मिथ्या एवं विनाशकारी कहानियों का करें बहिष्कार, सन्त पापा
जूलयट जेनेवीव क्रिस्टफर-वाटिकन सिटी
वाटिकन सिटी, शुक्रवार, 24 जनवरी 2020 (रेई,वाटिकन रेडियो): सन्त पापा फ्राँसिस ने विश्व के समस्त पत्रकारों, सम्पादकों एवं लेखकों से अपील की है कि वे मिथ्या एवं विनाशकारी कहानियों का बहिष्कार करें तथा उन भली बातों पर अपना ध्यान केन्द्रित करें जो मनुष्यों को एक दूसरे से जोड़ती हैं।
24 जनवरी को पत्रकारों एवं लेखकों के संरक्षक सन्त फ्राँसिस दे सेल्स के पर्व के उपलक्ष्य में सामाजिक सम्प्रेषण दिवस मनाया जाता है। 54 वें सामाजिक सम्प्रेषण माध्यम सम्बन्धी दिवस के उपलक्ष्य में जारी सन्देश में, सन्त पापा फ्राँसिस ने, वृत्तान्त सुनाने पर ध्यान आकर्षित कराते हुए, सम्प्रेषण माध्यम जगत से जुड़े लोगों और विशेष रूप से, काथलिक सम्प्रेषकों से अनुरोध किया है कि वे विनाशकारी कहानियों के प्रलोभन से बचें।
कहानियों का प्रभाव
सन्त पापा ने कहा, "कहानियाँ और वृत्तान्त हम कौन हैं यह समझने में हमारी मदद कर सकती हैं इसलिये कि "मनुष्य एक कहानीकार है" बाल्यकाल से ही हम कहानियों के भूखे रहते हैं। कहानियाँ हमारे जीवन को प्रभावित करती हैं, चाहे वे परियों की कहानियाँ हों, उपन्यास हों, फिल्म हों, गीत अथवा समाचार ही क्यों न हों वे हमारे जीवन को गहनतम ढंग से प्रभावित करती हैं तथा इन्हीं के आधार पर हम भले-बुरे का निर्णय लेते हैं।"
सम्प्रेषण माध्यम का उपयोग सदैव समाज में भलाई का प्रसार करने का आह्वान करते हुए सन्त पापा ने स्मरण दिलाया कि प्रसारण यथार्थ तब होता है जब वह मानव उत्थान की ओर ले जाता, यदि वह विनाश की ओर ले जाता है तो वह प्रसारण नहीं है। उन्होंने कहा कि यदि हमारी कहानी सत्य की खोज का लक्ष्य रखती हुई विनम्रतापूर्वक रची गई है तो वह मानव उत्थान एवं सामाजिक विकास में योगदान देगी। उन्होंने कहा, "अच्छी कहानियों के सत्य की सांस लेने की नितान्त आवश्यकता है।"
बाईबिल धर्मग्रन्थ, "कहानियों की कहानी"
सन्त पापा ने कहा, पवित्र धर्मग्रन्थ, "कहानियों की कहानी" है, बाईबिल धर्मग्रन्थ हमें बताता है कि सृष्टिकर्त्ता ईश्वर सर्वज्ञ कथावाचक भी हैं। अपने कथन के माध्यम से ईश्वर चीज़ों में प्राण फूँकते और इसके चरमोत्कर्ष पर पुरुष एवं महिला की सृष्टि कर उन्हें अपने मुक्त वार्ताकारों के रूप में प्रेषित करते हैं। अस्तु, सन्त पापा ने कहा, "ईश्वर के वार्ताकारों का दायित्व है कि वे पीढ़ी दर पीढ़ी ईश्वर तथा मानवजाति के मध्य विद्यमान प्रेम की कहानी का प्रसार करें।"
मिथ्या कहानियों के प्रलोभन से बचें
सम्प्रेषण माध्यम को समर्पित 54 वें विश्व दिवस के उपलक्ष्य में जारी सन्देश में सन्त पापा मीडिया कर्मियों से आग्रह करते हैं कि वे मिथ्या कहानियों, अफ़वाहों एवं कथित फेक न्यूज़ के प्रलोभन में कदापि न पड़ें। वे लिखते हैं, "हमारे वृत्तान्तों में निहित हिंसा और भद्दी बकवाद, तुच्छ एवं झूठ से भरे हमारे भाषण, घृणा को उकसाने वाले हमारे शब्द विनाश की ओर ले जाते हैं, इसलिये कि यह मानव प्रतिष्ठा पर कुठाराघात करते हैं। उन्होंने अपील की कि अपने लेखन कार्यों में तथा कथावाचन में मीडिया कर्मी इन प्रलोभनों से बचें तथा सत्य के प्रकाश में, अपने कार्यों का सम्पादन कर, शांति एवं न्याय पर आधारित कहानियों के निर्माण में लगें।
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