संत जूलियो पल्ली में संत पापा फ्राँसिस संत जूलियो पल्ली में संत पापा फ्राँसिस 

संत पापा द्वारा संत जूलियो के किशोरों के साथ मुलाकात

रविवार शाम को संत पापा फ्राँसिस ने संत जुलियो पल्ली का दौरा किया और पल्ली के युवाओं का अभिवादन कर उनके प्रश्नों का उत्तर दिया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

रोम, सोमवार 08 अप्रैल 2019 ( वाटिकन न्यूज) : संत पापा फ्राँसिस ने रोम धर्मप्रांत के पश्चिमी क्षेत्र में स्थित मोंतेवेरदे के संत जूलियो पल्ली का दौरा किया। तीन साल पहले गिरजाघर की छत गिरने के बाद गिरजाघर के नवीकरण के काम समाप्त होने पर संत पापा ने नये गिरजाघर का दर्शन किया और पल्लीवासियों के लिए पवित्र मिस्सा समारोह का अनुष्ठान किया।

पवित्र मिस्सा समारोह से पहले संत पापा ने पल्ली के बच्चों और किशोरों के साथ मुलाकात की जो प्रथम परमप्रसाद और दृढीकरण संस्कार ग्रहण करने की तैयारी कर रहे हैं। बच्चों और किशोरों ने संत पापा का स्वागत बड़े उत्साह के साथ किया। एक ने कहा कि पल्ली पुरोहित फादर दारियो द्वारा आपके यहाँ आने की खबर मिलते ही वे बहुत खुश हुए और तैयारी करना शुरु कर दिया।  सभी बच्चों के नाम पर एलिनोरा और कारलोत्ता ने संत पापा से सवाल-जवाब किये। 

बच्चों के सवाल

एलिनोरा द्वारा यह पूछे जाने पर कि क्या उन्होंने व्यक्तिगत रुप से भूखों को खाना खिलाया है, संत पापा ने कहा,“हाँ मैंने किया है और बहुत बार किया है। यह तो हम ख्रीस्तियों को करना ही चाहिए। जब बच्चे भूखे रहते हैं तो माताएं उन्हें खिलाती हैं कुछ बच्चों के घर में खाने को नहीं है तो हमारा फर्ज बनता है कि हम उन्हें खाना दें जैसे पिता ईश्वर हमें प्रतिदिन का भोजन हमें देते हैं।

कारलोत्ता ने संत पापा को बताया कि वे धर्मशिक्षा में कुछ महीनों से ईश्वर के साथ उनके संबंध पर मनन चिंतन कर रहे हैं। वे इस बात को अच्छी तरह समझ नहीं पाये हैं जब येसु ने क्रूस पर से अपने पिता को पुकारते हुए कहा, मेरे ईश्वर, मेरे ईश्वर, तूने मुझे क्यों त्याग दिया? जब हमें चुनौतियों का सामना करना पड़ता है तो हमें भी ऐसा ही संदेह होने लगता है। क्या आपके जीवन में भी ऐसा होता है? अगर होता है तो आप कैसे अपने विश्वास को फिर से पाते हैं?

जीवन में संदेह

संत पापा ने कहा कि सभी के जीवन में संदेह के क्षण आते हैं जैसे हमारे घर में अपने प्रियजन की मृत्यु होती है हम ईश्वर से सवाल करते हैं कि क्यों उन्होंने ऐसा होने दिया। ऐसे समय में हमें येसु की वफादारी पर भरोसा करनी चाहिए। येसु सदा हमारे साथ हैं और हमारे प्रति उनका विश्वास हमें कभी निराश नहीं करेगा। भले ही हमारे परम प्रिय मित्र हमें धोखा दे सकते हैं पर वे सदा ही हमारे साथ हैं। संत पापा ने कहा कि दुविधा जीवन में आती है पर उसे हम दूसरों को बताते और इस पर चर्चा करते  हुए इस संदेह को खत्म करना चाहिए। संत पापा ने कहा जीवन में संदेह आना अच्छा है तभी हम गंभीरता से जीवन के बारे सोच सकते और महत्वपूर्ण कदम ले सकते हैं।

संदेह पर अपने व्यक्तिगत अनुभव के बारे पूछे जाने पर संत पापा ने कहा कि उन्हें भी जीवन में अनेक बार संदेह का सामना करना पड़ा। पर उन्होंने इसे दूसरों के साथ साझा किया और अपने संदेह को दूर किया। संत पापा ने कहा कि वे अपने संदेह और मन में उठे प्रश्नों को अपने माता-पिता या दोस्तों और धर्मशिक्षकों के साथ साझा कर सकते हैं। येसु को भी बतायें और यह सबसे अच्छी प्रार्थना होगी। आप येसु को सब कुछ बता सकते हैं। येसु बड़े धीरज के साथ हमारी बातें सुनते हैं और हमें सही राह पर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करते हैं। इतना कहने के बाद संत पापा ने प्रणाम मरिया प्रार्थना की अगुवाई की और उन्हें आशीर्वाद दिया। 

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08 April 2019, 15:52