संत पापा फ्राँसिस संत पापा फ्राँसिस  

येसु ने प्रेम की शक्ति को उजागर किया, संत पापा

संत पापा फ्राँसिस ने संध्या वंदना और (तेदेयुम) धन्यवाद की प्रार्थना के साथ इस वर्ष को यह कहते हुए बंद किया, कि समय पूरा होने ईश्वर ने अपने पुत्र को इस दुनिया में भेजा जिसने प्रेम की अनसुनी शक्ति को उजागर किया।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, मंगलवार 01 जनवरी 2019 (रेई) :  संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार 31 दिसम्बर शाम को संत पेत्रुस महागिरजाघर में ईश्वर का माता मरियम के महोत्सव का पूर्व संध्या वंदना, पवित्र साक्रामेंट की आराधना एवं साल भर ईश्वर द्वारा पाये वरदानों के लिए (तेदेयुम) धन्यवाद के गीत गाकर वर्ष के अंतिम दिन की समाप्ति की।

ईश्वर का माता मरियम के महोत्सव के पूर्व संध्या वंदना के समय संत पापा ने छोटे पाठ पर चिंतन किया और दो वाक्यांशों "समय की परिपूर्णता" और "पाप से मुक्त करना" पर अपना ध्यान केंद्रित किया।

समय की परिपूर्णता

संत पापा ने कहा कि संत पौलुस ने लिखा कि समय पूरा होने पर ईश्वर ने अपने पुत्र को भेजा जिसने न केवल एक महिला से जन्म लिये अपितु मूसा के विधि के तहत जन्म लिया।संत पापा ने सभी से प्रश्न किया कि कैसे यह समय की पूर्णता का चिन्ह हो सकता है? हालांकि यह चिन्ह अदृश्य रूप से शुरू हुआ और नगण्य था पर येसु ने तीस साल पहले "इस अनसुनी शक्ति को उजागर किया। वह शक्ति जो अभी भी प्रज्वलित है और आने वाले समय को भी उजागर करेगी। इस शक्ति को प्रेम कहा जाता है। यह वह प्रेम है जो हर चीज को पूर्णता देता है, यहां तक कि समय को भी।” संत पापा ने कहा कि ईश्वर ने येसु में अपने सभी प्रेम को केंद्रित किया।

जन्म का अभिप्रायः पाप से मुक्ति

येसु इस लिए इस दुनिया में आये ताकि वे अपने पिता के मिशन को पूरा कर सकें। उनका मिशन था मनुष्यों के पापों से मुक्ति दिलाना। विभिन्न प्रकार की दासता से मुक्त करना और मनुष्य को उसकी गरिमा वापस दिलाना जिसे वह पापा की दासता में खो चुका था। प्रभु मनुष्य को सच्ची स्वतंत्रता देते हैं।

आधुनिक दासता

संत पापा फ्राँसिस ने कहा कि रोम में कम से कम दस हजार लोग एसे हैं जिनके पास रहने के लिए धर नहीं है वे गलियों में या सड़कों पर ही रात गुजार रहे हैं। संत पापा ने उनकी स्थिति को "मानव व्यक्ति की अयोग्य" दासता का रूप दिया। येसु भी "इसी तरह स्थिति में पैदा हुए थे, संयोग से या दुर्घटना से नहीं", "लेकिन लाचार और गरीब लोगों को ईश्वर के प्यार को प्रदर्शित करने के लिए।"

कलीसिया का मातृत्व

संत पापा ने कहा कि वे ईश्वर की माता मरियम के पर्व दिवस पर उन्हें कलीसिया के लिए एक आदर्श के रुप में सामने पेश करना चाहते हैं। माता मरिया कलीसिया के लिए एक आदर्श हैं माता मरिया के समान कलीसिया भी लोगों को अपने में समेटना चाहती है। वह उन्हें थोड़ा बहुत मदद कर अपना हाथ साफ नहीं करती पर उन्हें उनकी कमजोरियों से उपर उठने में हर संभव प्रयास रत है। यह मान्यता है कि एक महिला के माध्यम से हमें "हमारी मानवता की पूर्णता मिली। येसु पर हुए अपमान ने हमें ऊपर उठाया, उनकी नीचता ने हमें महान बनाया, उनकी कमजोरी ने हमें मजबूत बनाया। येसु एक सेवक बने और "हमें स्वतंत्रता मिली। येसु ने प्रेम की शक्ति को उजागर किया है। इसलिए माता कलीसिया के साथ हम सभी ईश्वर की माता मरियम के आदर में धन्यवाद के गीत गाते है। 

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01 January 2019, 15:22