संत मर्था प्रार्थनालय में पापा फ्राँसिस उपदेश देते हुए संत मर्था प्रार्थनालय में पापा फ्राँसिस उपदेश देते हुए 

येसु दुःख के माध्यम से हमारा साथ देना चाहते हैं, संत पापा

संत पापा फ्राँसिस ने रविवारीय मिस्सा समारोह में उन सभी लोगों के लिए प्रार्थना की, जो दुखी हैं। अपने प्रवचन में उन्होंने हमें याद दिलाया कि येसु उन सभी के पास है जो संकट में हैं और असंतुष्टि महसूस करते हैं।

माग्रेट सुनीता मिंज-वाटिकन सिटी

वाटिकन सिटी, सोमवार 27 अप्रैल 2020 (वाटिकन न्यूज) : वाटिकन स्थित संत मर्था निवास में संत पापा फ्राँसिस ने रविवारीय मिस्सा शुरु करने से पहले उन सभी परिवारों को याद किया जो आर्थिक संकट का सामना कर रहे है और जिनके पास काम नहीं है। संत पापा ने कहा, "आज इस मिस्सा में, हम उन सभी के लिए प्रार्थना करते हैं जो दुखी हैं, क्योंकि वे अकेले हैं या वे नहीं जानते कि भविष्य में क्या करना है, क्योंकि उनके पास काम नहीं है।"

संत पापा फ्राँसिस ने संत लूकस के सुसमाचार पाठ (24: 13-35) पर अपना मनन चिंतन केंद्रित किया जहाँ एम्माउस के रास्ते में दो शिष्यों द्वारा जी उठे येसु से मुलाकात और उनके बीच हुई वार्ता की चर्चा है।

चेलों की येसु से मुलाकात

संत पापा फ्राँसिस ने एक ख्रीस्तीय का परिचय देते हुए अपने प्रवचन की शुरुआत की। "एक व्यक्ति ख्रीस्तीय है क्योंकि वह येसु ख्रीस्त से मिला है या उसने येसु को मिलने की अनुमति दी है।" प्रभु आज भी हमारे साथ उसी तरह से बातचीत करते हैं जिस तरह से उन्होंने एम्माउस के रास्ते में दो शिष्यों के साथ बातचीत की।

हम ईश्वर के लिए प्यासे हैं

संत पापा ने कहा कि हम "असंतोष के बीज" के साथ जन्म लेते हैं। हम अपनी आत्मा की प्यास के बारे में नहीं जानते हैं और हम इसकी प्यास को तृप्त करने के लिए कई गलत रास्तों की तलाश करते हैं जो हमें संतुष्टि नहीं देते हैं। संत पापा फ्रांसिस ने कहा कि हम वास्तव में ʺईश्वर के लिए प्यासे हैं और हमारी प्यास तभी बुझती है जब हमारा उनसे मिलन होता है।ʺ

ईश्वर हमारे लिए प्यासे हैं

जिस तरह हम ईश्वर के लिए प्यासे हैं उसी तरह ईश्वर भी हमारे लिए प्यासे है। ईश्वर ने अपने बेटे को मनुष्यों के बीच भेजा ताकि वह मनुष्यों के निकट रह सके और इस प्यास को संतुष्ट कर सके। येसु हमारे व्यक्तिगत व्यवहार का सम्मान करते हैं। वे धैर्य के साथ हमारी बातें, हमारी परेशानियाँ सुनते हैं जैसा कि उन्होंने एम्माउस के रास्ते में उन चेलों की बातें सुनी। येसु चेलों के मन में अपने प्रति जो उलझन और संदेह था, उसे उनकी समझ अनुसार धीरे से व्याख्या करते हुए उनके साथ रास्ता चलते गये। येसु की बातें उन्हें एक तरह से संतुष्टि प्रदान कर रही थी। येसु जब रास्ते में उनसे विदा लेकर आगे बढ़ना चाहते थे तो चेलों ने उसे अपने साथ रहने के लिए आमंत्रित किया।

 संत पापा ने कहा कि जिस समय हम बेचैन दिल लिए येसु से मुलाकात करते हैं, उस समय कृपा का जीवन और परिपूर्णता का जीवन शुरू होता है। हम अपने पापों के भयानक अन्धकार में भी येसु से मिलते हैं। प्रभु हमेशा हमारे संकट में हमारी मदद करने के लिए उपस्थित हैं। वे हमेशा हमारे साथ है ... प्रभु हमारा साथ देते है क्योंकि वे हमसे मिलने की इच्छा रखते है। यही ख्रीस्तीय धर्म का मूल है।

संत पापा ने अपना प्रवचन एक प्रार्थना से अंत किया, “प्रभु येसु आप हम में से हर एक को आपसे मुलाकात करने का अनुग्रह दें। हमारे जीवन यात्रा में हम आपको पहचान पायें। आप हमारी तीर्थयात्रा में हमेशा हमारे साथ चलें।”

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

27 April 2020, 15:59
सभी को पढ़ें >