संत पापा फ्राँसिस और विला मारिया की देखभाल और अनुसंधान दल संत पापा फ्राँसिस और विला मारिया की देखभाल और अनुसंधान दल  

संत पापा द्वारा चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा के मानवीकरण का आग्रह

संत पापा फ्राँसिस ने विला मारिया की देखभाल और अनुसंधान दल को स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाली एक वास्तविकता की याद दिलाते हुए कहा कि निकटता एक "पद्धति" है जिसका उपयोग प्रभु हमें बचाने के लिए किया। मसीह बीमार और पीड़ितों में उपस्थित हैं। इसलिए संत पापा को स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की तकनीकी और नैतिक तैयारी पर ध्यान केंद्रित करते हुए मानव जीवन की सेवा में एक नई संस्कृति की उम्मीद है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार, 1 फरवरी 2020 (वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने शनिवार को वाटिकन के क्लेमेंटीन सभागार में विला मारिया की देखभाल और अनुसंधान समूह के प्रबंधक, डॉक्टरों, नर्सो, प्रशासनिक कर्मचारियों से मुलाकात की। संत पापा ने वाटिकन सें उनका सहृदय स्वागत कर अध्यक्ष महोदय के परिचय भाषण के लिए धन्यवाद दिया। संत पापा ने उन्हें स्वास्थ्य के क्षेत्र में और मानव स्वास्थ्य की सेवा में सक्रिय चालीस वर्षों के लिए बधाई दी और उन्हें अपने व्यवसाय के साथ-साथ इटली और अन्य देशों में, बीमार मानव जीवन की सेवा में हमेशा आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।

तकनीकी और नैतिक तैयारी

संत पापा ने कहा,“मैं आपको समर्पण के साथ कार्यों में दृढ़ बने रहने के लिए प्रोत्साहित करता हूँ और मुझे आशा है कि आपकी संरचनाएं, आपकी सेवा करने का स्थान, दुःख का स्थान नहीं परंतु आशा का स्थान बनें, जहाँ बीमार व्यक्ति शारीरिक और आध्यात्मिक चंगाई का अनुभव करें। तकनीकी विकास और सामाजिक, आर्थिक तथा राजनीतिक परिस्थितियों में परिवर्तनों ने उस ढांचे को बदल दिया है जिस पर अस्पतालों और स्वास्थ्य सुविधाओं का जीवन टिका हुआ है। इसलिए सभी स्तरों पर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की तकनीकी और नैतिक तैयारी हेतु एक नई संस्कृति की आवश्यकता है।

स्वागत और आराम

संत पापा ने कहा कि कभी-कभी रोगियों को विशेष इलाज के लिए अपने जगह से दूर विशेष केंद्रों में जाने के लिए मजबूर होना पड़ता है। इस परिप्रेक्ष्य में, विला मारिया समूह रोगियों को अस्पताल में भर्ती करने और उनके परिवारों की जरूरतों को पूरा करने में प्रयासरत है। संत पापा ने कहा कि अस्पताल और स्वास्थ्य केंद्र एक ऐसा स्थान हो जहाँ रोगी आराम और सहज महसूस करें। रोगी का प्रेम और स्नेह के साथ देखभाल हो।

संत पापा ने कहा, “बीमारों की जरूरतों को पूरा करने के लिए, सभी सहयोगियों में सेवा की भावना, उदारता और संवेदनशीलता को प्रोत्साहित करना आवश्यक है। इन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए, यह आवश्यक है कि आप अपने आप को सिर्फ आर्थिक वित्तीय लाभ तक ही सीमित न करें, लेकिन व्यक्ति की निकटता की शैली को अपनायें जहाँ मानवता को केंद्र रखा जाता है। उन्हें बीमारी के सबसे महत्वपूर्ण क्षणों में चिंताओं से मुक्त करें। इस तरह यह चिकित्सा और अस्पताल को मानवीय बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देता है।”

येसु की उपस्थिति

संत पापा ने कहा कि हम ख्रीस्तियों के लिए येसु का वचन दूसरों की सेवा करने के लिए प्रेरित करता है। येसु कहते हैं, "जो कुछ तुमने मेरे इन छोटे भाइयों में से एक के लिए किया है, वह तुमने मेरे लिये किया है" (मत्ती 25,40)  येसु भी इस दुनिया में बीमारों को चंगा करने और पापों से मुक्त करने आये थे। इस अर्थ में पीड़ित भाइयों की देखभाल करना, प्रभु की देखभाल करना है। दर्द के स्थान में भी बीमार व्यक्ति हमें जीवन का संदेश देते हैं। वास्तव में, बीमार व्यक्ति मुक्ति और विश्वास के दिव्य उपहार की आवश्यकता और मूल्य को अधिक समझता है और अपने आस-पास के लोगों को भी इस उपहार की सराहना और तलाश करने में मदद करता है।

अंत में संत पापा ने उनके कार्यों की सराहना करते हुए रोगियों की माता मरियम की मध्यस्ता से वहाँ उपस्थित सभी लोगों और बीमार लोगों के लिए प्रार्थना करने का आश्वासन दिया।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

01 February 2020, 16:08