दक्षिणी कोरिया के एक गिरजाघर में प्रार्थना करते विश्वासी दक्षिणी कोरिया के एक गिरजाघर में प्रार्थना करते विश्वासी 

"जीवन के लिए" 40 दिवसीय प्रार्थना

कोरिया के विश्वासी "जीवन के लिए 40 दिवसीय प्रार्थना" में भाग ले रहे हैं जो 28 सितम्बर को शुरू हुआ और 6 नवम्बर को समाप्त होगा।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

दक्षिणी कोरिया, मंगलवार, 4 अक्टूबर 2022 (फिदेस एजेंसी) ˸ फिदेस एजेंसी को मिली जानकारी अनुसार, सियोल महाधर्मप्रांत में जीवन के लिए गठित समिति के अध्यक्ष महाधर्माध्यक्ष पीटर चुंग सून ताईक ओसीडी ने सार्वजनिक रूप से प्रार्थना का प्रोत्साहन दिया है एवं सभी विश्वासियों को इसमें भाग लेने का निमंत्रण दिया है। साथ ही, शहर की सड़कों पर जागृति लाने के लिए सार्वजनिक पहल का आयोजन करने का आह्वान किया है। यह दूसरी बार है जब इसी साल देश में जीवन के लिए प्रार्थना का आयोजन किया गया है। पहली बार 2 मार्च से 10 अप्रैल को आयोजित किया गया था।

जीवन के लिए गठित समिति की गतिविधियों में भाग लेनेवाले काथलिक प्रतिभागियों ने एक मेयोंगडोंग महागिरजाघर के निकट प्रार्थना एवं सांस्कृतिक चेतना का केंद्रविन्दु स्थापित किया है। समिति के सदस्य मानव जीवन का सम्मान उसके गर्भ में आने के समय से ही करने पर राहगीरों को जानकारी देने के लिए उपलब्ध हैं जो उन लोगों को मनोवैज्ञानिक रूप से मदद करते हैं जो संदेह करते या गर्भपात करने के बारे में सोचते हैं। सड़कों पर उपलब्ध रहते समय विश्वासी रोजरी माला विन्ती करते हैं, तथा मानव जीवन की रक्षा एवं प्रोत्साहन के कार्य को माता मरियम को समर्पित करते हैं।  

कोरिया में काथलिक कलीसिया ने लंबे समय से जीवन की सुरक्षा का समर्थन किया है और देश में गर्भपात के वैधीकरण का विरोध किया है, "जीवन की पवित्रता" का समर्थन करते हुए और यह सिखाया है कि मानव जीवन को "गर्भाधान के क्षण से" ही सुरक्षित किया जाना चाहिए। 2018 में कोरिया के धर्माध्यक्षों ने गर्भपात पर चर्चा करने के लिए एक याचिका जारी की थी, जिसके लिए एक मिलियन हस्ताक्षर मिले थे। इसके अलावा, सियोल के महाधर्मप्रांत में "जीवन के लिए" एक विशेष समिति की स्थापना 2005 में कार्डिनल निकोलस चेओंग द्वारा की गई थी, जिसमें प्रेरितिक, सांस्कृतिक और सार्वजनिक स्तर पर जीवन और परिवार के मूल्यों को बढ़ावा दिया गया था।

समिति जीवन के प्रति सम्मान की संस्कृति का प्रसार करती है, नागरिकों को प्रत्येक मानव जीवन के पूर्ण मूल्य को पहचानने के लिए प्रोत्साहित करती है, जो ईश्वर का एक अमूल्य उपहार है।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

04 October 2022, 17:11