2023.10.31  ढोरी की माता मरियम 2023.10.31 ढोरी की माता मरियम 

ढोरी माता चाहती हैं कि हम आपस में मेल-प्रेम से रहें, बिशप आनन्द

कोयला खदानों की चमत्कारी ढोरी माता मरियम का वार्षिक समारोह 29 अक्टूबर को बड़े धूमधाम से सम्पन्न हुआ। हजारों श्रद्धालुओं ने बड़ी भक्ति से समारोह में भाग लेकर ढोरी माता का आशीर्वाद लिया।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन न्यूज

हजारीबाग, सोमवार, 30 अक्टूबर 2023 (वीएन हिन्दी) : हजारीबाग के जरनडीह स्थित ढोरी माता मरियम के सम्मान में यह उत्सव हर साल मनाया जाता है। उत्सव की तैयारी में नोवेना प्रार्थना की गई जिसमें श्रद्धालुओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। यह स्थानीय कलीसिया के लिए एक बड़ा तीर्थस्थल है। ढोरी माता कोयला खदानों में गरीब मजदूरों के प्रति माता मरियम की चिंता और खासकर, मजदूरों के कल्याण के लिए उनकी शक्तिशाली मध्यस्थता का प्रतीक है। लेकिन आज इस तीर्थस्थल में न केवल स्थानीय मजदूर बल्कि दूर-दूर से विश्वासी आकर अपनी प्रार्थनाएँ माता मरियम को चढ़ाते हैं।  

रविवार को ढोरी माता के दर्शन के बाद, तीर्थस्थल पर बने विशाल पंडाल में पूर्वाहन करीब 10 बजे सुन्दर प्रवेश नृत्य के साथ पावन ख्रीस्तयाग शुरू हुआ।    

हजारीबाग के धर्माध्यक्ष माननीय आनन्द जोजो ने हजारीबाग धर्मप्रांत की संरक्षिका ढोरी की माता मरियम के वार्षिक उत्सव समारोह का अनुष्ठान किया। मिस्सा समारोह को शुरू करते हुए उन्होंने उपस्थित सभी पुरोहितों, धर्मसमाजियों, लोकधर्मियों, श्रद्धालुओं और कोयलांचल के सभी अधिकारियों एवं बोकारो जिला प्रशासन के सभी अधिकारियों का स्वागत किया।

पावन ख्रीस्तयाग में उपदेश देते हुए माननीय बिशप आनन्द जोजो ने कहा, “यह कितना सुन्दर अवसर है कि हम आज झारखंड के इस कोयलांचल में ढोरी माता के लिए ईश्वर को धन्यवाद देने के लिए उपस्थित हैं। और आज के इस दिन में ईश्वर हमें अपने सुन्दर वचनों से तृप्त करना चाहते हैं। इसके द्वारा वे हमारे लिए जीवन का नया रास्ता प्रस्तुत करना चाहता है।”

उन्होंने विश्वासियों का आह्वान किया कि वे अपने जीवन के महत्व समझने को प्रयत्न करें, क्योंकि ईश्वर ने हमें सारी सृष्टि में सुन्दर बनाया है अपने प्रतिरूप में गढ़ा है। उन्होंने बतलाया कि प्रभु सबका कल्याण करते हैं। ईश्वर की सबसे बड़ी आज्ञा प्रेम की आज्ञा पर चिंतन करते हुए उन्होंने कहा कि आज एक ओर हम ढोरी माता का आदर और भक्ति करते हुए यहाँ उपस्थित हैं, वहीं दूसरी ओर उसी ढोरी माता के द्वारा जीवन की सर्वोच्च शिक्षा प्राप्त करने के बाद हम वापस लौट रहे हैं क्योंकि ढोरी माता यही चाहती हैं कि झारखंड के लोग इस तरह के पड़ोसी प्रेम को अपनायें, भारत देश के सभी लोग पड़ोसी प्रेम को जीते हुए और अधिक गौरव महसूस कर सकें। उन्होंने विश्वासियों को प्रोत्साहन दिया कि वे इसी ख्रीस्तीय प्रेम को अपने गाँव में अपने घर में और अपने देश में जीयें।

समारोह में सभी दीन दुःखी और विश्व में फैली अशांति के लिए भी प्रार्थना की गई।   

  

  

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30 October 2023, 16:57