"ला चिविल्ता कत्तोलिका" "ला चिविल्ता कत्तोलिका"  

"ला चिविल्ता कत्तोलिका" की 170वीं वर्षगाँठ, संत पापा की शुभकामना

संत पापा फ्राँसिस ने जेस्विट पत्रिका "ला चिविल्ता कत्तोलिका" के प्रथम प्रकाशन के 170 साल पूरा होने पर, अपने हाथों से एक पत्र लिखकर संदेश भेजा। संत पापा के संदेश को पत्रिका के जनवरी 2020 अंक के कवर पेज पर छापा जाएगा।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार, 31 दिसम्बर 2019 (रेई)˸ संत पापा फ्राँसिस ने जेस्विट पत्रिका "ला चिविल्ता कत्तोलिका" के प्रथम प्रकाशन के 170 साल पूरा होने पर, अपने हाथों से एक पत्र लिखकर संदेश भेजा। संत पापा के संदेश को पत्रिका के जनवरी 2020 अंक के कवर पेज पर छापा जाएगा।   

संत पापा ने पत्र में इस प्रकार लिखा है, "आपकी मदद के लिए धन्यवाद, जिसको आप मुझे प्रदान करते हैं। मैं चाहता हूँ कि आप रचनात्मक बनें...आत्मपरख का अभ्यास करें, घृणा, संकीर्ण विचार एवं पूर्वाभास का सामना करें।"  

"170 साल पहले धन्य संत पापा पियुस ग्यारहवें ने येसु समाज से "ला चिविलता कत्तोलिका" पत्रिका की शुरूआत करने का आग्रह किया था। उसी समय से इस पत्रिका ने संत पापाओं को निष्ठापूर्वक सहयोग दिया है। मुझे भी मदद करने के लिए धन्यवाद। जीवन और विचारों के बीच, परखनेवाली आँखों से गतिशीलता को जीना जारी रखें, यह जानते हुए कि "ला चिविलता कत्तोलिका" एक भला समारी है।"

उन्होंने शुभकामनाएँ देते हुए लिखा है, "मेरी शुभकामनाएँ हैं कि आप ईश्वर में रचनात्मक बनें, नये रास्तों का पता लगायें, पत्रिका को प्रेरित करने वाले नए अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण के लिए भी धन्यवाद, पन्नों से उठनेवाले सीमांतों की आवाज़ द्वारा हम एक-दूसरे को सुनते हैं।"

उन्होंने कहा, "भाषा के संदर्भ में आत्मपरख करें, घृणा, संकीर्ण मानसिकता और पूर्वाग्रह का सामना करें और सबसे बढ़कर, सतही प्रस्ताव या भावात्मक संश्लेषण करने से संतुष्ट न हों, बल्कि वर्तमान समय की अतिरेकपूर्ण बेचैनी की चुनौतियों को स्वीकार करें, जिसमें ईश्वर हमेशा क्रियाशील हैं।”      

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31 December 2019, 16:05