स्वर्ग की रानी प्रार्थना के दौरान  नये पुरोहितों के साथ संत पापा स्वर्ग की रानी प्रार्थना के दौरान नये पुरोहितों के साथ संत पापा 

भला चरवाहा हम प्रत्येक पर ध्यान देता है, संत पापा

भले चरवाहे येसु, हम प्रत्येक पर विशेष ध्यान देते हैं। वे हमें खोजते और प्यार करते हैं, हमें पुकारते, हमारे हृदय की गहराई को जानते, हमारी इच्छाओं, अपेक्षाओं तथा हमारी असफलताओं एवं निराशाओं को भी समझते हैं। वे हमें हमारे गुण और अवगुण के साथ उसी स्थिति में प्यार करते हैं जैसे हम हैं।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार, 13 मई 2019 (रेई)˸ वाटिकन स्थित संत पेत्रुस महागिरजाघर के प्राँगण में रविवार 12 मई को संत पापा फ्राँसिस ने भक्त समुदाय के साथ स्वर्ग की रानी प्रार्थना का पाठ किया स्वर्ग की रानी प्रार्थना के पूर्व उन्होंने विश्वासियों को सम्बोधित कर कहा, अति प्रिय भाइयो एवं बहनो, सुप्रभात।

"आज का सुसमाचार पाठ (यो. 10.27-30) येसु को ईश प्रजा के एक भले चरवाहे के रूप में प्रस्तुत करता है। यह हमें उस संबंध के बारे बतलाता है जिसके द्वारा वे अपनी भेड़ों यानी शिष्यों के साथ जुड़े रहते हैं और इस पर भी जोर देता है कि यह आपसी पहचान का संबंध है। "मेरी भेड़ें मेरी आवाज पहचानती हैं। मैं उन्हें जानता हूँ और वे मेरा अनुसरण करती हैं। मैं उन्हें अनंत जीवन प्रदान करता हूँ। उनका कभी सर्वनाश नहीं होगा और उन्हें मुझ से कोई नहीं छीन सकेगा।" ( 27-28) इस पाठ को ध्यानपूर्वक पढ़ते हुए हम देखते हैं कि येसु के कार्यों को कुछ क्रियाओं में प्रकट किया गया है- जैसे कि येसु वार्तालाप करते हैं, वे पहचानते हैं, अनन्त जीवन प्रदान करते और रक्षा करते हैं।

भले चरवाहे येसु के कार्य

भले चरवाहे येसु, हम प्रत्येक पर विशेष ध्यान देते हैं। वे हमें खोजते और प्यार करते हैं, हमें पुकारते, हमारे हृदय की गहराई को जानते, हमारी इच्छाओं, अपेक्षाओं तथा हमारी असफलताओं एवं निराशाओं को भी समझते हैं। वे हमें हमारे गुण और अवगुण के साथ उसी स्थिति में प्यार करते हैं जैसे हम हैं। हम प्रत्येक के लिए वे अनन्त जीवन प्रदान करते हैं अर्थात्, वे हमें पूर्ण, अंतहीन जीवन जीने का अवसर प्रदान करते हैं।

इसके अतिरिक्त, वे प्रेम से हमारी रक्षा करते एवं हमारा मार्गदर्शन करते और जीवन की यात्रा में आने वाले कठिन एवं जोखिम भरे रास्ते पर हमारी सहायता करते हैं। जिन क्रयाओं एवं हाव-भाव के साथ येसु भले गड़ेरिये हमारे साथ सम्पर्क करते हैं उनका उत्तर भेड़ें अर्थात् हम किस प्रकार दे सकते हैं-येसु कहते हैं, मेरी भेड़ें मेरी आवाज पहचानती हैं, वे मेरा अनुसरण करती हैं।

येसु को हमारा प्रत्युत्तर

संत पापा ने कहा कि इन्हीं क्रियाओं द्वारा हम प्रभु के कोमल एवं प्रेमी भावनाओं का प्रत्युत्तर दे सकते हैं। उनकी आवाज को सुनने एवं पहचानने का अर्थ है उनके साथ गहरा संबंध स्थापित करना, जो प्रार्थना द्वारा सम्भव है। हम दिव्य गुरू के साथ हृदय में मुलाकात करते, हमारी आत्मा के मालिक से मिलते हैं। येसु से संयुक्ति, उनके प्रति उदारता एवं उनके साथ बातचीत, हममें उनका अनुसरण करने की इच्छा जागृत करती है। वे हमें गलत रास्ते से निकालते, स्वार्थ का परित्याग कराते तथा भाईचारा के नये रास्ते पर आगे बढ़ने में मदद देते हैं।

हम न भूले कि येसु एकमात्र भले चरवाहे हैं जो हमसे बात करते, हमें पहचानते, हमें अनन्त जीवन प्रदान करते एवं हमारी रक्षा करते हैं। हम उसके झुंड में से एक हैं एवं हमें उनकी आवाज को पहचानना है जबकि वे प्यार से हमारे दिलों की ईमानदारी की जांच करते हैं। हमारे गड़ेरिये के साथ लगातार संबंध, उनसे बातचीत के द्वारा उनका अनुसरण करने का आनन्द प्रवाहित होता है और हम अनन्त जीवन की ओर संचालित हो सकते हैं।  

भले गड़ेरिये ख्रीस्त की माता

संत पापा ने माता मरियम से प्रार्थना करने का आह्वान करते हुए कहा, "अब हम माता मरियम से अर्जी करें जो भले गड़ेरिये ख्रीस्त की माता हैं। उन्होंने ईश्वर के बुलावे का सहर्ष प्रत्युत्तर दिया। वे उन लोगों की विशेष रूप से सहायता करें जो पुरोहिताई और समर्पित जीवन जीने के लिए बुलाये गये हैं ताकि वे ख्रीस्त के निमंत्रण का स्वागत करते हुए सुसमाचार की घोषणा और ईश्‍वर के राज्य की सेवा में खुशी और तत्परता के साथ अपना सहयोग दे सकें।"

इतना कहने के बाद संत पापा ने भक्त समुदाय के साथ देवदूत प्रार्थना का पाठ किया तथा सभी को अपन प्रेरितिक आशीर्वाद दिया।

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13 May 2019, 14:44