बेनेजुएला में पवित्र सप्ताह के दौरान क्रूस रास्ता का एक दृश्य बेनेजुएला में पवित्र सप्ताह के दौरान क्रूस रास्ता का एक दृश्य 

क्रूस पर चिंतन करने का दिन है क्रूस विजय महापर्व

14 सितम्बर को काथलिक कलीसिया पवित्र क्रूस का महापर्व मनाती है। इसी पवित्र क्रूस के द्वारा येसु ने हमारी मुक्ति की है और हमें पाप के बंधन से मुक्त किया है। यह ईश्वर के असीम प्रेम का एक महान चिन्ह है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

संत पापा ने एक ट्वीट प्रेषित कर कहा कि हम ख्रीस्त के क्रूस का आलिंगन करते हैं। उन्होंने संदेश में लिखा, “उस पीड़ा में जो हमें कलीसिया के घाव से मिलती है, हम ख्रीस्त के क्रूस का आलिंगन करते हैं क्योंकि बुराई का विरोध केवल प्रेम से किया जा सकता है।” 

संत पापा ने एक दूसरा ट्वीट प्रेषित कर कहा, "आज कलीसिया हमें प्रभु के पवित्र क्रूस पर चिंतन करने का निमंत्रण देती है। हम ख्रीस्तियों के लिए क्रूस पर चिंतन करने का अर्थ है, हार एवं जीत दोनों चिन्हों पर चिंतन करना।"

क्रूस जीत का प्रतीक

क्रूस हमारे लिए जीत का प्रतीक है, क्रूस के द्वारा हम सभी बचाये गये हैं। क्रूस हमें शिक्षा देती है कि जीवन में असफलता और सफलता दोनों है। हमें असफलता को भी स्वीकार कर सकना चाहिए। असफलताओं एवं कमजोरियों के बावजूद धीरज से आगे बढ़ना चाहिए क्योंकि उन्होंने हमारे लिए कीमत चुकायी है।

संत पापा ने निमंत्रण दिया कि हम 5,10 अथवा 15 मिनट क्रूस के सामने बितायें। क्रूस को गौर से देखते हुए, जो हमारी दुर्बलता का चिन्ह है, जो हमारी पीड़ा का कारण बनती, जो हमें असफल कर देती है, यही हमारे लिए जीत का भी चिन्ह है क्योंकि ईश्वर ने इसके माध्यम से जीत हासिल की है।"

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

14 September 2018, 15:56