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53वें विश्व सामाजिक संचार दिवस पर संत पापा का संदेश

वाटिकन ने 53वें विश्व सामाजिक संचार दिवस पर संत पापा फ्राँसिस के संदेश को प्रकाशित कर दिया है। संदेश की विषयवस्तु है, "हम एक दूसरे के अंग हैं।"

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

यह विषयवस्तु, व्यक्ति के आधार पर संचार को एक व्यापक परिप्रेक्ष्य में वापस देने के महत्व पर जोर देती है और बातचीत के मूल्य को हमेशा बातचीत के रूप में और दूसरों के साथ मिलने के अवसर के रूप में समझने हेतु प्रेरित करती है।

संत पापा ने कहा कि जब से इंटरनेट उपलब्ध हुआ है, तब से कलीसिया ने इसके प्रयोग द्वारा लोगों के बीच मुलाकात तथा एकात्मता की सेवा को बढ़ावा देने का प्रयास किया है। इस संदेश के द्वारा मैं निमंत्रण देना चाहता हूँ कि आप हमारे संबंध के आधार एवं महत्व पर पुनः चिंतन करें तथा वर्तमान संप्रेषण की जटिलताओं की चुनौतियों की लम्बी सूची में व्यक्ति की चाह, जो परित्यक्त होना नहीं चाहता उसको महत्व दिये जाने की खोज करें।

नेट एवं समुदाय का प्रतीक

आज का मीडिया वातावरण इतना व्यापक है कि यह रोजमर्रा के जीवन के क्षेत्र से अविभेद्य है। यह ज्ञान एवं संबंधों का स्रोत है जिसके बारे हम कभी कल्पना भी नहीं कर सकते थे। हालांकि, सामग्री के उत्पादन, वितरण और उपयोग की प्रक्रिया पर गहरा परिवर्तन प्रौद्योगिकी के संदर्भ में लाया गया है किन्तु कई विशेषज्ञों ने उन जोखिमों को भी उजागर किया है जो वैश्विक स्तर पर प्रामाणिक जानकारी हेतु खोज और साझा करने के लिए खतरा हैं। यदि इंटरनेट ज्ञान तक पहुंच की एक असाधारण संभावना का प्रतिनिधित्व करता है, तो यह भी सच है कि यह उन क्षेत्रों में से एक साबित हुआ है जो सबसे अधिक विघटन के लिए और तथ्यों एवं पारस्परिक संबंधों के सचेत और लक्षित विकृति के लिए उजागर हुआ है, जिन्हें अक्सर बदनाम करने के लिए उपयोग किया जाता है।

हमें यह समझना आवश्यकता है कि किस तरह सामाजिक संचार, एक ओर हमें सम्पर्क करने, खोजने एवं एक-दूसरे की मदद करने में बेहतर मदद पहुँचाता है, वहीं दूसरी ओर, इसके द्वारा राजनीतिक और आर्थिक लाभ पाने के लिए व्यक्ति के सम्मान और अधिकार पर ध्यान दिये बिना उनके व्यक्तिगत डेटा पर हेरफेर किया जाता है। आंकड़ों से पता चलता है कि युवाओं में चार में से एक साइबरबुलिंग की घटना में शामिल है।

इस दृष्टिकोण से यह उपयुक्त है कि नेट के प्रतीक पर चिंतन किया जाए। नेट का प्रतीक हमें निमंत्रण देता है कि हम लाइनों और चौराहों की बहुलता पर चिंतन करें जो केंद्र की, एक पदानुक्रमित संरचना और अधोलंब संगठन की अनुपस्थिति में इसकी स्थिरता सुनिश्चित करता है।

मानवविज्ञान की दृष्टि से जाल का प्रतीक एक दूसरा सार्थक छवि प्रस्तुत करता है और वह छवि है समुदाय। समुदाय तभी मजबूत होता है जब यह एकजुट और समर्थक हो, एक-दूसरे पर विश्वास की भावना से प्रेरित हो तथा सार्वजनिक उद्देश्यों पर ध्यान दे। एकजुटता के नेटवर्क के रूप में समुदाय को भाषा के जिम्मेदार उपयोग के आधार पर एक दूसरे को सुनने और उनसे संवाद करने की आवश्यकता होती है। हर कोई देख सकता है कि, वर्तमान परिदृश्य में, सामाजिक नेटवर्क समुदाय स्वचालित रूप से समुदाय का पर्याय नहीं हैं। कई मामलों में, समुदाय सामंजस्य और एकजुटता प्रदर्शित करने में सक्षम होते हैं, लेकिन अक्सर वे ऐसे व्यक्तियों के समूह बनकर रह जाते हैं, जो एक दूसरे के लिए आम हितों की चिंता करने में कमजोर सिद्ध होते हैं।

संत पापा ने कहा कि "जबकि सरकारें वेब को नियमित करने और मुक्त, खुले और सुरक्षित नेटवर्क की मूल दृष्टि की रक्षा करने के लिए कानूनी तरीके तलाशती हैं, हमें चाहिए कि हम इसके सकारात्मक उपयोग की संभावना और जिम्मेदारी को बढ़ावा दें।”

संत पापा ने कहा कि "इसलिए हम अपनी वास्तविक कम्युनिस्ट पहचान कैसे पा सकते हैं, इस जिम्मेदारी से अवगत होने के साथ-साथ ऑनलाइन नेटवर्क में एक-दूसरे के प्रति हमारी जिम्मेदारी भी है।"

संत पापा ने उत्तर दिया कि एक संभावित जवाब संत पौलुस से आता है जिन्होंने समुदाय में लोगों के बीच आपसी संबंध को दिखलाने के लिए शरीर एवं उसके अंगों के बीच संबंध के द्वारा समझाने की कोशिश की है।

सदस्यों में से एक होने के नाते, "वह बड़ी प्रेरणा है जिसके साथ प्रेरित हमें झूठ से बचने और सच्चाई बोलने के लिए आमंत्रित करते हैं: सत्य की रक्षा करने का कर्तव्य, उससे उत्पन्न होता है कि हम एकता के आपसी संबंध में न ठगे जाएँ। एकता में सच्चाई प्रकट होती है।"

 संत पापा ने कहा कि एक ख्रीस्तीय के रूप में हम सभी अपने आपको ख्रीस्त के शरीर के अंग मानते हैं। यह हमें मदद देता है कि हम व्यक्ति को मजबूत प्रतियोगी के रूप में न देखें बल्कि अपने शत्रु को भी एक व्यक्ति के रूप में देखें।

"हमारे साथ सम्पर्क करने के लिए तथा अपने आप को हमारे लिए प्रकट करने हेतु ईश्वर ने हमारी भाषा को अपनाया, समस्त इतिहास में मानवजाति के साथ एक सच्चा संवाद स्थापित किया।"

संबंध स्थापित करना

संत पापा ने रेखांकित किया कि आज के विश्व में हम सभी बुलाये गये हैं कि हम संबंध स्थापित करें और हमारी मानवता की पारस्परिक प्रकृति की पुष्टि करें, आंतरिक और बाह्य संचार माध्यमों द्वारा भी।  

मुक्ति करने के लिए न की फंसाने के लिए नेटवर्क का प्रयोग

संत पापा ने कहा कि कलीसिया युखरिस्त के साथ अपने आप में एक नेटवर्क है जहाँ एकता "पसंद" करने पर आधारित नहीं बल्कि सच्चाई पर आधारित है जिसके द्वारा सभी ख्रीस्त के शरीर से जुड़ते तथा एक-दूसरे का स्वागत करते हैं।  

उन्होंने कहा, "यदि एक परिवार चाहता है कि वे अधिक जुड़ा हों जो वे खाने की मेज पर एक साथ आयें तथा एक-दूसरे के साथ नजर से नजर मिलायें, तभी यह एक स्रोत बनेगा। यदि एक कलीसियाई समुदाय नेटवर्क के द्वारा इसके क्रिया-कलापों को सहयोग देता है तब यह एक साथ ख्रीस्तयाग अर्पित करता और एक स्रोत बनता है।  

अपने संदेश के अंत में संत पापा ने कहा कि नेट के सकारात्मक प्रयोग हेतु जिम्मेदारी पूर्वक कार्य करने के द्वारा ही हम उपचार के लिए निदान की ओर बढ़ सकते हैं।    

 

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24 January 2019, 17:31