एक दुखित महिला की मदद करती स्कालाब्रीनियान्स की सदस्य एक दुखित महिला की मदद करती स्कालाब्रीनियान्स की सदस्य 

विस्थापितों की मदद करें, स्कालाब्रिनियन्स से संत पापा

संत पापा फ्राँसिस ने सोमवार को स्कालाब्रिनियन्स के धर्मसमाज की महासभा के प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि वे विस्थापितों को सुनें, उनके साथ चलें तथा ईशवचन एवं यूखरिस्त द्वारा उनके बीच येसु को बाटें।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

स्कालाब्रीनियन्स संत चार्ल्स मिशनरी धर्मसमाज, एक अंतरराष्ट्रीय धर्मसंघी समुदाय है जो 25 सालों से विस्थापितों एवं शरणार्थियों की सेवा 32 देशों में कर रहा है।

अपने संदेश में संत पापा ने स्कालाब्रीनियन्स मिशनरियों को निमंत्रण दिया कि वे विस्थापितों की मदद करें, उनके अच्छे तथा दुःखद दोनों वक्त का ख्याल रखें तथा उनके नजदीक रहकर उन्हें सुसमाचार का संदेश दें। संत चार्ल्स के मिशनरियों की महासभा रोम में हो रही है जिसकी विषयवस्तु है, "मुलाकात और यात्रा ˸ येसु उनके साथ चलें।" (लूक. 24:15) 

संत पापा ने उनकी प्रेरिताई को प्रोत्साहन देते हुए कहा, "आपकी प्रेरिताई विभिन्न कठिन परिस्थितियों में जारी रही है जिसे अक्सर संदेह एवं पूर्वाग्रह के मनोभाव से देखा जाता है, जो आपको अधिक साहस एवं धीरज के साथ मिशन को आगे ले जाने हेतु प्रेरित करता है। यह ख्रीस्त के प्रेम को उन लोगों के बीच ले जाने ने के लिए बुलाता है जो बेघर हैं अथवा अपने परिवार से दूर रहते हैं और ईश्वर से भी अलग हो चुके हैं।

लोगों के साथ चलने के द्वारा सुसमाचार प्रचार

संदेश में संत पापा ने पुनर्जीवित ख्रीस्त की याद दिलायी जो शिष्यों के साथ एम्माउस के रास्ते पर चले तथा उन्हें धर्मग्रंथ का मर्म समझाया। संत पापा ने कहा, "लोगों के साथ चलने के द्वारा सुसमाचार का प्रचार किया जा सकता है।"

उन्होंने कहा कि हमें लोगों को सुनना है, विशेषकर, उनके धराशायी आशा को, उनके हृदय की आकांक्षाओं को तथा उनके निकट रहकर विश्वास की परीक्षा को सुनना है।संत पापा ने कहा, "विस्थापितों के हृदय में कई कहानियाँ हैं, कुछ अच्छी और कुछ दुःखद। खतरा है कि वे न भूला दिये जाएँ। बिना चेहरा एवं बिना पहचान के वे न उखाड़ दिये जाएँ। पहचान नहीं होना एक बड़ा घाटा है जिसको सुनने एवं विस्थापितों का साथ देने के द्वारा रोका जा सकता है। उसको पूरा कर पाने के लिए कृपा की आवश्यकता है।

ईशवचन एवं यूखारिस्त को बांटना

संत पापा ने कहा कि विस्थापितों को सुनने के बाद उन्हें ईशवचन तथा तोड़ी गयी रोटी के चिन्ह को प्रदान किया जाना चाहिए। उन्हें येसु को जानने में मदद दिया जाना चाहिए। बाईबिल का पाठ करने के द्वारा मुक्ति के वचन को प्राप्त करना जिसको ईश्वर चाहते हैं कि हम लोगों के बीच बांटें। उसके बाद उन्हें यूखारिस्त के लिए निमंत्रित करें, जहाँ शब्द कमजोर पड़ जाते हैं तथा तोड़ी गयी रोटी का चिन्ह रह जाता है।

संत पापा ने कहा कि ख्रीस्त स्कालाब्रिनियन्स मिशनरियों को भेज रहे हैं कि वे उन भाई-बहनों के साथ चलें जो विस्थापितों की तरह येरूसालेम से एम्माउस के रास्ते पर चल रहे हैं। उन्होंने उन्हें येसु से संयुक्त रहने तथा सामुदायिक जीवन को सुस्वस्थ बनाने की सलाह दी ताकि वे सामाजिक कार्यकर्ता बनकर न रह जाएँ।

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30 October 2018, 16:05