अमाजोन की आदिवासी महिला अमाजोन की आदिवासी महिला  

अमाजोन सिनॉड ब्रीफिंग, महिलाओं की भूमिका, सांस्कृतिक अनुकूलन

अमाजोन पर धर्माध्यक्षीय धर्मसभा में 23 अक्टूबर को महिलाओं की भूमिका, सांस्कृतिक अनुकूलन और सामूहिक निर्णय (सिनॉडालिटी) आदि विषयों पर विचार-विमर्श किये गये।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, बृहस्पतिवार, 24 अक्टूबर 2019 (रेई)˸ प्रेस ब्रीफिंग में वाटिकन संचार विभाग के अध्यक्ष डॉ. पाओलो रूफीनी ने सिनॉड के अंतिम दस्तावेज तैयार करने की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। जेस्विट फादर जाकोमो कोस्ता ने बतलाया कि अंतिम दस्तावेज को संत पापा फ्राँसिस को सौंप दिया जाएगा जिसके द्वारा कलीसिया को आगे बढ़ने हेतु दिशानिर्देश मिलेगा। फादर कोस्ता ने सिनॉडल प्रक्रिया में गंभीरता से सुनने के महत्व पर जोर दिया और कहा कि अंतिम दस्तावेज इसी प्रक्रिया का परिणाम है परन्तु यही इसका अंतिम लक्ष्य नहीं है।

सिस्टर रोसेलेई बेरतोलदो आईसीएम  

इस ब्रीफिंग की प्रमुख अतिथि संत मरियम के निष्कलंक हृदय की धर्मबहन रोसेलेई बेरतोलदो ने मानव तस्करी के मुद्दे खासकर, युवतियों एवं महिलाओं की तस्करी की ओर ध्यान आकृष्ट किया। उन्होंने कहा कि मानव तस्करी न केवल यौन शोषण के द्वारा किया जाता है बल्कि बहुधा अदृश्य अपराध जैसे, घरेलू दासता एवं बाल श्रम के द्वारा भी किया जाता है। उन्होंने कहा कि कलीसिया को इन मुद्दों पर जागरूकता लाने तथा इनके निराकरण हेतु कार्य करने के लिए मदद करना चाहिए।  

धर्माध्यक्ष रिकार्दो एरनेस्तो चेंतेल्लास गुजमन

बोलिविया के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष रिकार्दो एरनेस्तो चेंतेल्लास गुजमन ने कहा कि कलीसिया को महिलाओं की भूमिका के संबंध में अपनी मानसिकता को बदलना चाहिए। उन्होंने कहा कि कलीसिया में महिलाओं की एक मजबूत उपस्थिति है किन्तु निर्णय लेने में उनकी सहभागिता लगभग न के बराबर है। विश्वव्यापी स्तर की अपेक्षा, परिवर्तन पहले छोटे समुदायों में आना चाहिए।  

धर्माध्यक्ष जेनिलदो लुईज पेरेइरा दा सिलवा सीएसएसआर

ब्राजील के धर्माध्यक्ष जेनिलदो लुईज पेरेइरा दा सिलवा ने कहा कि कलीसिया को समकालीन विश्व के साथ संवाद करने हेतु नये रास्तों की खोज करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सिनॉडल (सामुहिक निर्णय) का रास्ता न केवल उत्तर का प्रस्ताव रखने का है बल्कि नये रास्तों की ओर इशारा करना भी है और अतीत में किये गये चीजों का पुनः अवलोकन करना भी है।  

धर्माध्यक्ष जिलबेर्तो अलफ्रेदो विजकार्रा मोरी येसु समाजी

जेस्विट धर्माध्यक्ष जिलबेर्तो अलफ्रेदो विजकार्रा मोरी जिन्होंने पेरू में मिशनरी के रूप में कार्य किया है और वर्तमान में एक प्रेरितिक विकर के रूप में कार्य कर रहे हैं, उन्होंने आदिवासियों के करीब रहने और आदिवासी समाज में शामिल होने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इसके लिए त्याग की आवश्यकता है, खासकर, अपने पूर्वावधारित मानसिकता का त्याग करना है। उन्होंने बतलाया कि आदिवासियों के साथ रहने के द्वारा उन्होंने महसूस किया कि वे समस्त सृष्टि के साथ संयुक्त अनुभव करते हैं। जबकि हम बहुधा अपने आपको सृष्टि के मालिक समझते हैं, अतः हमें आदिवासी लोगों से सीखना चाहिए।  

मुम्बई के कार्डिनल ऑस्वल्ड ग्रेसियस

अंत में मुम्बाई के महाधर्माध्यक्ष कार्डिनल ऑस्वल्ड ग्रेसियस ने कहा कि उन्हें आश्चर्य हुआ जब उन्हें सिनॉड में भाग लेने के लिए निमंत्रण मिला। उन्होंने बतलाया कि उन्हें अमाजोन की स्थित भारत की स्थिति के समान ही लगी। अमाजोन के लोग जिन समस्याओं का सामना कर रहे हैं वह वैश्विक है। उन्होंने प्रकृति के विरूद्ध अपराध, आदिवासियों के प्रति अन्याय और प्रेरितिक देखभाल की कमी जैसे मुद्दों पर ध्यान दिये जाने की बात कही। उन्होंने ने कहा कि अमाजोन के धर्माध्यक्षों का अपने लोगों के प्रति उत्साह उन्हें प्रभावित किया।   

सिनॉडालिटी पर सवाल

एक पत्रकार के उस सवाल पर कि कलीसिया का एक "अमाजोनियाई चेहरा" होना चाहिए, सिनॉडालिटी पर जोर देते हुए क्या कलीसिया के दूसरे हिस्से के लोगों के प्रस्ताव को भी सुना गया। कार्डिनल ग्रेसियस ने कहा कि संत पापा फ्राँसिस ने सिनॉडालिटी का ईशशास्त्र प्रदान किया है और इसपर बहुत अधिक जोर दिया है जिसे कलीसिया ने अमाजोन पर सिनॉड के दौरान यथार्थ में इसका अनुभव किया है।

डॉ. रूफिनी ने कहा कि संत पापा फ्राँसिस ने सिनॉडालिटी के बारे आमदर्शन के दौरान बतलाया था। उन्होंने कहा था कि येरूसालेम के सिनॉड के दौरान प्रेरितों ने ईशशास्त्रीय मुद्दे पर, विचार-विमर्श किया था और एक आम रास्ता निकालकर समझौता किया था। यह हमें आलोकित करता है कि भिन्नताओं को किस तरह से सम्बोधित किया जाना चाहिए और किस तरह से विवादों को वार्ता के द्वारा हल किया जाना चाहिए।

धर्माध्यक्ष विजकार्रा ने अपना अनुभव बतलाया कि उन्होंने अमाजोन की कलीसिया में आरम्भिक कलीसिया का प्रतिबिम्ब देखा। उन्होंने कहा, "पवित्र आत्मा हमें प्रेरित करते हैं, हमें एक ख्रीस्तीय के रूप में पारिस्थितिकी की पृष्ठभूमि पर जीने के लिए निमंत्रण देते हैं। उन्होंने कहा कि उनके लिए सिनॉड एक सुनने वाला सिनॉड है।

मीडिया कवरेज का सवाल  

सिनॉड के मीडिया कवरेज पर प्रतिक्रियाओं के बारे में एक अंतिम प्रश्न पूछा गया कि धर्मसभा में क्या हो रहा है, इसके बारे में "बहुत अलग व्याख्याएं" दी जा रही हैं, धर्माध्यक्ष दा सिल्वा ने कहा कि सिनॉडालिटी के विचार पर थोड़ा विरोध है किन्तु कलीसिया जब सिनॉडल रास्ता शुरू की, तब यह एक महत्वपूर्ण चिन्ह प्रकट किया है। कलीसिया कोई अस्पष्ट रास्ते पर नहीं चल रही है बल्कि हमारे समय के प्रकाश में चल रही है तथा मीडिया की भूमिका और भी महत्वपूर्ण, रचनात्मक हो गयी है।    

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24 October 2019, 16:19