राबाट में संत पापा की प्रतीक्षा करते लोग राबाट में संत पापा की प्रतीक्षा करते लोग 

राबाट: संत पापा फ्राँसिस की प्रतीक्षा में

34 साल, अगस्त 1985 पोप जॉन पॉल द्वितीय ने राजा हसन द्वितीय के निमंत्रण पर मारोक्को का दौरा किया। संत पापा फ्राँसिस राजा, मोहम्मद छठे के निमंत्रण पर मारोक्को की यात्रा कर रहे हैं।

सुनीता माग्रेट मिंज-वाटिकन सिटी

राबाट, शनिवार 30 मार्च 2019 (वाटिकन न्यूज) :  संत पापा फ्राँसिस अपनी निर्धारित योजनानुसार 30 और 31 मार्च मोरक्को की प्रेरितिक यात्रा कर रहे हैं। यह उनकी 28वीं प्रेरितिक यात्रा है। वाटिकन संवाददाता फादर पॉल सामासुमो ने मारोक्को की राजधानी रबाट के सड़क पर, संत पापा फ्राँसिस की टी-शर्ट के साथ तीन अफ्रीकी छात्रों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि संत पापा के आने से वे गर्व महसूस कर रहे हैं। वे बहुत ही खुश हैं संत पापा उन्हें आशीर्वाद देने के लिए आ रहे हैं। मोरक्को की राजधानी राबात में संत पापा के स्वागत हेतु तैयारियाँ हो गई है। लोग संत पापा के स्वागत हेतु और इन्तजार नहीं कर सकते।

अगस्त 1985 पोप जॉन पॉल द्वितीय ने राजा हसन द्वितीय के निमंत्रण पर मारोक्को का दौरा किया था। संत पापा जॉन पॉल द्वितीय  उस समय मोरक्को में कलीसिया की स्थिति और मुसलमानों के साथ संबंधों को लेकर चिंतित थे। इस यात्रा के साथ, संत पापा फ्राँसिस ने मुसलमानों के साथ संबंधों को बढ़ाने का अपना मिशन जारी रखा। मुस्लिम विद्वानों, बुद्धिजीवियों और कुछ इमामों के साथ संत पापा के अच्छे संबंध विकसित हो रहे हैं।  

राजा मोहम्मद छठे द्वारा आमंत्रण

संत पापा फ्राँसिस को राजा मोहम्मद छठे ने मारोक्को की यात्रा के लिए आमंत्रित किया। इसलिए, यह कोई संयोग नहीं है कि संत पापा फ्राँसिस की इस यात्रा का मुख्य आकर्षण मोहम्मद छठे का संस्थान को होगा। इस संस्थान का नाम स्वयं मारोक्को के राजा के नाम पर रखा गया है। संस्थान में कई छात्र अफ्रीका, मध्य पूर्व और यूरोप के हैं। वे यहां इस्लाम की अपनी पढ़ाई करने आते हैं। वे अपने क्षेत्रों में इस्लाम के उदारवादी विचारों को ले जाएंगे, जिसे मारोक्को बढ़ावा देने के लिए उत्सुक है।

मोरक्को में करीब 35 मिलयन ज्यादातर सुन्नी मुस्लिमों की आबादी है और यहाँ इस्लाम राजकीय धर्म है लेकिन संविधान "सभी को अपने विश्वास का पालन करने की स्वतंत्रता की गारंटी देता है।"

संत पापा फ्राँसिस एक चरवाहे के रूप में मोरक्को आ रहे हैं, जो विश्वविद्यालय के अध्ययन के लिए यहां लगभग 33 000-अफ्रीकी विद्यार्थियों और अपने छोटे काथलिक समुदाय करीब 25,000 ख्रीस्तियों को प्रोत्साहित करने के लिए पहुंच रहे हैं, वे उप-सहारा अफ्रीका के प्रवासियों और कुछ एशियाई अनुबंध श्रमिकों के लिए भी मुलाकात करेंगे।

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30 March 2019, 16:25