यूक्रेन की एक माँ अपने शिशु को गोद में ली हुई यूक्रेन की एक माँ अपने शिशु को गोद में ली हुई 

यूक्रेन ˸ यूरोपीय कलीसियाओं द्वारा स्थायी शांति हेतु सच्ची वार्ता की अपील

यूरोपीय कलीसियाओं एवं काथलिक धर्माध्यक्षों ने यूक्रेन में रूसी हमले की कड़ी निंदा की है तथा सभी धार्मिक एवं राजनितिक अधिकारियों से अपील की है कि वे सच्ची वार्ता में भाग लें एवं स्थायी शांति को बढ़ावा दें।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

यूरोपीय काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन (यूरोप में काथलिक कलीसियाओं के 45 देश) और यूरोपीय कलीसियाओं के सम्मेलन (पूरे यूरोप में ऑर्थोडॉक्स, प्रोटेस्टंट और अंगलिकन की 114 कलीसियाओं) ने यूक्रेन में युद्ध पर एक संयुक्त बयान जारी किया है।   

कलीसिया के धर्मगुरूओं ने विश्व के नेताओं एवं अंतरराष्ट्रीय समुदायों से एक संयुक्त अपील जारी की है कि इस युद्ध के अंत हेतु हरसंभव प्रयास किया जाए, जो जीवन नष्ट कर रहा है एवं असंख्य पीड़ा उत्पन्न कर रहा है। 

ख्रीस्तीय विश्वास के केंद्र में शांति

संयुक्त अपील 21 मार्च को ब्रातीस्लावा में वार्षिक सभा के दौरान जारी की गई।

धर्मगुरूओं ने रेखांकित किया कि ख्रीस्तीय विश्वास का केंद्र है शांति और मेल-मिलाप। उन्होंने फ्रत्तेल्ली तूती (238) का हवाला देते हुए चिन्हित किया कि येसु कभी भी हिंसा अथवा असहिष्णुता को बढ़वा नहीं दिये। उन्होंने "दूसरों पर अधिकार जताने के लिए बल प्रयोग का खुला विरोध किया।"

अतः धर्माधिकारियों ने जोर दिया कि "युद्ध को न्यायसंगत ठहराने के लिए धर्म को साधन के रूप में कभी प्रयोग नहीं किया जाना चाहिए।"

उन्होंने कहा कि "सभी धर्म एक साथ रूसी आक्रमण की निंदा करते हैं, उस अपराध की जिसको यूक्रेनी लोगों के खिलाफ किया जा रहा है एवं इस पृष्टभूमि पर ईश्वर के नाम का दुष्प्रयोग किया जा रहा है।" 

स्थायी शांति की ओर वार्ता

यूरोपीय कलीसिया के धर्मगुरूओं ने धार्मिक एवं राजनीतिक नेताओं से अपील की है कि वे "सच्ची वार्ता में शामिल होने एवं स्थायी शांति को बढ़ावा देने के लिए हर संभव प्रयास करें।"

उन्होंने कलीसिया के स्थानीय एवं प्रांतीय एनजीओस के द्वारा तथा सरकारी अधिकारियों द्वारा युद्ध से भागने में लोगों को दी जा रही मदद हेतु अपना आभार प्रकट किया।  

कलीसिया के नेताओं ने उन रूसी लोगों के प्रति भी अपनी सहानुभूति प्रकट की है जो साहस पूर्व हमले के विरोध में प्रदर्शन कर रहे हैं।

अंततः उन्होंने शांति हेतु कलीसियाओं की अनवरत प्रार्थना पर ध्यान देते हुए, सभी ख्रीस्तीयों से प्रार्थना में भाग लेने की अपील की है, साथ ही, हरेक व्यक्ति की प्रतिष्ठा को बनाये रखने, युद्ध समाप्त करने और मेल-मिलाप की प्रक्रिया शुरू करने पर प्रयास जारी रखने का प्रोत्साहन दिया है।   

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24 March 2022, 16:33