2017 में मेक्सिको के बच्चों और युवाओं को वीडियो संदेश देते हुए संत पापा 2017 में मेक्सिको के बच्चों और युवाओं को वीडियो संदेश देते हुए संत पापा 

जब हम मौत के बारे भूल जाते, तो मरना शुरू कर देते हैं, संत पापा

गुरुवार को भेजे गए एक वीडियो संदेश में, संत पापा फ्राँसिस मौत के अर्थ पर चिंतन करते हुए कहते हैं कि मृत्यु का प्रश्न वास्तव में जीवन का प्रश्न है।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, शनिवार 02 नवम्बर 2019 (वाटिकन न्यूज) संत पापा फ्राँसिस ने युवा लोगों की चौथी विश्व सभा में प्रतिभागियों के लिए एक वीडियो संदेश भेजा। सभा का आयोजन स्कोलार्स ओकुरेंतेस और वर्ल्ड ओआरटी द्वारा किया गया था।

28 अक्टूबर को मैक्सिको सिटी में सभा शुरू हुई और गुरुवार को संयोगवश हैलोवीन के दिन इसका समापन हुआ। शुक्रवार को सभी संतों की त्योहार और शनिवार को सभी आत्माओं के पर्व, जिसे मेक्सिको में मृतकों का दिन के रूप में जाना जाता है।

अंत बनाम उद्देश्य

अपने संदेश में,संत पापा ने रोमांस की भाषाओं में पाए गए शब्दों के साथ समानता का उपयोग करते हुए "अंत" पर चिंतन किया। संत पापा ने कहा,"मृत्यु का प्रश्न वास्तव में जीवन का प्रश्न है।"

पोप फ्रांसिस ने स्पष्ट रूप से विरोधाभासी विचार को स्पष्ट रूप से दोहराया: "यह मृत्यु है जो जीवन को जीवित रहने की अनुमति देती है!"

उन्होंने कहा कि "अंतिम लक्ष्य" वह है जो कहानी को लिखने की अनुमति देता है या पेंटिंग को चित्रित करने की अनुमति देता है।

संत पापा ने मेक्सिको सिटी में एकत्रित युवाओं को "हर रोज़ के छोटे से छोटे उद्देश्य" पर ध्यान देने के लिए आमंत्रित किया, जैसे प्रत्येक शब्द का अंत और प्रत्येक मौन का अंत।

"जीवन इस तथ्य के प्रति सचेत करता है कि  इसे शाश्वत बनाने का काम निश्चित रूप से समाप्त हो जाएगा।

उन्होंने कहा, मृत्यु, हमारे "सर्वशक्तिमान बनने के भ्रम" को मारता है और हमें जीवन के रहस्य से जुड़ना सिखाता है।

“यह हमें शून्य में कूदने का साहस देता है और यह एहसास दिलाता है कि हम गिरेंगे नहीं, हम डूबेंगे नहीं। हमारे अंत से पहले और बाद में भी हमेशा हमें बचाने के लिए कोई हमारे पास है।”

उन्होंने कहा, “हमारे जीवन के सटीक "अंत" को नहीं जानते हुए, हमें नाजुक महसूस करने के लिए प्रेरित करता है, लेकिन यह हमें अन्य लोगों को सुनने और उनके साथ मिलकर कुछ बनाने के लिए भी प्रेरित करता है।

कुछ नया नहीं

संत पापा फ्राँसिस ने अपने विचारों को आधुनिक मानव समाज की प्रकृति की ओर ले जाते हुए कहा,"दुनिया पहले से ही गठित है और सब कुछ पहले से ही समझाया गया है।"

उन्होंने कहा कि समाज अपने विचारों को पूरी तरह से गठित और अच्छी तरह से परिभाषित करते हुए, अनुत्तरित प्रश्नों को छोड़ने से इनकार करती है।

उन्होंने कहा, "ऐसी दुनिया में जो स्वायत्तता, आत्मनिर्भरता और आत्मबल की पूजा करता है, उसके पास दूसरे के लिए कोई जगह नहीं है।"

हमारी दुनिया इतनी तेज गति से आगे बढ़ रही है कि यहाँ किसी भी तरह की रुकावट की अनुमति नहीं है। हम इसके दास बन जाते हैं और सके साथ स्वतः आगे बढ़ते रहते हैं। हो सकता है हम यह भी भूल जाएं कि अंत में इसे रोकने का क्या मतलब है।"

"लेकिन मृत्यु का विस्मरण ही इसकी शुरुआत है।"

संत पापा ने कहा कि एक संस्कृति जो मृत्यु को भूल जाती है वह कुम्हलाने और मरने लगती है। "जो मृत्यु को भूल जाता है, वह पहले ही मरना शुरू कर देता है।"

एक दूसरे के लिए मरें

संत पापा फ्राँसिस ने सभा में भाग लेने वाले छात्रों को धन्यवाद दिया, क्योंकि उनमें मौत के सवाल का सामना करने का साहस था।

उन्होंने कहा कि मौत तीन प्रकार हैं जो हमें जीवन से भर देते हैं, “हर पल की मृत्यु, अहंकार की मृत्यु, इस दुनिया से मृत्यु जो नई दुनिया के लिए रास्ता देती है।”  

"याद रखें, यदि मृत्यु अंतिम शब्द नहीं है, तो ऐसा इसलिए है क्योंकि हमने जीवन में एक दूसरे के लिए मरना सीखा।"

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02 November 2019, 15:59