अमाजोन के आदिवासी अमाजोन के आदिवासी  

कोप 26 ˸ अमाजोन की कलीसिया द्वारा ठोस परिणाम की मांग

बृहस्पतिवार को जारी एक बयान में अमाजोन के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के धर्माध्यक्षों और पान – अमाजोन कलीसियाई नेटवर्क ने स्कॉटलैंड में जलवायु परिवर्तन पर शिखर सम्मेलन में भाग ले रहे विश्व नेताओं से कहा है कि समय समाप्त हो रहा है।

उषा मनोरमा तिरकी-वाटिकन सिटी

जब कोप 26 ग्लासगो में जारी है, अमाजोन की कलीसिया के धर्मगुरूओं ने "मूर्त परिणाम की अपील की है जो एक बार और सभी के लिए मार्ग परिवर्तन की ओर ले जाएगा।

असहाय होने की भावना

लातीनी अमरीकी कलीसिया के नेताओं ने मानव और पर्यावरण पर जलवायु परिवर्तन के "विनाशकारी प्रभाव" के सामने "हैरानी" और "असहाय होने की भावना" व्यक्त की है और याद किया है कि अमाजोन, अपनी जैव-विविधता और सांस्कृतिक समृद्धि के साथ, इन परिवर्तनों का खामियाजा भुगत रहा है।

अमाजोन की जैव-विविधता का विनाश

उन्होंने कहा है कि दक्षिणी अमरीकी वर्षावन क्षेत्र के लिए, पर्यावरण नीतियों, असंवेदनशील और समझौता न करनेवाली सरकारों, निर्मम खनन गतिविधियां, जंगल उजाड़े जाने, जंगलों में आग लगने और नदियों के प्रदूषण के कारण आज खतरे की घंटी बज रही है, जिसकी कीमत गरीबों को चुकानी पड़ रही है जो सबसे पहले इसके शिकार होते हैं।   

परिवर्तन की अति आवश्यकता

अतः धर्मगुरूओं ने कहा कि साहसिक और शीघ्र कारर्वाई करने की जरूरत है "क्योंकि समय समाप्त हो रहा है ˸ आपको आसन्न आपदा को दूर करने हेतु असाधारण निर्णय लेने की जरूरत है। जो कुछ मामलों में पहले से ही सार्वजनिक और निजी नीतियों एवं निर्णयों के कारण है। हम अधिक प्रतीक्षा नहीं कर सकते, हम ठोस परिवर्तन का इंतजार कर रहे हैं, निश्चय ही, एक बार और सभी के लिए।"

ईमानदारी, साहस और जिम्मेदारी

अमाजोन कलीसिया के नेताओं ने अनुसार वर्तमान जलवायु संकट के सामने विश्व को ईमानदारी, साहस और उत्तरदायित्व की जरूरत है, विशेषकर, सबसे शक्तिशाली और प्रदूषण फैलाने वाले देशों के लिए, सार्वजनिक संसाधनों को मुट्ठी भर लोगों के हाथों डालने को सहन नहीं किया जाएगा।   

विश्व का अंतिम अवसर

बयान के अनुसार धर्माध्यक्षों ने आशा व्यक्त की है कि कलीसिया एवं अमाजोन के लोगों की अपील जो सदियों तक पृथ्वी के संरक्षक रहे हैं, सुनी जायेगी। "हम आशा नहीं खो सकते कि जो निर्णय (ग्लासगो में) साहस एवं सही तरीके से लिया गया है वह समस्या की जड़ का सामना करेगा क्योंकि नोवेल पुरस्कार विजेता गाब्रिएल गरचा मारक्वेज की कृति "एक सौ साल का एकांत" के अनुसार, सौ साल के एकांत की निंदा वाली दौड़ को पृथ्वी पर दूसरा अवसर नहीं मिला।

बयान पर ब्राजील के कार्डिनल क्लौदियो हूम्मेस और अमाजोन कलीसियाई नेटवर्क के अध्यक्ष एवं महासचिव फादर अफ्रेदो फेर्रो एवं अमाजोन के काथलिक धर्माध्यक्षीय सम्मेलन के अध्यक्ष कार्डिनल पेद्रो बार्रेतो और सचिव फादर जाओ गुटेनबर्ग सामपाइयो न हस्ताक्षर किया है।

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06 November 2021, 15:37