विन्सेंट लैंबर्ट और उनकी माता विन्सेंट लैंबर्ट और उनकी माता 

अदालत द्वारा पुनः विन्सेन्ट के जीवन समर्थन शुरू करने का आदेश

फ्रांस में एक अदालत के आदेश ने विन्सेंट लैंबर्ट को खिलाने और जल देने से रोकने की प्रक्रियाओं को रद्द कर दिया। संत पापा फ्राँसिस का कहना है कि जीवन "इसकी शुरुआत से लेकर इसके प्राकृतिक अंत तक ईश्वर का उपहार है।"

माग्रेट सुनीता मिंज-ाटिकन सिटी

रिम्स, मंगलवार 21 मई 2019 (वाटिकन न्यूज) :  42 वर्षीय विन्सेंट लैंबर्ट 2008 में मोटरसाइकिल दुर्घटना के बाद से रिम्स के एक अस्पताल में भर्ती हैं। उसके मस्तिष्क की गंभीर क्षति हुई है, लेकिन वे स्वंय सामान्य रूप से सांस लेते हैं। कुछ डॉक्टर उसे "न्यूनतम चेतना" के रूप में वर्णित करते हैं, जबकि दूसरों का दावा है कि वह "कालानुक्रमिक वनस्पति" अवस्था में है।

सोमवार 20 मई को, विन्सेंट के माता-पिता द्वारा उसके लाइफ सपोर्ट सिस्टम को बंद न करने की अपील करने के बावजूद, चिकित्सा अधिकारियों ने इसे बंद करना शुरू कर दिया था परंतु अदालत के नई फैसले ने उस प्रक्रिया को फिर से शुरु करने का आदेश दिया जिसके द्वारा लैम्बर्ट को खिलाया और पानी पिलाया जाता था।

संत पापा की अपील

सोमवार 20 मई को संत पापा फ्राँसिस ने भी ट्वीट प्रकाशित कर कलीसिया की स्थिति की पुष्टि की। संदेश इस प्रकार है, “हम उन लोगों के लिए प्रार्थना करें जो गंभीर बीमारी के साथ जीते हैं। जीवन ईश्वर का दिया एक बहुमूल्य उपहार है, आइए, हम शुरु से लेकर सामान्य अंत तक जीवन की रक्षा करें। हम फेंकने की संस्कृति से बचे रहें।” 

पिछले वर्ष, 15 अप्रैल को स्वर्ग की रानी प्रार्थना से पहले, संत पापा फ्राँसिस ने विन्सेंट लैंबर्ट और अल्फी इवांस के लिए अपील करते हुए कहा, "मैं आपलोगों की प्रार्थना में, फ्रांस के विन्सेंट लैंबर्ट, इंग्लैंड के छोटे अल्फी इवांस और विभिन्न देशों के उन लोगों को सौंपता हूं, जिन्हें लंबे समय तक, गंभीर स्थिति में मूलभूत आवश्यकताओं के लिए चिकित्सा सहायता की आवश्यकता है। हम प्रार्थना करें कि उनके जीवन को सम्मान मिले। हर मरीज को उसके परिवार के सदस्यों, डॉक्टरों और अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का पूरा योगदान मिले।

बुधवार 18 अप्रैल को आम दर्शन समारोह के दौरान, संत पापा फ्राँसिस ने कहा, “मैं दोहराना चाहता हूँ और दृढ़ता से पुष्टि करता हूँ कि जीवन की शुरुआत से लेकर प्राकृतिक अंत तक का एकमात्र स्वामी ईश्वर है। जीवन की रक्षा हेतु सब कुछ करना हमारा कर्तव्य है।”

रिम्स के महाधर्माध्यक्ष की अपील

रिम्स के महाधर्माध्यक्ष एरिक डी मौलिन्स-ब्यूफोर्ट ने एक बयान में कहा, "यह मानव समाज का सम्मान है कि वह अपने किसी सदस्य को भूख या प्यास से मरने न दे और अंत तक उचित स्थिति बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास करे। मानवता की महानता इसके सदस्यों विशेष रूप से सबसे कमजोर, अतुलनीय और अलंघनीय लोगों की गरिमा पर विचार करने में निहित है।"

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21 May 2019, 11:20