंने कहा कि लोगों का काम है चुने हुए लोगों का अनुसरण करना। उन्होंने कहा कि निर्वाचित लोगों को सदैव नियुक्त लोगों की स्मृति को संजोकर रखना चाहिये तथा सदैव, आशा के साथ, निष्ठापूर्वक अपना जीवन यापन करना चाहिये।  

याजकवाद नकारात्मक

सन्त पापा ने कहा कि हम मनुष्यों को यह भी याद रखना चाहिये कि ईश्वर हमारे लिये ख़ुद एक वरदान बने। वे हम मनुष्यों के लिये मानव रूप धारण कर इस धरती पर आये और हमारे बीच निवास किया। ईश प्रतिज्ञा को हम नहीं भूलें तथा अपने ऊपर नियुक्त लोगों की सुनें। उन्होंने याजकवाद के प्रति ध्यान आकर्षित कराया और कहा कि यह एक नकारात्मक तत्व है, यह एक विकृति है जो ईश्वर के चुनाव एवं ईश प्रतिज्ञा को नकारता है। याजकवाद, उन्होंने कहा कि ईश्वर और मनुष्य के बीच स्थापित संधि को भुला देता है, यह भुला देता है कि ईश्वर हमारे बीच एक वरदान स्वरूप प्रकट हुए। इस अहं बात को भुला देता है कि जिस प्रकार ईश्वर हमारे लिये वरदान बने, उसी प्रकार हमें भी अन्यों के लिये वरदान बनना है।

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13 March 2020, 11:20