ओडिशा के बेरहमपुर धर्मप्रांत में पर्यावरण मुद्दों पर गंभीरता का संकल्प ओडिशा के बेरहमपुर धर्मप्रांत में पर्यावरण मुद्दों पर गंभीरता का संकल्प  

ओडिशा धर्मप्रांत द्वारा हरित पर्यावरण को प्रोत्साहन

ओडिशा के बेरहमपुर धर्मप्रांत ने पर्यावरण मुद्दों को गंभीरता से लेने का संकल्प लिया है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

बेरहमपुर, 16 जुलाई 2022 (मैटर्स इंडिया) ˸ पर्यावरण की रक्षा हेतु जागरूकता लाने के लिए मोहन डीनरी के अनुग्रह पीठ में वन उत्सव मनाया गया।

मोहन डीनरी के विभिन्न पारिशों से करीब 150 लोग इस उत्सव में भाग लिये।

अपने परिसर में पौधे लगाने के अलावा, केंद्र पुन: प्रयोग और कम उपयोग की नीति के तहत प्लास्टिक का प्रयोग बंद करेगा।

केंद्र बैनर और फ्लेक्स बोर्ड का प्रयोग नहीं करने बल्कि कपड़ों, जूट या धागों से बने बैग के प्रयोग को प्रोत्साहन देगा।

भोजन की बर्बादी कम करेगा एवं डिस्पोजेबल प्लेट और कप का प्रयोग नहीं करने की ओर प्रेरित करेगा। पेयजल के लिए भी प्लास्टिक बोतलों का प्रयोग नहीं किया जाएगा।  

लोग कपड़ों के झंडे एवं प्राकृतिक चीजों जैसे पत्तों तथा फूलों से सजावट एवं बैनर बनाने का काम करेंगे।

अनुग्रह पीठ ने यात्रा हेतु लोगों को बसों और सार्वजनिक ऑटो रिक्शा का प्रयोग करने तथा ईंधन की खपत से बचने के लिए स्थानीय स्तर पर सामग्री की खरीद की सलाह दी है। वातानुकूलन (एयर कंडिशन) के बदले हवादार कमरों का चुनाव करने की सलह भी दी गई है तथा यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि सार्वजनिक उद्घोषणा प्रणाली सार्वजनिक जीवन को बाधित न करे।

दूसरी सलाह है – दिन के प्रकाश और सोलर ऊर्जा का प्रयोग करना एवं सालभर छोटे पौधे लगाना।

इसकी प्रेरणा सेक्रेड हार्ट की धर्मबहन सुजाता जना से मिली, जिन्होंने उत्सव में मुख्य वक्ता के रूप में पर्यावरण के विभिन्न मुद्दों पर प्रकाश डाला।  

उन्होंने कहा, "हमारे आध्यात्मिक मन-परिवर्तन के हिस्से के रूप में, हमें अपने आपमें एवं अपने आसपास ठोस प्रयासों के द्वारा बदलाव लाना है एवं जैव विविधता के सेहत को बनाये रखने के लिए सहयोग देना है और इस तरह हमारे आमघर का निर्माण करना है।"   

मोहन के वन सुरक्षाकर्मी संतोष कुमार बिशनोई ने कहा कि हरेक व्यक्ति द्वारा उठाया गया कदम साफ और हरित पर्यावरण को संभव बनायेगा।

उन्होंने अच्छे पर्यावरण एवं जीविका उपार्जन के लिए लोगों से अधिक पेड़ रोपने का आग्रह किया। उन्होंने प्रतिभागियों को प्रोत्साहन देते हुए कहा कि वन महोत्सव एक वार्षिक वृक्ष रोपण सप्ताह है जिसको जुलाई के पहले सप्ताह में मनाया जाता है।  

मुख्य अतिथि वन विभाग अधिकारी कल्पना नायक ने लोगों से आग्रह किया कि वे स्थानांतरण कृषि पर नियंत्रण करें एवं आदिवासी इलाकों में जंगलों में आग लगने से रोकें।

उन्होंने कहा, "हमें अपनी जीविका एवं जंगली जीव-जन्तुओं को बचाने के लिए इमली, कटहल और करौंदा जैसे अधिक देशी और फलदायी पेड़ लगाना चाहिए।"

कार्यक्रम के संयोजक फादर मार्टिन पोरिक्षा ने याद किया कि संत पापा फ्रांसिस ने भारत के प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी को एक कांस्य पट्टिका प्रदान की थी जिसमें लिखा था "मरूभूमि एक उद्यान बन जायेगा।"

फादर पोरिक्षा ने कहा कि उन्होंने जुलाई में पर्यावरण दिवस मनाने का निश्चय किया है जब कलीसिया जुलाई के पहले रविवार को लौदातो सी दिवस मनाती है।

Thank you for reading our article. You can keep up-to-date by subscribing to our daily newsletter. Just click here

16 July 2022, 14:37